जांजगीर चांपा: जिले के उत्कर्ष डी एड महाविद्यालय में गुरुवार को डी एड प्रवेश के लिए अंतिम भर्ती प्रक्रिया आयोजन किया गयाय. इसमें छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्र के अभ्यर्थी काउसीलिंग में शामिल होने पहुंचे. लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने 12 बजे से ही गेट में ताला लगाकर काउसीलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी. यही कारण है कि पहले नंबर पर नाम रहने वाले अभ्यर्थी प्रवेश काउसलिंग से वंचित रह गए.
ये है पूरा मामला: दरअसल, अभ्यर्थियों ने कॉलेज प्रबंधन पर मनमानी और ढाई लाख रुपये लेकर अपने चहेते लोगों को लाभ दिलाने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन में तहसीलदार को जांच के लिए भेजा. डी एड बी एड कॉलेज में एडमिशन के नाम पर प्रदेश भर में बड़ा खेल चल रहा है. एडमिशन के नाम पर पात्र अभ्यर्थियों को वंचित किया जा रहा है. ये आरोप जांजगीर चाम्पा जिले में भी उत्कर्ष महाविद्यालय संचालक पर लगा रहा है. 12 बजे से महाविद्यालय गेट के सामने गहमागहमी चल रही थी. कई जिलों से अभ्यर्थी काउसलिंग में शामिल होने पहुंचे थे. लेकिन 12 बजे से पहले ही महाविद्यालय प्रबंधन ने कुछ अभ्यर्थियों को पहले ही अंदर बुला लिया. गेट में ताला लगा दिया.
जानकारी के लिए घंटों खड़े रहे अभ्यर्थी: इस दौरान कई अभ्यर्थी महाविद्यालय प्रबंधन से जानकारी लेने के लिए घंटों खड़े रहे. लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई. अभ्यर्थियों की भीड़ और परेशानी की सूचना पर जिला प्रशासन ने दो तहसीलदार को मौके पर निरीक्षण के लिए भेजा. जब तहसीलदार गेट पर पहुंचे तो भी महाविद्यालय का गेट नहीं खुला. पिछले रास्ते से अधिकारी महाविद्यालय में प्रवेश किए और गेट में अभ्यर्थी की भीड़ और तालाबंद करने के बारे में जानकारी ली. उन्होंने बी एड डी एड प्रवेश प्रक्रिया के विषय में जानकारी मांगी. इस पर महाविद्यालय प्रबंधन ने एनसीईआरटी के 19 दिसंबर को जारी आदेश की कॉपी दिखाया.
21 को काउसीलिंग 19 को बदला नियम: कॉलेज प्रबंधक ने एनसीईआरटी के आदेश का हवाला देकर 12 बजे गेट में ताला लगा दिया. बंद कमरे में काउंसिलिंग करने का दावा किया. मामले की जांच में पहुंचे अधिकारी ने कॉलेज परिसर में ताला लगाने को गलत बताया और इस मामले में अभ्यार्थियों को लिखित शिकायत की सलाह दी.
बता दें कि पूरे प्रदेश में बीएड और डीएड महाविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है. लगातार प्रवेश में बड़ी धांधली की शिकायत मिल रही है. इसके बाद भी प्रवेश प्रक्रिया में जांजगीर के उत्कर्ष महाविद्यालय में पारदर्शिता नहीं बरती गई. यही कारण है भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है. वहीं, मामले में जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.