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'नया भवन बनकर तैयार, कब तक जर्जर शाला में पढ़वाओगे सरकार' - खोखसा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला

खोखसा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, तो शौचालय भी खंडहर हो चुका है, ऐसे हालात में भी बच्चे यहां पढ़ने को मजबूर हैं

जर्जर भवन
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Published : Apr 15, 2019, 7:17 PM IST

जांजगीर चांपा : भले ही सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कई दावे कर रहीं हो, लेकिन हालात आज भी बद से बद्तर है. उन्हीं बदहाल स्कूलों में से एक है खोखसा में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, जहां के बच्चे जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन

दरअसल, जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर खोखसा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, तो शौचालय भी खंडहर हो चुका है, ऐसे हालात में भी बच्चे यहां पढ़ने को मजबूर हैं.

बात करें भवन के विकास की, तो नया भवन बनकर तैयार भी हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अब तक शिफ्ट नहीं किया गया है. इसकी वजह से छात्र पुराने भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. मामले में अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारी राजीव तिवारी का कहना है कि नया भवन बन चुका है, लेकिन अभी तक पीडब्ल्यूडी ने हैंडओवर नहीं किया है. हमने पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा है कि जल्द से जल्द हैंडओवर करें.

जांजगीर चांपा : भले ही सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कई दावे कर रहीं हो, लेकिन हालात आज भी बद से बद्तर है. उन्हीं बदहाल स्कूलों में से एक है खोखसा में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, जहां के बच्चे जर्जर भवन में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर भवन

दरअसल, जिला मुख्यालय से कुछ किलोमीटर दूर खोखसा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकता है, तो शौचालय भी खंडहर हो चुका है, ऐसे हालात में भी बच्चे यहां पढ़ने को मजबूर हैं.

बात करें भवन के विकास की, तो नया भवन बनकर तैयार भी हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अब तक शिफ्ट नहीं किया गया है. इसकी वजह से छात्र पुराने भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. मामले में अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारी राजीव तिवारी का कहना है कि नया भवन बन चुका है, लेकिन अभी तक पीडब्ल्यूडी ने हैंडओवर नहीं किया है. हमने पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा है कि जल्द से जल्द हैंडओवर करें.

Intro:जांजगीर चांपा :- भले ही सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर लाख दावे क्यों न कर रहे हो मगर जिले के कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां की हालात बद से बदतर है उन्हीं बदहाल स्कूलों में से एक है जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर खोखसा मे स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की ।बच्चे जर्जर भवन पर बैठकर पढ़ने पर मजबूर हो रहे हैं जहां कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है बरसात के दिनों की बात की जाए तो इस स्कूल भवन के छत से पानी टपकता है। बिल्डिंग की हालत इतनी खराब है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है यहां के शौचालय की बात की जाए तो शौचालय खंडहर हुआ है। ऐसे बदहाल भवन में अगर बच्चे शिक्षा की तालीम लेंगे तो शिक्षा का स्तर कैसा होगा आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसा भी नहीं कि यहां के लिए नए भवन स्वीकृत ना हुआ हो नया भवन स्वीकृत होकर बनकर तैयार भी है मगर जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अब तक नया भवन शिफ्ट नहीं हो पाए हैं जिसकी वजह से छात्रों को पुराने भवन बधाल भवन पर बैठना पड़ रहा है।

वह अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारी राजीव तिवारी का कहना है कि नया भवन बन चुका है मगर अभी तक पीडब्ल्यूडी ने हैंडोवर नहीं किया है हमने पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा है कि जल्द से जल्द हैंड ओवर करें।

कुल मिलाकर माना जाए तो शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही की वजह से नौनिहालों को बदहाल जर्जर भवन पर बैठ शिक्षा की तालीम लेने पर मजबूर हो रहे हैं

बाइट दीपक दुबे ग्रामीण
बाइट राजीव तिवारी ABEO


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