बस्तर: Paddy purchase affected दरअसल बीती रात हुई बारिश की वजह से कई खरीदी केंद्रों में धान भीगने की जानकारी मिल रही है. वहीं जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से निपटने केंद्रों में पूरी तरीके से तैयारियां की जा चुकी है. बावजूद आज भानपुरी के लगभग 7 केंद्रों से किसानों को वापस लौटना पड़ा. कई किसान परेशान होकर नाराजगी भी वक्त करते नजर आए. किसानों का कहना है की कई दिनों से हम लैम्प्स का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन प्रबंधक द्वारा आज कल करते हुए हमको दौड़ाया जा रहा है. Bastar news update
गीली जमीन की वजह से धान खरीदी नहीं:जिला सहकारी बैंक के मुख्य पर्यवेक्षक एस. रज़ा का कहना है की "बारिश से जमीन गीली होने की वजह से अभी धान खरीदी नहीं की जा रही है. लेकिन आनन फानन में लिए गए. यह फैसले किसानों के लिए काफी मुसीबत खड़ी कर दी है. किसान अपने धान लेकर केंद्र पहुंच तो रहे हैं. लेकिन उन्हें केंद्र प्रबंधक वापस भेज दे रहे हैं. जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. सवाल यह है कि जब बारिश से निपटने पूरी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई थी. फिर किसानों के धान क्यों नहीं लिए जा रहे हैं. जमीन गीली है तो ताल पत्री बिछाकर किसानों के धान लिए जाने चाहिए. किसानों की सुविधा के लिए सरकार पूरी व्यवस्था करने का दावा करती है."
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16 सौ किसानों के रजिस्ट्रेशन हुए: मुख्य पर्यवेक्षक ने आगे कहा कि "बस्तर के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. भानपुरी धान खरीदी केंद्र में कुल 16 सौ किसानों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं. जिसमें अब तक 363 किसानों ने अपना धान बेच दिया है. केंद्र प्रभारी का कहना है कि कल अचानक हुए बारिश की वजह से आज खरीदी नहीं की जा रही है. सिर्फ एक लैम्प्स से ही 32 किसानों को वापस भेज दिया गया है. इसके अलावा भानपुरी के आसपास खरीदी केंद्रों का भी यही हाल है मुंडागांव, चपका, केशरपाल, घोटिया, देवड़ा में भी धान की खरीदी नहीं हो रही है. लगभग सैकड़ों किसानों को निराश होकर खरीदी केंद्रों से वापस जाना पड़ रहा है."