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जवाब देने NMDC के अधिकारियों के साथ आये SDM को शो-कॉज नोटिस

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Published : Jan 4, 2021, 10:38 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने एनएमडीसी के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने बेटियों को नौकरी नहीं देना के मामले में बस्तर एसडीएम को शो-कॉज नोटिस भी जारी किया है.

किरणमयी नायक

जगदलपुर : एनएमडीसी भू-प्रभावित परिवार की बेटियों को नौकरी नहीं देने के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने एनएमडीसी के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने एनएमडीसी के ईडी प्रशांत दाश से साफ कहा कि एनएमडीसी का बेटियों को नौकरी नहीं देना उनके संवैधानिक अधिकारों के हनन जैसा है.

SDM को शो-कॉज नोटिस

दरअसल, आज महिला संबंधी प्रकरणों की सुनवाई के लिए जगदलपुर पहुंची किरणमई नायक ने एनएमडीसी स्टील प्लांट द्वारा भू-प्रभावित बेटियों को नौकरी नहीं देने के संबंध में सुनवाई की. 88 प्रकरणों में 71 प्रकरण एनएमडीसी प्लांट में बेटियों को नौकरी नहीं देने के संबंध में था. इस मामले को लेकर एनएमडीसी के दो अधिकारियों को जमकर फटकार लगाने के साथ ही अध्यक्ष ने बस्तर एसडीएम को इसी मामले में शो-कॉज नोटिस भी जारी कर दिया.

88 मामलों में 71 एनएमडीसी के खिलाफ

आयोग में सुनवाई के लिए 88 मामले सामने आये थे. इसमें 71 मामले सीधे एनएमडीसी के रवैये से प्रभावित बेटियों के ही थे. अन्य 17 मामले दूसरे थे. जिसपर सुनवाई की गई. वहीं 20 से अधिक मामले ऐसे थे, जिनका पंजीयन नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी वे इस सुनवाई में आये थे. अध्यक्ष ने सभी के मामले सुने और इसपर आवश्यक फैसला लिया. यहां सुनवाई के दौरान महिला उत्पीडन से संबंधित शिकायतों में संवेदनशीलता के साथ तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए. बडांजी थाना में बैंक प्रबंधक के खिलाफ की गई शिकायत और करपावंड में महिला उत्पीडन से संबंधित शिकायतों पर मामला दर्ज नहीं किए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है.

पढ़ें : 'अगर हथियार छोड़ते हैं नक्सली तो किसी भी मंच पर बातचीत के लिए तैयार है सरकार'

पत्नी और बच्चों के पालन-पोषण के लिए देंगे प्रतिमाह एक लाख रुपये

महिला आयोग द्वारा अलग-अलग रह रहे दंतेवाड़ा के डॉक्टर दंपत्ति से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान एक लाख रुपए प्रतिमाह भरण पोषण की राशि पर पति-पत्नी आपसी राजीनामा से तलाक लेने के लिए सहमत हुए. महिला के साथ दो बच्चे भी हैं. आवेदिका महिला द्वारा बताया गया कि पिछले दो साल से उनके पति ने जीवन निर्वाह के लिए कोई आर्थिक राशि नहीं दी है. इससे बच्चों के पालन-पोषण में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है और वह कर्ज लेकर अपना जीवन निर्वाह कर रही है. जिसपर यह फैसला सुनाया गया

बस्तर एसडीएम को शो-कॉज नोटिस

अध्यक्ष ने प्लांट में बेटियों को नौकरी नहीं देने के मामले को लेकर बस्तर के एसडीएम जीआर मरकाम से मामले की जानकारी लेनी चाही, लेकिन वे अपने साथ एनएमडीसी के दो अधिकारियों को लेकर उनके पास पहुंच गए. कुछ देर बातचीत के बाद जब अध्यक्ष को पता चला कि वे एनएमडीसी अधिकारियों के साथ पहुंचे हैं तो उन्होंने इसपर आपत्ति जताई और उन्होंने चर्चा वहीं रोक दिया. इसके बाद उन्होंने इस मामले में एक्शन मोड में नजर आईं. किरणमयी नायक ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल से बात की और इसकी लिखित शिकायत करते हुए एसडीएम को शो-कॉज नोटिस तक जारी कर दिया.

