बीजापुर: घोर नक्सल प्रभावित बीजापुर के भैरमगढ़ में भैरव बाबा का प्राचीन मंदिर है, जो इन दिनों प्रसाशनिक उपेक्षा के चलते अंधेरे में गुम होता जा रहा है. इस क्षेत्र के श्रद्धालु अपनी मान्यताओं के अनुसार भैरव बाबा की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं. श्रद्धालुओं के मुताबिक यहां पूजा करने से बाबा भक्तों के सभी मनोकामना पूरा करते हैं.
एक बड़े से चट्टान में उभरे भैरव बाबा की प्रतिमा प्रसाशन की अनदेखी के कारण खंडित होती जा रही है. हालांकि, पुरातत्व विभाग की ओर से एक बोर्ड लगाकर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई है.
बताते हैं, भैरव बाबा के नाम से ही इस जगह का नाम भैरमगढ़ पड़ा है. प्रतिवर्ष इस बाबा के मंदिर में महा जात्रा (मेला) का आयोजन होता है. इस मेले में क्षेत्र के हजारों आदिवासी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. मंदिर के सामने अंदर वारंगल राज्य के राजा अनम देव और आदि शक्ति माता दंतेश्वरी का पद चिन्ह भी है.
पद चिन्ह की मान्यता है कि 13वीं शताब्दी में माता दंतेश्वरी और राजा अन्य देव (तेलंगाना वारंगल के राजा) यहां आकर भैरव बाबा की पूजा अर्चना की थी. तब से क्षेत्रवासी इस क्षेत्र को भैरव शक्ति का क्षेत्र मानते हैं.
स्थानीय लोगों की मांग है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराना चाहिए, जिससे भक्तों को और सुविधा मिल सके और पर्यटकों का भी आना भी बढ़े.