जांजगीर-चांपा: जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी खाप पंचायत की तर्ज पर लोगों को समाज से बहिष्कृत करने की प्रथा चल रही है. इसके कारण न सिर्फ लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं.
ऐसा ही एक मामला ग्राम ठाकुरपाली में सामने आया है, जहां गाड़ा समाज के षष्ठी कार्यक्रम में जाकर कटिंग-सेविंग करने के कारण एक परिवार को समाज द्वारा पिछले डेढ़ साल से बहिष्कृत कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला जिले के डभरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत ठाकुरपाली का है, जहां प्रेमकुमार श्रीवास हेयर कटिंग सैलून संचालित कर अपनी रोजी-रोटी चलाता है. उसे और उसके परिवार के सदस्यों को श्रीवास समाज ने महज इसलिए बहिष्कृत कर दिया है, क्योंकि वह डेढ़ साल पहले गांव के गाड़ा समाज के एक षष्ठी कार्यक्रम में कटिंग-सेविंग करने गया था. इसके बाद से उन्हें समाज के किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है. दिसम्बर 2017 से समाज में उनका आना-जाना, बातचीत और उठना-बैठना बंद है.
समाज के लोगों को दी जाएगी समझाइश
पीड़ित दंपति का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन के अफसरों और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से महीनों पहले कर दी गई है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस वजह से उनका जीना मुहाल हो गया है. वहीं मामले को लेकर डभरा एसडीएम अनुपम तिवारी का कहना है कि श्रीवास समाज के लोगों को समझाइश दी जाएगी. साथ ही पुलिस को मामले की उचित कॉल करने के लिए भी निर्देश दिए जाएंगे.
कलेक्टर और एसपी के नाम सौंपा ज्ञापन
सोशल मीडिया के माध्यम से गाड़ा समाज के पदाधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली, तो पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए डभरा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे, जहां उन्होंने मामले पर कार्रवाई करने और छुआछूत को दूर करने की सामाजिक पहल के लिए कलेक्टर और एसपी के नाम पर ज्ञापन सौंपा.