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जगदलपुर: पुलिस की इस लापरवाही से रद्दी में बदल गए 500-1000 के लाखों NOTE

जगदलपुर जिले के कई थानों में अलग-अलग मामलों में जब्त किए गए लाखों रुपए के पुराने नोट कानूनी पेंच में फंस कर रद्दी हो गए हैं.

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Published : May 13, 2019, 11:45 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

500-1000 के नोट

जगदलपुर: देश में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और नक्सलवाद व आतंकवाद की कमर तोड़ने के उद्देश्य से नोटबंदी लागू की गई थी, जिसमें 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था. नोटबंदी का सकारात्मक परिणाम कितना आया यह तो जांच का विषय है पर नोटबंदी की वजह से अभी भी कई अड़चनें सामने आ रही हैं.

रद्दी हुए लाखों के नोट

बात अगर बस्तर की करें तो जगदलपुर जिले के कई थानों में अलग-अलग मामलों में जब्त किए गए लाखों रुपए के पुराने नोट आज कानूनी पेंच में फंस कर रद्दी हो गए हैं. अब जब न्यायालय ने पुलिस को प्रार्थी की रकम लौटाने का आदेश जारी किया है तो संबंधित थानों के थानेदार उन्हें जब्त किए गए 500 और 1000 के पुराने नोट लौटा रहे हैं.

प्रार्थी को दिया जा रहा पुराना नोट
दरअसल लूट, चोरी, डकैती और जुआ एक्ट जैसे कई मामलों में कार्रवाई के दौरान पुलिस नकद रकम को जब्त कर लेती है. न्यायालय के आदेश पर पुलिस इन पैसों को फैसला आने तक मालखाने में संभाल कर रखती है. इसी तरह नोटबंदी के पहले थानों में जब पैसों को रखा गया था उसे समय पुलिस की लापरवाही की वजह से उसे बदला नहीं गया और अब न्यायालय से फैसला आने के बाद प्रार्थी को थाने में रखा पुराने नोट थमाए जा रहे हैं जो अब चलन से बाहर हो चुके हैं.

प्रार्थी ने पुराने नोट लेने से किया इंकार
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जगदलपुर के ही एक व्यापारी के पक्ष में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सिटी कोतवाली को आदेशित किया कि प्रार्थी को उनके दुकान से चोरी की गई रकम 20 हजार जो मालखाने में जमा की गई है दे दी जाए. प्रार्थी द्वारा पुराने नोटों को लेने से इंकार कर दिया गया साथ ही इस मामले में अब न्यायालय की शरण लेने की बात प्रार्थी ने कही है. वहीं इस पूरे मामले पर जगदलपुर के सीएसपी ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए ही कार्य करने की बात कही है.

न्यायालय के आदेश अनुसार होगी आगे की कार्रवाई
सीएसपी के अनुसार न्यायालय के मालखाने में जगह की कमी होने पर थाने में इस तरह के सभी सामान सुरक्षित रखे जाते हैं. साथ ही न्यायालय के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई करते हुए प्रार्थी को सामान और पैसा वापस किया जाता है. उन्होंने कहा कि आगे जैसा भी आदेश कोर्ट से आएगा वैसे ही कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि केवल बस्तर के ही अलग-अलग थानों में लगभग 6 लाख की रकम पुराने नोट के रूप में है जब्त की गई है. अब जैसे-जैसे सभी मामलों पर फैसले आते जाएंगे वैसे ही इन नोटों को लेकर थानों और प्रार्थियों में असमंजस की स्थिति बढ़ती जाएगी.

जगदलपुर: देश में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और नक्सलवाद व आतंकवाद की कमर तोड़ने के उद्देश्य से नोटबंदी लागू की गई थी, जिसमें 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था. नोटबंदी का सकारात्मक परिणाम कितना आया यह तो जांच का विषय है पर नोटबंदी की वजह से अभी भी कई अड़चनें सामने आ रही हैं.

रद्दी हुए लाखों के नोट

बात अगर बस्तर की करें तो जगदलपुर जिले के कई थानों में अलग-अलग मामलों में जब्त किए गए लाखों रुपए के पुराने नोट आज कानूनी पेंच में फंस कर रद्दी हो गए हैं. अब जब न्यायालय ने पुलिस को प्रार्थी की रकम लौटाने का आदेश जारी किया है तो संबंधित थानों के थानेदार उन्हें जब्त किए गए 500 और 1000 के पुराने नोट लौटा रहे हैं.

प्रार्थी को दिया जा रहा पुराना नोट
दरअसल लूट, चोरी, डकैती और जुआ एक्ट जैसे कई मामलों में कार्रवाई के दौरान पुलिस नकद रकम को जब्त कर लेती है. न्यायालय के आदेश पर पुलिस इन पैसों को फैसला आने तक मालखाने में संभाल कर रखती है. इसी तरह नोटबंदी के पहले थानों में जब पैसों को रखा गया था उसे समय पुलिस की लापरवाही की वजह से उसे बदला नहीं गया और अब न्यायालय से फैसला आने के बाद प्रार्थी को थाने में रखा पुराने नोट थमाए जा रहे हैं जो अब चलन से बाहर हो चुके हैं.

