जगदलपुर: बस्तर (Bastar) में गरीब आदिवासी बच्चे और ग्रामीण क्षेत्र (Rural area) के युवाओं (youth)को प्रतिभागी परीक्षा (competitive exams)में शामिल होने के लिए जिला प्रशासन (district administration) के द्वारा दी जा रही नि:शुल्क कोचिंग(free coaching) युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. युवोदय एकेडमी (Yuvodaya Academy) के माध्यम से लगातार बच्चे प्रतिभागी परीक्षाओं में बाजी मार रहे हैं. इस एकेडमी के माध्यम से बच्चों को पूरी तरह से नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है. सबसे खास बात तो ये है कि बस्तर के ग्रामीण अंचलों के छात्रों को इससे काफी फायदा मिल रहा है.
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यहां के छात्रों का कहना है कि वे प्राइवेट कोचिंग की फीस महंगी होने की वजह से कईयों को आधे में ही पढ़ाई छोड़ना पड़ता था.लेकिन अब जिला प्रशासन के द्वारा युवोदय अकादमी से उन्हें नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है. बच्चे इस कोचिंग के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी करने के साथ NIT, IIT और अन्य प्रतिभागी परीक्षाओं में वे शामिल हो रहे हैं.
पिछले साल किया गया संचालन
बता दें कि जगदलपुर शहर में पिछले साल भर से इस युवोदय एकेडमी का संचालन किया जा रहा है. लॉकडाउन में भी बड़ी संख्या में छात्र यहां कोचिंग के लिए पहुंचते थे. इस एकेडमी में बायो, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स और अन्य विषयों के लगभग 6 से अधिक शिक्षक हैं. जो इन छात्रों को शिक्षा देते हैं. पूरी तरह से यह कोचिंग नि:शुल्क होने की वजह से लगातार यहां गरीब बच्चों के कोचिंग लेने का सिलसिला बढ़ रहा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं युवोदय अकादमी में पहुंच रहे हैं.
कई गरीब बच्चों का भविष्य हो रहा उज्जवल
वहीं, हाल ही में हुए आईआईटी और एनआईटी में इस अकेडमी में प्रतिभागी परीक्षा की तैयारी किये लगभग 43 बच्चों ने बाजी मारी और अच्छा स्थान भी प्राप्त किया. अब इन बच्चों का दाखिला देश के बड़े-बड़े इंस्टिट्यूट में होने जा रहा है. युवोदय अकादमी में नि:शुल्क कोचिंग का लाभ उठाने पहुंचे बकावंड की नीलिमा ने बताया कि वे बेहद गरीब परिवार से है और उनके पिताजी किसान हैं. 12वीं तक नीलिमा बकावंड ब्लाक की टॉपर रही. पैसे के अभाव में प्रतिभागी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कोचिंग नहीं ले पा रही थी. साथ ही इस प्रतिभागी परीक्षा के लिए देश के सबसे नामी जगह कोटा में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाने में पूरी तरह से असमर्थ है, लेकिन युवोदय अकादमी के माध्यम से साल भर से उन्होंने यहां प्रतिभागी परीक्षा के लिए कोचिंग ली और अच्छे स्थान में आने के साथ ही नीलिमा को अब MBBS के लिए शासकीय महाविद्यालय में सीट मिल रही है. नीलिमा जैसे अन्य ऐसे छात्र हैं, जो गरीब परिवारों से हैं और अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों के हैं. उन्हें भी युवोदय अकादमी नि:शुल्क कोचिंग से काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने मांग की है कि जिला प्रशासन कोचिंग क्लास के समय में बढ़ोतरी करती है तो निश्चित तौर पर छात्रों को और अधिक फायदा मिलेगा.
6 से अधिक शिक्षक दे रहे बेहतर कोचिंग
वहीं, इस विषय में बस्तर कलेक्टर ने बताया कि इस युवोदय अकादमी में 6 से अधिक शिक्षक हैं, जो बेहतर तरीके से बच्चों को कोचिंग दे रहे हैं. आने वाले दिनों में शिक्षकों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी. साल भर पहले शुरू हुए इस अकादमी के माध्यम से 55 ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बच्चों को एनआईटी और आईआईटी के प्रतिभागी परीक्षा के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया. इनमें से 40 बच्चों ने आईआईटी और एनआईटी में अच्छे परिणाम भी लाएं. वहीं अब अन्य प्रतिभागी परीक्षाओं के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है.
अकादमी बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित हुई
आगे उन्होंने कहा कि प्रशासन के माध्यम से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं जो पैसे के अभाव में पढ़ाई छोड़ देते हैं. उनके लिए यह अकादमी मील का पत्थर साबित होगी. ज्यादा से ज्यादा छात्र इस नि:शुल्क कोचिंग का लाभ ले, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है. कलेक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में दूरदराज ग्रामीण अंचलों से पहुंचने वाले छात्रों के लिए यहां आवास की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि बच्चे छात्रावास में रहकर इस प्रतिभागी परीक्षा के लिए बेहतर शिक्षा हासिल कर अपने क्षेत्र और बस्तर का नाम रोशन करें.