जगदलपुर : लॉकडाउन में पढ़ई तुंहर दुआर स्कीम के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिश की गई लेकिन खराब नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड फोन की कमी के कारण ग्रामीण अंचलों में ये सफल नहीं हो पा रहा था. इसे देखते हुए बस्तर जिले के भटपाल पंचायत में रेडियो और लाउडस्पीकर से बच्चों को शिक्षा दी जा रही थी. इसकी सफलता के बाद इस पद्धति को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के पांचों संभाग में इसकी विधिवत शुरुआत करेंगे. बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक भटपाल पंचायत पहुंचकर इस शिक्षा पद्धति की वास्तविकता से रूबरू हुए. उन्होंने गांव के सभी पारा(मोहल्ले) में जाकर बच्चों से चर्चा की और उनके पढ़ाई के स्तर का आंकलन कर पालकों से भी बात की.
निरीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक ने बच्चों से बात कर लाउडस्पीकर से शिक्षा पद्धति से हो रहे फायदे के बारे में जानना चाहा. बच्चों ने भी हाजिर जवाब दिया. जिससे संचालक काफी प्रभावित हुए. आमचो बस्तर लाउडस्पीकर कार्यक्रम की सफलता के लिये संयुक्त संचालक ने शिक्षकों के साथ वहां के ग्रामीणों से भी चर्चा की.
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18 जून से हुई थी शुरुआत
दरअसल कोरोना वायरस के कारण स्कूल खोलने में संशय बना हुआ है. बस्तर कलेक्टर रजत बंसल ने ग्राम भटपाल के जनप्रतिनिधियों के सामने एक सोच रखी और बच्चों को लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाने का निर्णय लिया गया. 18 जून से इसकी शुरुआत की गई. लाउडस्पीकर से बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीणों को भी कोविड -19, पोषण, स्वास्थ्य, कृषि सहित दूसरी जानकारियां दी जा रही है.
6 अन्य जगहों पर लाउडस्पीकर से पढ़ाई
भटपाल में शुरू हुई यह शिक्षा पद्धति पूरे जिले के साथ-साथ प्रदेश में मिसाल बनने के बाद 6 अन्य जगहों पर लाउडस्पीकर के जरिए पढ़ाई शुरू कराई गई. अब इस शिक्षा पद्धति को एक मॉडल रूप मानते हुए पूरे प्रदेश में इसे लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है. 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूरे प्रदेश में इसकी विधिवत रूप से शुरुआत की जाएगी.