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जांजगीर-चांपा : सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है ये परिवार, प्रशासन बना मूकदर्शक - Chhattisgarh

जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम ठाकुरपाली में सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है. गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से बहिष्कृत कर दिया गया है.

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है ये परिवार
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Published : May 29, 2019, 11:40 PM IST

जांजगीर-चांपा: जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत की तर्ज पर लोगों को समाज से बहिष्कृत करने की प्रथा चल रही है. इसके कारण न सिर्फ लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं.

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है ये परिवार

ऐसा ही एक मामला ग्राम ठाकुरपाली में सामने आया है, जहां गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से बहिष्कृत कर दिया गया है.

क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला जिले के डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का है, जहां प्रेमकुमार श्रीवास हेयर कटिंग सैलून संचालित कर अपनी रोजी-रोटी चलाता है. उसे और उसके परिवार के सदस्यों को श्रीवास समाज ने महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया है, क्योंकि वह डेढ़ साल पहले गांव के गाड़ा समाज के एक षष्ठी कार्यक्रम में कटिंग-सेविंग करने गया था. इसके बाद से उन्हें समाज के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है. दिसम्बर 2017 से समाज में उनका आना-जाना, बातचीत और उठना-बैठना बंद है.

समाज के लोगों को दी जाएगी समझाइश
पीड़ित दंपति का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अफसरों और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से महीनों पहले कर दी गई है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस वजह से उनका जीना मुहाल हो गया है. वहीं मामले को लेकर डभरा एसडीएम अनुपम तिवारी का कहना है कि श्रीवास समाज के लोगों को समझाइश दी जाएगी. साथ ही पुलिस को मामले की उचित कॉल करने के लिए भी निर्देश दिए जाएंगे.

कलेक्टर और एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन
सोशल मीडिया के माध्यम से गाड़ा समाज के पदाधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली, तो पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डभरा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे, जहां उन्होंने मामले पर कार्रवाई करने और छुआछूत को दूर करने की सामाजिक पहल के लिए कलेक्टर और एसपी के नाम पर ज्ञापन सौंपा.

जांजगीर-चांपा: जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत की तर्ज पर लोगों को समाज से बहिष्कृत करने की प्रथा चल रही है. इसके कारण न सिर्फ लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं.

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है ये परिवार

ऐसा ही एक मामला ग्राम ठाकुरपाली में सामने आया है, जहां गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से बहिष्कृत कर दिया गया है.

क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला जिले के डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का है, जहां प्रेमकुमार श्रीवास हेयर कटिंग सैलून संचालित कर अपनी रोजी-रोटी चलाता है. उसे और उसके परिवार के सदस्यों को श्रीवास समाज ने महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया है, क्योंकि वह डेढ़ साल पहले गांव के गाड़ा समाज के एक षष्ठी कार्यक्रम में कटिंग-सेविंग करने गया था. इसके बाद से उन्हें समाज के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है. दिसम्बर 2017 से समाज में उनका आना-जाना, बातचीत और उठना-बैठना बंद है.

समाज के लोगों को दी जाएगी समझाइश
पीड़ित दंपति का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अफसरों और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से महीनों पहले कर दी गई है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस वजह से उनका जीना मुहाल हो गया है. वहीं मामले को लेकर डभरा एसडीएम अनुपम तिवारी का कहना है कि श्रीवास समाज के लोगों को समझाइश दी जाएगी. साथ ही पुलिस को मामले की उचित कॉल करने के लिए भी निर्देश दिए जाएंगे.

कलेक्टर और एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन
सोशल मीडिया के माध्यम से गाड़ा समाज के पदाधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली, तो पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डभरा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे, जहां उन्होंने मामले पर कार्रवाई करने और छुआछूत को दूर करने की सामाजिक पहल के लिए कलेक्टर और एसपी के नाम पर ज्ञापन सौंपा.

