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बस्तर में धान खरीदी की तैयारी पूरी, कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन मुस्तैद - बस्तर आईजी सुंदरराज पी

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 1 नवंबर से शुरु हो रही है. धान खरीदी को देखते हुए छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है.बस्तर के सीमावर्ती इलाकों में बाहरी राज्यों का धान बिचौलिए खपाते हैं.लेकिन इस बार प्रशासन ने धान की कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष तैयारी की है.

बस्तर में धान खरीदी की तैयारी पूरी, कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन मुस्तैद
बस्तर में धान खरीदी की तैयारी पूरी, कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन मुस्तैद
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Published : Oct 27, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर : छत्तीसगढ़ सहित बस्तर जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इसके लिए जिला प्रशासन और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा अंतिम चरण की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई (Paddy procurement completed in Bastar) है. जिले में धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए 72 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई. साथ ही बस्तर संभाग के सभी सीमाई क्षेत्रों में बल की तैनाती की गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने बताया कि ''जिला प्रशासन के साथ पुलिस भी सीमाई क्षेत्र की निगरानी करती है जिससे कोई अन्य बिचौलियों के द्वारा धान बस्तर ना पहुंचे. बस्तर से लगे सीमाई क्षेत्र के राज्य आंध्रप्रदेश , तेलंगाना , ओड़िशा , महाराष्ट्र से धान की आवक रोकने लिए नाकाबंदी की गई है.''

धान खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. विशेष एप के माध्यम से धान खरीदी का अपडेट रखने की तैयारी की गई है. गौरतलब है कि बस्तर जिले में धान खरीदी के लिए कुल 72 धान खरीदी केंद्र सक्रिय होंगे. धान खरीदी से पूर्व ही बारदाने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं संबंधित विभाग के द्वारा की जा रही हैं. फिलहाल जिले में किसानों का पंजीयन लगातार जारी है. बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष किसानों की संख्या बढ़ने का अनुमान विभाग के द्वारा लगाया जा रहा है. इसके साथ ही बस्तर में ओडिशा राज्य के धान को रोकने के लिए भी विशेष निगरानी दल जिला प्रशासन के द्वारा नियुक्त किए गए हैं. ओडिशा सीमा के उन इलाकों पर दलों को नियुक्त किया जा रहा है जहां सबसे ज्यादा धान की कालाबाजारी करने के लिए धान बस्तर आता (Administration ready to stop black marketing ) है.

क्यों होती है कालाबाजारी : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य ज्यादा है. इस कारण बिचौलिए ओडिशा से धान खरीद कर बस्तर के धान खरीदी केंद्रों में धान को खपाने की कोशिश करते हैं. कई बार विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्यवाई की जाती है. वहीं ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां बिचौलिए धान खपाने में कामयाब हुए हैं. खासतौर पर ओड़िशा के सीमावर्ती धान खरीदी केंद्रों में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं.

बस्तर : छत्तीसगढ़ सहित बस्तर जिले में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इसके लिए जिला प्रशासन और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा अंतिम चरण की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई (Paddy procurement completed in Bastar) है. जिले में धान खरीदी में गड़बड़ी रोकने के लिए 72 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई. साथ ही बस्तर संभाग के सभी सीमाई क्षेत्रों में बल की तैनाती की गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundarraj P) ने बताया कि ''जिला प्रशासन के साथ पुलिस भी सीमाई क्षेत्र की निगरानी करती है जिससे कोई अन्य बिचौलियों के द्वारा धान बस्तर ना पहुंचे. बस्तर से लगे सीमाई क्षेत्र के राज्य आंध्रप्रदेश , तेलंगाना , ओड़िशा , महाराष्ट्र से धान की आवक रोकने लिए नाकाबंदी की गई है.''

धान खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. विशेष एप के माध्यम से धान खरीदी का अपडेट रखने की तैयारी की गई है. गौरतलब है कि बस्तर जिले में धान खरीदी के लिए कुल 72 धान खरीदी केंद्र सक्रिय होंगे. धान खरीदी से पूर्व ही बारदाने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं संबंधित विभाग के द्वारा की जा रही हैं. फिलहाल जिले में किसानों का पंजीयन लगातार जारी है. बीते वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष किसानों की संख्या बढ़ने का अनुमान विभाग के द्वारा लगाया जा रहा है. इसके साथ ही बस्तर में ओडिशा राज्य के धान को रोकने के लिए भी विशेष निगरानी दल जिला प्रशासन के द्वारा नियुक्त किए गए हैं. ओडिशा सीमा के उन इलाकों पर दलों को नियुक्त किया जा रहा है जहां सबसे ज्यादा धान की कालाबाजारी करने के लिए धान बस्तर आता (Administration ready to stop black marketing ) है.

क्यों होती है कालाबाजारी : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान का समर्थन मूल्य ज्यादा है. इस कारण बिचौलिए ओडिशा से धान खरीद कर बस्तर के धान खरीदी केंद्रों में धान को खपाने की कोशिश करते हैं. कई बार विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्यवाई की जाती है. वहीं ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां बिचौलिए धान खपाने में कामयाब हुए हैं. खासतौर पर ओड़िशा के सीमावर्ती धान खरीदी केंद्रों में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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