जांजगीर चांपा: केन्द्र की मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. जिसके लिए मोदी सरकार ने 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के नाम से पूरे देश में एक योजना लागू की है. इस योजना के तहत किसानों को खेती-बाड़ी में आर्थिक सहायता के लिए सालाना 6 हजार रूपए देने का प्रावधान है.
लेकिन किसानों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है. जिसके कारण इन्हें खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि 'कई बार आवेदन करने के बावजूद भी उनके अकाउंट में अभी तक राशि नहीं आई है. किसानों का यह आरोप है कि पटवारियों को दो-तीन बार आवेदन दे चुके हैं, इसके बावजूद अभी तक उन्हें राशि का भुगतान नहीं हुआ है. एक ओर जहां बेमौसम बरसात और फसल में लगने वाली बीमारियों के कारण किसानों को नुक्सान हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर सरकार की योजनाओं का लाभ पूरी तरह से न मिलने से किसान चिंतित हैं.
आधार कार्ड और एकाउंट नंबर में त्रुटी से हो रही है देरी
अधिकारियों ने बताया कि 'आवेदन में कुछ किसानों का आधार कार्ड, बैंक एकाउंट नंबर और IFSC कोड गलत होने की वजह से आवेदन रिजेक्ट हो जातें हैं'. पामगढ़ तहसील कार्यालय में पदस्थ तहसीलदार जयश्री पथे ने कहा कि 'गलतियों में सुधार का काम किया जा रहा है, जिसके लिए तहसील कार्यालय में ही भुंईया साखा कंप्यूटर ऑपरेटर के पास आवेदन दिया जा रहा है'.
आवेदन के निराकरण हेतु पूरे क्षेत्र में एक ही आपरेटर है.
किसान सम्मान निधि के आवेदन में सुधार और बि1-पी2 और नक्शा-खसरा निकालने के लिए तहसील कार्यालय के भुंइया शाखा में एक ही कंप्यूटर ऑपरेटर पदस्थ है. पूरे क्षेत्र के किसान उसी के पास जाते हैं जिसके कारण आय दिन भीड़ के हालात बने रहते हैं. भीड़ की वजह से कई बार बाद-विवाद की स्थिति भी बन जाती है. जाहिर है कि इन हालात में ज्यादा ऑपरेटर्स की जरूरत तो होगी ही.
बता दें कि केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. योजना के तहत पूरे देश में किसानों के खातों में राशि डालने काम शुरू कर दिया था. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण किसानों की लिस्ट नहीं भेजी गई थी. जिसके बाद केंद्र ने किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों की लिस्ट लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया. इसे भी भुगतान में हो रही देरी का एक कारण समझा जा सकता है.