Intro:

जांजगीर-चाम्पा :- जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत की तर्ज पर लोगों को समाज से बहिष्कृत करने की प्रथा चल रही है। इसके कारण न सिर्फ लोगों को मानसिक रुप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम ठाकुरपाली में सामने आया है, जहां गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को श्रीवास (नाई) समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। दिलचस्प पहलु यह है कि इस मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से करने के बावजूद पीड़ित परिवार को आज तक कोई राहत नहीं मिल सकी है। जिसकी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से गाढ़ा समाज के पदाधिकारियों को मिली जिसके बाद वह पीड़ित श्रीवास (नाई) परिवार को न्याय दिलाने के लिए आज डभरा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे जहां उन्होंने समाज के ठेकेदारों के ऊपर कार्यवाही करने तथा गाढ़ा समाज और छुआछूत को दूर करने के लिए सामाजिक पहल के लिए कलेक्टर एसपी के नाम पर ज्ञापन सौंपा।


क्या है पूरा माजरा

दरअसल, यह पूरा मामला जिले के डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का है। यहां का निवासी प्रेमकुमार श्रीवास गांव में ही हेयर कटिंग सैलून संचालित कर अपना और परिवार का जीवकोपार्जन करता है। उसे और उसके परिवार के सदस्यों को श्रीवास समाज ने समाज से महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया है, क्योंकि वह डेढ़ साल पहले गांव के गाड़ा समाज के एक षष्ठी कार्यक्रम में कटिंग-सेविंग करने चला गया था। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास का आरोप है कि ग्राम ठाकुरपाली के उतरा कुमार पिता हेमचरण चौहान के घर 20 दिसम्बर 2017 को उसकी पुत्री का षष्ठी कार्यक्रम था, जिसमें कटिंग-सेविंग कार्य के लिए प्रेमकुमार को बुलवाया गया था।
प्रेमकुमार ने वहां पहुंचकर लोगों की कटिंग-सेविंग की। इसके पांच दिन बाद 25 दिसम्बर 2017 को श्रीवास समाज ने एक सामाजिक बैठक बुलाई, जिससे उन्हें दूर रखा गया। बैठक के दूसरे दिन जानकारी मिली कि प्रेमकुमार श्रीवास को गाड़ा के घर जाकर नाई का काम करने के कारण समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। इस घटनाक्रम के बाद से उन्हें समाज के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है। अम्बिका श्रीवास के अनुसार, फरवरी 2018 में उनके घर बहन की शादी थी, लेकिन उसे व उसके परिवार को छुआछूत मानकर विवाह कार्यक्रम में शामिल होने नहीं दिया गया। दिसम्बर 2017 से समाज में उनका आना-जाना, बातचीत और उठना-बैठना बंद है।
समाज से बहिष्कृत किए जाने के कारण उनके परिवार से न तो कोई बात करता है और न ही दुकानदार सामान दे रहे हैं। यदि कोई सामान देने या अन्य तरीके से मदद करने को तैयार भी होता है तो समाज के लोग अड़ंगा डाल देते हैं। समाज के इस रवैये से उनके समक्ष रोजगार के भी लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उनके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या बनी हुई है। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत उनके द्वारा स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अफसरों से महीनों पहले कर दी गई है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस वजह से उनका जीना मुहाल हो गया है।



विधिक प्राधिकरण से भी मदद नहीं

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वैसे तो हर तरह के मामलों में त्वरित संज्ञान लेकर उचित कदम उठाने का दंभ भरता है, लेकिन ग्राम ठाकुरपाली निवासी श्रीवास दंपति के इस मामले में प्राधिकरण उचित पहल करने कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इस बात का खुलासा पीड़ित दंपत्ति ने स्वयं किया है। प्रेमकुमार और उसकी पत्नी अम्बिका श्रीवास ने बताया कि इस मामले की शिकायत उन्होंने डेढ़ माह पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जांजगीर-चांपा के अध्यक्ष एवं सचिव से लिखित में की है। शिकायत पत्र में पूरे घटनाक्रम को जिक्र करते हुए न्याय की गुहार लगाई गई है, लेकिन प्राधिकरण ने भी उनकी शिकायत पर अब तक कोई पहल नहीं की है।



समाज के लोगों को समझाइश दी जाएगी और पुलिस को कार्यवाही करने के लिए भी निर्देश दिया जाएंगे

वही मामले को लेकर डभरा एसडीएम अनुपम तिवारी का कहना है कि श्रीवास समाज के लोगों को समझाइश दी जाएगी साथ ही पुलिस को मामले की उचित कॉल करने के लिए भी निर्देश दिया जाएंगे

बाइट :- प्रेम कुमार श्रीवास पीड़ित
बाइट :-चतुरी डिग्रीलाल नंद प्रदेश प्रभारी छत्तीसगढ़ चौहान सेना
बाइट :-शशिकांत चौहान संस्थापक छत्तीसगढ़ चौहान सेना
बाइट:-अनुपम तिवारी SDM डभरा


Body:विसुअल बाइट


Conclusion:
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