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जांजगीर-चांपा : बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा उठा रहे हैं उपभोक्ता - Electricity bill by adding tariff

जांजगीर-चांपा में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण उपभोक्ताओं को परेशानियां उठानी पड़ रही है. 2 से 3 महीने में एक साथ टैरिफ जोड़कर बिजली बिल दिया जा रहा है.

Electricity department negligence
बिजली विभाग की लापरवाही
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Published : Dec 11, 2019, 4:22 PM IST

जांजगीर-चांपाः जिले में बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से उपभोक्ताओं को समय पर बिजली का बिल नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण आम उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिजली विभाग की लापरवाही

उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिल समय पर नहीं मिल पात है और यदि बिल मिलता है तो अनाप-शनाप थमा दिया जा रहा है. उपभोक्ता ने बताया कि विभाग की लापरवाही इतना ज्यादा है कि कई घर में 3 से 4 बल्ब, पंखा और टीवी ही उपयोग किया जाता है, लेकिन बिल 20 हजार से भी ज्यादा आता है.

उपभोक्ता लगा रहे हैं ऑफिस के चक्कर
कई उपभोक्ताओं को 2 से 3 महीने बाद एक साथ बिल दिया जाता है, जिस कारण बिल बढ़ा हुआ मिलता है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है.उन्होंने बताया कि सैकड़ों उपभोक्ता रोजना बिल सुधरवाने ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ता द्वारा बिल न मिलने की शिकायत पर जिम्मेदार अधिकारी बिल भेजने की बात कहते हैं. इसके अलावा शिकायतों पर कोई रिस्पांस नहीं दिया जाता है.

ग्रामीण इलाकों में है बुरा हाल
ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं ने बताया कि रीडिंग किए बिना ही अंदाजे के आधार पर खपत दिखाकर बिलिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि कई बार जानबूझकर रीडिग नहीं की जाती है, जिसकी वजह से आने वाले महीने में टैरिफ जुड़ जाता है और बढ़ा हुआ बिल उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

मामले में संबंधित अधिकारी से बात किए जाने पर व्यवस्था सुधारने की बात कही. स्पॉट बिलिंग में निगरानी रखने के लिए सुपरवाइजरों की संख्या बढ़ाने के विभाग भी इस पर नजर रखेगी, लेकिन उपभोक्ताओं को बिजली विभाग के इस कोरे आश्वासन पर यकीन नहीं है.

जांजगीर-चांपाः जिले में बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से उपभोक्ताओं को समय पर बिजली का बिल नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण आम उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बिजली विभाग की लापरवाही

उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिल समय पर नहीं मिल पात है और यदि बिल मिलता है तो अनाप-शनाप थमा दिया जा रहा है. उपभोक्ता ने बताया कि विभाग की लापरवाही इतना ज्यादा है कि कई घर में 3 से 4 बल्ब, पंखा और टीवी ही उपयोग किया जाता है, लेकिन बिल 20 हजार से भी ज्यादा आता है.

उपभोक्ता लगा रहे हैं ऑफिस के चक्कर
कई उपभोक्ताओं को 2 से 3 महीने बाद एक साथ बिल दिया जाता है, जिस कारण बिल बढ़ा हुआ मिलता है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है.उन्होंने बताया कि सैकड़ों उपभोक्ता रोजना बिल सुधरवाने ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ता द्वारा बिल न मिलने की शिकायत पर जिम्मेदार अधिकारी बिल भेजने की बात कहते हैं. इसके अलावा शिकायतों पर कोई रिस्पांस नहीं दिया जाता है.

ग्रामीण इलाकों में है बुरा हाल
ग्रामीण इलाके के उपभोक्ताओं ने बताया कि रीडिंग किए बिना ही अंदाजे के आधार पर खपत दिखाकर बिलिंग की जाती है. उन्होंने कहा कि कई बार जानबूझकर रीडिग नहीं की जाती है, जिसकी वजह से आने वाले महीने में टैरिफ जुड़ जाता है और बढ़ा हुआ बिल उपभोक्ताओं को मिल रहा है.

मामले में संबंधित अधिकारी से बात किए जाने पर व्यवस्था सुधारने की बात कही. स्पॉट बिलिंग में निगरानी रखने के लिए सुपरवाइजरों की संख्या बढ़ाने के विभाग भी इस पर नजर रखेगी, लेकिन उपभोक्ताओं को बिजली विभाग के इस कोरे आश्वासन पर यकीन नहीं है.

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गलती बिजली विभाग की भुगत रहे उपभोक्ता, दो-तीन महीने बाद मिल रहा बिजली बिल वह भी मनमाना,

बिजली बिल पटाने वालों से ज्यादा सुधरवाने वालों की लगती है लाइन

एंकर- जांजगीर-चांपा जिले मे विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल नहीं मिल रहा है, और जब मिल रहा है तो जो मन में आए अनाप शनाप बिल थमाया जा रहा है। लापरवाही इस कदर है कि कई घर में मात्र 3 से 4 बल्ब, एक पंखा और टीवी ही चलने पर भी बिल 20 से 23 हजार रुपए दिया गया है। इसी प्रकार अन्य कई उपभोक्ताओं को भी 2 से 3 माह बाद एक साथ बिजली का बिल बढ़ाकर दिया जा रहा है। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। सैकड़ों उपभोक्ता रोज बिल सुधरवाने आफिस का चक्कर काट रहे हैं। बिल न मिलने की जानकारी देने पर उपभोक्ताओं को जिम्मेदार अधिकारी द्वारा बिल भिजवाने की बात कही जाती है, लेकिन महीने बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता। ऐसा शहर में तीन माह से स्पॉट बिलिंग किया जा रहा है। जिसमें कर्मचारियों को घरों की जानकारी नहीं होने से मीटर रीडिंग लेने लोगों के घर ही नहीं पहुंच पा रहे हैं। रीडिंग किए बिना ही अंदाजे के आधार पर खपत दिखाकर बिलिंग कर दी जा रही है। ग्रामीणों क्षेत्रों का तो और भी बुरा हाल है, यहां जानबूझकर रीडिग नहीं ली जाती है। जिससे अगले माह टेरिफ जुड़कर ज्यादा का बिल उपभोक्ताओं को मिल रहा है। अधिक टैरिफ वसूल कर उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से तंग करने का मामला भी बिजली विभाग की लापरवाही उजागर कर रहा है। अधिकारी इस मामले के लगातार तूल पकड़ने के बाद अब व्यवस्था बहाली का आश्वासन तो दे रहे हैं, मगर ऐसे आश्वासन की अब उपभोक्ताओं को आदत पड़ चुकी है।

बाईट-1 सुभद्रा यादव उपभोक्ता
बाईट-2 दिनेश सिंह उपभोक्ता
बाईट-3 मनीष तनेजा अधीक्षण यंत्री सीएसईबी जांजगीर-चांपा Body:,,,,,,,Conclusion:,,,,,,,
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