जांजगीर-चांपा : सक्ती नगरपालिका (Sakthi Municipality) नवनिर्मित दुकानों की नीलामी में हुए घपले का मामला सामने आने के बाद नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर फिर से नीलामी करवाने का फैसला लिया गया (Auction of shops in Sakthi municipality under investigation) है. आपको बता दें 8 जुलाई को नगरपालिका सक्ती में नवनिर्मित स्व बिसाहूदास महंत सियान सदन में बनीं 5 दुकानों की नीलामी की गई थी. जिसमें नगरपालिका के ही कुछ जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने धन्ना सेठों के साथ मिलकर नगर पालिका सक्ती को लाखों का नुकसान पहुंचाने के लिए एक बड़ा षड्यंत्र रचा था.ये सभी अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते. लेकिन इससे पहले ही दुकानों की नीलामी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया.
Etv Bharat ने की पड़ताल : वहीं इस मामले में जब हमने गहराई में जाकर पड़ताल कि तो पता चला कि उस मोहरे की तरह कई और मोहरे नीलामी में शामिल किए गए थे. जो पर्दे के पीछे रहकर षड्यंत्रकारी जनप्रतिनिधियों और धन्ना सेठों के लिए काम कर रहे थे.नीलामी के दौरान सियान सदन की दुकान क्रमांक (2) के लिए 18 लोगों को करीब 1-1लाख रुपये में खरीद फरोख्त कर दुकान को महज साढ़े 6 लाख रुपये में नीलाम कर दिया गया. जबकि उसके बगल की दुकान क्रमांक (1) 27 लाख रुपये में नीलाम हुई थी. इसी से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार षड्यंत्र कर नगर पालिका सक्ती को लाखों का चूना लगाया जा रहा था.
वीडियो के बाद पालिका का निर्णय : नगरपालिका सक्ती में शुक्रवार को हुई बैठक में अध्यक्ष,नेताप्रतिपक्ष सहित अधिकांश पार्षदों ओर एल्डरमैन ने एक स्वर में इस नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर पुनः साफ सुथरे तरीके से नीलामी प्रक्रिया को करने का फैसला किया है. हालांकि 3 पार्षदों ने पूर्व में हुई नीलामी को सही ठहराया है. जिसके बाद सीएमओ ने सभी का मत लेकर आगे की कार्रवाई के लिए फाइल कलेक्टर के पास भेजने की बात कही है.
विधानसभा अध्यक्ष भी हैं नाराज : पूरे मामले में एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि नगरपालिका के कई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ही नगरपालिका को दीमक की तरह खोखला करने में लगे हुए हैं. दूसरी बड़ी बात यह सामने आई है कि सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों की संलिप्ता से ये सारा षड्यंत्र रचा गया. पूरे मामले का खुलासा होते ही कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया.वहीं बताया जा रहा है कि सक्ती विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत पूरे मामले में नाराज चल रहे है. क्योंकि जिस सियान सदन की दुकानों में षड्यंत्र कर गड़बड़ी की गई है वो सियान सदन उनके पिता स्व बिसाहूदास महंत के नाम पर रखा गया है.