ETV Bharat / state

हजारों किलोमीटर दूर से चंद्रहासिनी मंदिर पहुंचे श्रद्धालु, बिना दर्शन के लौटना पड़ा वापस - Chandrapur

चंद्रहासिनी मंदिर में हजारों-सैकड़ों किलोमीटर दूर से मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालु बगैर दर्शन करे उल्टे पांव वापस लौट रहे हैं. कोरोना की वजह से दर्शन की अनुमति नहीं है. इसलिए उन्हें मुख्य द्वार पर ही पूजा-अर्चना कर वापस लौटना पड़ रहा है.

Chandrahasini Devi Temple
चंद्रहासिनी देवी मंदिर
author img

By

Published : Oct 21, 2020, 8:12 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 3:23 PM IST

जांजगीर-चांपा: जिले के प्रसिद्ध मंदिर और शक्तिपीठों में शुमार चंद्रहासिनी मंदिर में इन दिनों दर्शन की अनुमति नहीं है. नवरात्रि में मां चन्द्रहासिनी के दर्शन के लिए श्रद्धालु हजारों-सैकड़ों किलोमीटर दूर से मंदिर पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर शासन द्वारा जारी सख्त निर्देशों की वजह से मजबूरन श्रद्धालुओं को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा है.

आस्था पर भारी कोरोना

चंद्रहासिनी देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए आसपास के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं है. ऐसी स्थिति में श्रद्धालु मंदिर के मुख्य द्वार से वापस लौट रहे हैं. श्रद्धालु का कहना है कि जानकारी के अभाव में ऐसा हो रहा है. हालांकि इस दौरान वे मुख्य द्वार पर ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: सबकी झोली भरने वाली मां चंद्रहासिनी के दर पर दुकान लगाने वालों के हाथ खाली

उत्तर प्रदेश से दर्शन करने आए श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से पहुंचे श्रद्धालु प्रदीप कुमार ने बताया कि दर्शन करने के लिए 15 से 20 के समूह में आए हैं. प्रदीप ने आगे कहा कि मंदिर बंद है करके उन्हें नहीं पता था. उनको लगा था कि दूसरे मंदिरों की तरह यह मंदिर भी खुला होगा. उन्होंने बताया कि मैहर में शारदा मां का दर्शन करने के बाद वे चंद्रहासिनी आए हुए थे.

मुख्य द्वार पर ही पूजा करके लौट गए

इसी तरह दर्शन करने के लिए मंदिर आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वे लवन (बलौदाबाजार) जिले से पहुंचे हैं. उन्हें मंदिर बंद होने की जानकारी नहीं थी. उनका कहना है कि वे दर्शन नहीं होने के कारण मंदिर से मुख्य द्वार पर ही पूजा करके चले जाएंगे.

यह भी पढ़ें: इस बार ऑनलाइन होंगे मां महामाया के दर्शन, स्क्रीन पर दिखाई जाएगी ज्योत

माता सती का गिरा था अधोदंत

आदिकाल से मान्यता है कि यहां महानदी के किनारे चंद्रपुर में माता सती का अधोदंत गिरा था, जिसके बाद से यहां पर सिद्ध पीठ की स्थापना की गई थी. यहीं कारण है कि यहां चंद्रहासिनी देवी का दर्शन करने के लिए हजारों-सैकड़ों किलोमीटर दूर से लोग आते हैं. नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भक्ति देखने लायक होती है, लेकिन कोरोनाकाल में यह स्थिति बिल्कुल उलट है और इस साल माता के भक्त उनके बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं.

जांजगीर-चांपा: जिले के प्रसिद्ध मंदिर और शक्तिपीठों में शुमार चंद्रहासिनी मंदिर में इन दिनों दर्शन की अनुमति नहीं है. नवरात्रि में मां चन्द्रहासिनी के दर्शन के लिए श्रद्धालु हजारों-सैकड़ों किलोमीटर दूर से मंदिर पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर शासन द्वारा जारी सख्त निर्देशों की वजह से मजबूरन श्रद्धालुओं को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा है.

आस्था पर भारी कोरोना

चंद्रहासिनी देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए आसपास के लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं है. ऐसी स्थिति में श्रद्धालु मंदिर के मुख्य द्वार से वापस लौट रहे हैं. श्रद्धालु का कहना है कि जानकारी के अभाव में ऐसा हो रहा है. हालांकि इस दौरान वे मुख्य द्वार पर ही पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL: सबकी झोली भरने वाली मां चंद्रहासिनी के दर पर दुकान लगाने वालों के हाथ खाली

उत्तर प्रदेश से दर्शन करने आए श्रद्धालु

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से पहुंचे श्रद्धालु प्रदीप कुमार ने बताया कि दर्शन करने के लिए 15 से 20 के समूह में आए हैं. प्रदीप ने आगे कहा कि मंदिर बंद है करके उन्हें नहीं पता था. उनको लगा था कि दूसरे मंदिरों की तरह यह मंदिर भी खुला होगा. उन्होंने बताया कि मैहर में शारदा मां का दर्शन करने के बाद वे चंद्रहासिनी आए हुए थे.

मुख्य द्वार पर ही पूजा करके लौट गए

इसी तरह दर्शन करने के लिए मंदिर आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वे लवन (बलौदाबाजार) जिले से पहुंचे हैं. उन्हें मंदिर बंद होने की जानकारी नहीं थी. उनका कहना है कि वे दर्शन नहीं होने के कारण मंदिर से मुख्य द्वार पर ही पूजा करके चले जाएंगे.

यह भी पढ़ें: इस बार ऑनलाइन होंगे मां महामाया के दर्शन, स्क्रीन पर दिखाई जाएगी ज्योत

माता सती का गिरा था अधोदंत

आदिकाल से मान्यता है कि यहां महानदी के किनारे चंद्रपुर में माता सती का अधोदंत गिरा था, जिसके बाद से यहां पर सिद्ध पीठ की स्थापना की गई थी. यहीं कारण है कि यहां चंद्रहासिनी देवी का दर्शन करने के लिए हजारों-सैकड़ों किलोमीटर दूर से लोग आते हैं. नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भक्ति देखने लायक होती है, लेकिन कोरोनाकाल में यह स्थिति बिल्कुल उलट है और इस साल माता के भक्त उनके बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं.

Last Updated : Oct 22, 2020, 3:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.