बस्तर : छत्तीसगढ़ सहित बस्तर जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इसके लिए जिला प्रशासन और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा अंतिम चरण की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई (Paddy procurement completed in Bastar) है. जिले में धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए 72 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई. साथ ही बस्तर संभाग के सभी सीमाई क्षेत्रों में बल की तैनाती की गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने बताया कि ''जिला प्रशासन के साथ पुलिस भी सीमाई क्षेत्र की निगरानी करती है जिससे कोई अन्य बिचौलियों के द्वारा धान बस्तर ना पहुंचे. बस्तर से लगे सीमाई क्षेत्र के राज्य आंध्रप्रदेश , तेलंगाना , ओड़िशा , महाराष्ट्र से धान की आवक रोकने लिए नाकाबंदी की गई है.''
क्यों होती है कालाबाजारी : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य ज्यादा है. इस कारण बिचौलिए ओडिशा से धान खरीद कर बस्तर के धान खरीदी केंद्रों में धान को खपाने की कोशिश करते हैं. कई बार विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्यवाई की जाती है. वहीं ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां बिचौलिए धान खपाने में कामयाब हुए हैं. खासतौर पर ओड़िशा के सीमावर्ती धान खरीदी केंद्रों में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं.