ETV Bharat / state

कभी यहां थे 6-7 हजार आंवले के पेड़, अब सैकड़ों पेड़ों को बचाना भी हुआ मुश्किल

जांजगीर चांपा जिले में हजारों आंवले के पेड़ों के लिए अतिक्रमणकारी मुसीबत बन गए हैं. प्रशासन ने पेड़ों को पंचायत के हवाले कर दिया है. पंचायत फंड का रोना रो रहा है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
आंवले के पेड़ों के लिए अतिक्रमण कारी बने मुसीबत
author img

By

Published : Feb 17, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 5:11 PM IST

जांजगीर चांपा: जिले के बारगांव में हजारों की संख्या में लगे आंवले के पेड़ आज संकट में हैं. सही तरीके से देखभाल नहीं होने और अतिक्रमणकारियों की वजह से डेढ़ दशक पुराने आंवले के हजारों पेड़ ठूठ बनकर रह गए हैं. बचे हुए पेड़ों पर भी अतिक्रमणकारियों की नजर है. पंचायत के पास भी पेड़ों को बचाने के लिए फंड नहीं है.

आंवले के पेड़ों के लिए अतिक्रमण कारी बने मुसीबत

6 से 7 हजार पेड़ों की संख्या घटकर हुई डेढ़ हजार

मैदानी जिले में जहां जंगल नहीं के बराबर होते हैं. ऐसे में जिले के पामगढ़ ब्लॉक के बारगांव में आंवले के हजारों पेड़ आज अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं. दरअसल बारगांव में डेढ़ दशक पहले वन विभाग ने 20 एकड़ में आंवले के पेड़ लगाए. उस समय लगभग 6 से 7 हजार आंवले के पेड़ लगाए गए. लेकिन आज की स्थिति में आंवला पेड़ों की संख्या महज डेढ़ हजार के करीब बची है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
आंवले के पेड़

पंचायत ने बताई फंड की कमी

वन विभाग ने फेंसिंग कर आंवले के पेड़ लगाए थे. 2 साल पहले वन विभाग ने बाड़ी को पंचायत को हैंड ओवर कर दिया था. पंचायत को इसकी जिम्मेदारी तो मिल गई लेकिन पंचायत की तरफ से बाड़ी के लिए कोई भी काम नहीं किया. इसके पीछे पंचायत ने फंड नहीं होने की दलील दी. रखरखाव ठीक से नहीं होने से बाड़ी की हालत और खराब हो गई. इस दौरान पूरी फेंसिंग भी ध्वस्त हो गई. अतिक्रमणकारियों ने पेड़ काटकर घर बनाना शुरू कर दिया.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
आंवले के पेड़ों को बचाना बड़ी चुनौती

सरगुजा: करदोनी जंगल में चल रहा था कब्जे का खेल, वन विभाग ने की कार्रवाई

फेंसिंग नहीं होने से अतिक्रमण और आंवला पेड़ों की कटाई

नगर पंचायत इस बारे में प्रशासन को अवगत कराते आ रहा है. गांव के सरपंच पति और स्थानीय लोगों ने बताया कि अतिक्रमण और कटाई के कारण लगातार आंवले के पेड़ों की संख्या में कमी होती जा रही है. हालांकि प्रशासन के अधिकारी इसे लेकर एक-दो बार मुआयना जरूर कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
टूटा फेंसिंग

'आंवला बाड़ी के लिए तालाब निर्माण'

इस संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ ने बताया कि जल स्रोत विकसित करने के लिए तालाब निर्माण किया जाएगा. लेकिन फेंसिंग को लेकर अभी तक प्रयास किए जाने की बात उन्होंने नहीं कही. अब जब आंवला बाड़ी में फेंसिंग नहीं हो पाएगा तो पूरी बाड़ी के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
कटे आंवले के पेड़

एक जगह में हजारों की संख्या में आंवले का पेड़ होना अपने आप में अनूठा है. इसको बचाने को लेकर जो सजगता प्रशासन को दिखानी चाहिए वो दिखाई नहीं दे रहा है.जबकि प्रशासन को इस आंवला बाड़ी को धरोहर समझकर संजोए रखने की जरूरत है.

