जांजगीर-चाम्पा: जिले के लोगों के लिए बुरी खबर है. जांजगीर वाले सावधान. कुत्तों की नजर आप पर है, इनसे सावधान रहें, वरना पड़ जाएंगे किसी बड़ी मुश्किल में. हम इसलिए यह कह रहे हैं क्योंकि जिला अस्पताल सहित जिले के किसी भी मेडिकल स्टोर में एंटी रैबिज इंजेक्शन पिछले तीन, चार माह से नहीं है.
जिन लोगों पर कुत्तों ने हमला बोला है और जो कुत्तों के आतंक से घायल हैं. वह एंटी रैबिज इंजेक्शन के लिए या तो मेडिकल स्टोर्स के चक्कर काट रहे हैं या ब्लैक में खरीदकर अपना उपचार करवा रहे हैं. जिन्हें एंटी रैबिज इंजेक्शन नहीं मिला, वह काल के गाल में समां चुके हैं.
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मरीज भटक रहे
ग्रामीण इलाके के सरकारी अस्पतालों में दवा नहीं मिलने पर मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं. इधर अस्पताल में इंजेक्शन नहीं होने से घायल मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है. जिला अस्पताल में भी स्टॉक नहीं है, जिसके कारण यहां डाग बाइट के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. कुत्ता काटने पर पीड़ितों को बाहर के जिलों से ब्लैक में खरीदकर रैबीज की डोज लगवानी पड़ रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. रैबीज का डोज नहीं लगने से संक्रमण का खतरा बना रहता है.
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पूरे प्रदेश में एंटी रैबीज इंजेक्शन की कमी
मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एंटी रैबीज इंजेक्शन की कमी है. सीजीएमएससी से इंजेक्शन कि जो सप्लाई अस्पतालों में होती थी, वह नहीं पा रही है. घायल मरीजों को जीवनदीप समिति के माध्यम से खरीदकर लगाया जा रहा है. मेडिकल स्टोर्स को दवाइयां सप्लाई करने वाले संचालक का भी कहना है कि पिछले तीन चार, चार माह से इंजेक्शन की सप्लाई नहीं आ रही है. इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई है.