एनएमडीसी के अधिकारियों ने मांगा समय

किरणमयी नायक ने यहां एनएमडीसी प्रबंधन पर लिंगभेद के कारण नौकरी से वंचित करने का भी आरोप लगाया. इधर, एनएमडीसी प्रबंधन की ओर से पहुंचे दोनों अधिकारियों ने एनएमडीसी इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा नौकरी देने के लिए नीतिगत बदलाव के लिए स्वयं सक्षम नहीं होने की बात कहते हुए और उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए समय मांगा है. जिसके बाद अध्यक्ष ने 15 दिन का समय देते हुए आगामी 18 जनवरी को जगदलपुर में ही सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

जगदलपुर : एनएमडीसी भू-प्रभावित परिवार की बेटियों को नौकरी नहीं देने के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने एनएमडीसी के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने एनएमडीसी के ईडी प्रशांत दाश से साफ कहा कि एनएमडीसी का बेटियों को नौकरी नहीं देना उनके संवैधानिक अधिकारों के हनन जैसा है.

SDM को शो-कॉज नोटिस

दरअसल, आज महिला संबंधी प्रकरणों की सुनवाई के लिए जगदलपुर पहुंची किरणमई नायक ने एनएमडीसी स्टील प्लांट द्वारा भू-प्रभावित बेटियों को नौकरी नहीं देने के संबंध में सुनवाई की. 88 प्रकरणों में 71 प्रकरण एनएमडीसी प्लांट में बेटियों को नौकरी नहीं देने के संबंध में था. इस मामले को लेकर एनएमडीसी के दो अधिकारियों को जमकर फटकार लगाने के साथ ही अध्यक्ष ने बस्तर एसडीएम को इसी मामले में शो-कॉज नोटिस भी जारी कर दिया.

88 मामलों में 71 एनएमडीसी के खिलाफ

आयोग में सुनवाई के लिए 88 मामले सामने आये थे. इसमें 71 मामले सीधे एनएमडीसी के रवैये से प्रभावित बेटियों के ही थे. अन्य 17 मामले दूसरे थे. जिसपर सुनवाई की गई. वहीं 20 से अधिक मामले ऐसे थे, जिनका पंजीयन नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी वे इस सुनवाई में आये थे. अध्यक्ष ने सभी के मामले सुने और इसपर आवश्यक फैसला लिया. यहां सुनवाई के दौरान महिला उत्पीडन से संबंधित शिकायतों में संवेदनशीलता के साथ तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए. बडांजी थाना में बैंक प्रबंधक के खिलाफ की गई शिकायत और करपावंड में महिला उत्पीडन से संबंधित शिकायतों पर मामला दर्ज नहीं किए जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है.

पढ़ें : 'अगर हथियार छोड़ते हैं नक्सली तो किसी भी मंच पर बातचीत के लिए तैयार है सरकार'

पत्नी और बच्चों के पालन-पोषण के लिए देंगे प्रतिमाह एक लाख रुपये

महिला आयोग द्वारा अलग-अलग रह रहे दंतेवाड़ा के डॉक्टर दंपत्ति से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान एक लाख रुपए प्रतिमाह भरण पोषण की राशि पर पति-पत्नी आपसी राजीनामा से तलाक लेने के लिए सहमत हुए. महिला के साथ दो बच्चे भी हैं. आवेदिका महिला द्वारा बताया गया कि पिछले दो साल से उनके पति ने जीवन निर्वाह के लिए कोई आर्थिक राशि नहीं दी है. इससे बच्चों के पालन-पोषण में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है और वह कर्ज लेकर अपना जीवन निर्वाह कर रही है. जिसपर यह फैसला सुनाया गया

बस्तर एसडीएम को शो-कॉज नोटिस

अध्यक्ष ने प्लांट में बेटियों को नौकरी नहीं देने के मामले को लेकर बस्तर के एसडीएम जीआर मरकाम से मामले की जानकारी लेनी चाही, लेकिन वे अपने साथ एनएमडीसी के दो अधिकारियों को लेकर उनके पास पहुंच गए. कुछ देर बातचीत के बाद जब अध्यक्ष को पता चला कि वे एनएमडीसी अधिकारियों के साथ पहुंचे हैं तो उन्होंने इसपर आपत्ति जताई और उन्होंने चर्चा वहीं रोक दिया. इसके बाद उन्होंने इस मामले में एक्शन मोड में नजर आईं. किरणमयी नायक ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल से बात की और इसकी लिखित शिकायत करते हुए एसडीएम को शो-कॉज नोटिस तक जारी कर दिया.

एनएमडीसी के अधिकारियों ने मांगा समय

किरणमयी नायक ने यहां एनएमडीसी प्रबंधन पर लिंगभेद के कारण नौकरी से वंचित करने का भी आरोप लगाया. इधर, एनएमडीसी प्रबंधन की ओर से पहुंचे दोनों अधिकारियों ने एनएमडीसी इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा नौकरी देने के लिए नीतिगत बदलाव के लिए स्वयं सक्षम नहीं होने की बात कहते हुए और उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए समय मांगा है. जिसके बाद अध्यक्ष ने 15 दिन का समय देते हुए आगामी 18 जनवरी को जगदलपुर में ही सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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