जांजगीर चांपा: जिले के बारगांव में हजारों की संख्या में लगे आंवले के पेड़ आज संकट में हैं. सही तरीके से देखभाल नहीं होने और अतिक्रमणकारियों की वजह से डेढ़ दशक पुराने आंवले के हजारों पेड़ ठूठ बनकर रह गए हैं. बचे हुए पेड़ों पर भी अतिक्रमणकारियों की नजर है. पंचायत के पास भी पेड़ों को बचाने के लिए फंड नहीं है.

आंवले के पेड़ों के लिए अतिक्रमण कारी बने मुसीबत

6 से 7 हजार पेड़ों की संख्या घटकर हुई डेढ़ हजार

मैदानी जिले में जहां जंगल नहीं के बराबर होते हैं. ऐसे में जिले के पामगढ़ ब्लॉक के बारगांव में आंवले के हजारों पेड़ आज अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे हैं. दरअसल बारगांव में डेढ़ दशक पहले वन विभाग ने 20 एकड़ में आंवले के पेड़ लगाए. उस समय लगभग 6 से 7 हजार आंवले के पेड़ लगाए गए. लेकिन आज की स्थिति में आंवला पेड़ों की संख्या महज डेढ़ हजार के करीब बची है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
आंवले के पेड़

पंचायत ने बताई फंड की कमी

वन विभाग ने फेंसिंग कर आंवले के पेड़ लगाए थे. 2 साल पहले वन विभाग ने बाड़ी को पंचायत को हैंड ओवर कर दिया था. पंचायत को इसकी जिम्मेदारी तो मिल गई लेकिन पंचायत की तरफ से बाड़ी के लिए कोई भी काम नहीं किया. इसके पीछे पंचायत ने फंड नहीं होने की दलील दी. रखरखाव ठीक से नहीं होने से बाड़ी की हालत और खराब हो गई. इस दौरान पूरी फेंसिंग भी ध्वस्त हो गई. अतिक्रमणकारियों ने पेड़ काटकर घर बनाना शुरू कर दिया.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
आंवले के पेड़ों को बचाना बड़ी चुनौती

सरगुजा: करदोनी जंगल में चल रहा था कब्जे का खेल, वन विभाग ने की कार्रवाई

फेंसिंग नहीं होने से अतिक्रमण और आंवला पेड़ों की कटाई

नगर पंचायत इस बारे में प्रशासन को अवगत कराते आ रहा है. गांव के सरपंच पति और स्थानीय लोगों ने बताया कि अतिक्रमण और कटाई के कारण लगातार आंवले के पेड़ों की संख्या में कमी होती जा रही है. हालांकि प्रशासन के अधिकारी इसे लेकर एक-दो बार मुआयना जरूर कर चुके हैं. लेकिन अब तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
टूटा फेंसिंग

'आंवला बाड़ी के लिए तालाब निर्माण'

इस संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ ने बताया कि जल स्रोत विकसित करने के लिए तालाब निर्माण किया जाएगा. लेकिन फेंसिंग को लेकर अभी तक प्रयास किए जाने की बात उन्होंने नहीं कही. अब जब आंवला बाड़ी में फेंसिंग नहीं हो पाएगा तो पूरी बाड़ी के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है.

Encroachment has become a problem for thousands of amla trees in Janjgir district
कटे आंवले के पेड़

एक जगह में हजारों की संख्या में आंवले का पेड़ होना अपने आप में अनूठा है. इसको बचाने को लेकर जो सजगता प्रशासन को दिखानी चाहिए वो दिखाई नहीं दे रहा है.जबकि प्रशासन को इस आंवला बाड़ी को धरोहर समझकर संजोए रखने की जरूरत है.

Last Updated : Feb 17, 2021, 5:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.