प्रार्थी ने पुराने नोट लेने से किया इंकार
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जगदलपुर के ही एक व्यापारी के पक्ष में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सिटी कोतवाली को आदेशित किया कि प्रार्थी को उनके दुकान से चोरी की गई रकम 20 हजार जो मालखाने में जमा की गई है दे दी जाए. प्रार्थी द्वारा पुराने नोटों को लेने से इंकार कर दिया गया साथ ही इस मामले में अब न्यायालय की शरण लेने की बात प्रार्थी ने कही है. वहीं इस पूरे मामले पर जगदलपुर के सीएसपी ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए ही कार्य करने की बात कही है.

न्यायालय के आदेश अनुसार होगी आगे की कार्रवाई
सीएसपी के अनुसार न्यायालय के मालखाने में जगह की कमी होने पर थाने में इस तरह के सभी सामान सुरक्षित रखे जाते हैं. साथ ही न्यायालय के आदेश के अनुसार ही कार्रवाई करते हुए प्रार्थी को सामान और पैसा वापस किया जाता है. उन्होंने कहा कि आगे जैसा भी आदेश कोर्ट से आएगा वैसे ही कार्रवाई की जाएगी. आपको बता दें कि केवल बस्तर के ही अलग-अलग थानों में लगभग 6 लाख की रकम पुराने नोट के रूप में है जब्त की गई है. अब जैसे-जैसे सभी मामलों पर फैसले आते जाएंगे वैसे ही इन नोटों को लेकर थानों और प्रार्थियों में असमंजस की स्थिति बढ़ती जाएगी.

Intro:note- इस खबर की एक शॉट मेल की गई है।

जगदलपुर। देश में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और नक्सलवाद व आतंकवाद की कमर तोड़ने के उद्देश्य से नोट बंदी लागू किया गया। जिसमें 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया था। नोट बंदी का सकारात्मक परिणाम कितना आया यह तो जांच का विषय है पर नोट बंदी की वजह से अभी भी कई अड़चनें सामने आ रही है। हालांकि इस तरह के मामले पूरे देश में ही देखने को मिल सकते हैं पर हम बात कर रहे हैं केवल बस्तर की ही जहां जिले के ही कई थानों में अलग-अलग मामलों में जब्ती किए गए लाखों रुपए के पुराने नोट आज कानूनी पेंच में फंस कर रद्दी हो गए हैं । और अब मामलों के फैसले में जब न्यायालय पुलिस द्वारा प्रार्थी की रकम लौटाने का आदेश कर रही है तो संबंधित थानों के थानेदार उन्हें जप्त किए गए 500 व 1000 के पुराने नोट लौटा रहे हैं।


Body:वो1- दरअसल लूट, चोरी ,डकैती व जुआ एक्ट जैसे कई मामलों में कार्रवाई के दौरान पुलिस द्वारा नगद रकम भी जप्त किया जाता है। पुलिस द्वारा इन पैसों को न्यायालय के आदेश से मामले के फैसला आते तक मालखाने में संभाल कर रखा जाता है ।इसी तरह नोटबंदी के पहले थानों में जब पैसों को रखा गया था उसे समय रहते पुलिस की लापरवाही की वजह से बदला नहीं गया। अब जब पुराने मामलों पर न्यायालय द्वारा फैसला कर पुलिस को आदेश दिया जा रहा है कि प्रार्थी को थाने में रखा पैसा दिया जाए तो थाने से उन्हें वही पुराने नोट थमाया जा रहे हैं जो चलन से बाहर हो चुके हैं । पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब जगदलपुर के ही एक व्यापारी के पक्ष में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सिटी कोतवाली को आदेशित किया कि प्रार्थी को उनके दुकान से चोरी की गई रकम 20 हजार जो माल खाने में जमा की गई है दी जाए। प्रार्थी द्वारा पुराने नोटों को लेने से इंकार कर दिया गया साथ ही इस मामले में अब न्यायालय की शरण लेने की बात प्रार्थी ने कही है।

बाईट1- सुरेश चांडक, प्रार्थी

वो2- वहीं इस पूरे मामले पर जगदलपुर के सीएसपी ने न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए ही कार्य करने की बात कही है। सीएसपी के अनुसार न्यायालय के मालखाने में जगह की कमी होने पर थाने में इस प्रकार के सभी सामान सुरक्षित रखे जाते हैं साथ ही न्यायालय के आदेश अनुसार ही कार्यवाही करते हुए प्रार्थी को सामान व पैसा वापस किया जाता है। उन्होंने कहा कि आगे भी जैसा आदेश कोर्ट से आएगा वैसे ही कार्यवाही की जाएगी। आपको बता दें कि केवल बस्तर के ही अलग-अलग थानों में लगभग 6 लाख की रकम जो कि पुराने नोट के रूप में है जप्त की गई है । अब जैसे-जैसे सभी मामलों पर फैसले आते जाएंगे वैसे ही इन नोटों को लेकर थानों व प्रार्थियों में असमंजस की स्थिति बढ़ती जाएगी।

बाईट2- हेमसागर सिदार, सीएसपी जगदलपुर


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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