जगदलपुर: आदिवासी आरक्षण के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक घमासान अभी थमा नहीं है. कवासी लखमा ने आदिवासियों के आरक्षण पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दो दिसंबर को आरक्षण लागू कर दिया जाएगा. अगर इसका लोगों को लाभ मिलना शुरू नहीं होगा तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. लखमा के इस बयान पर बीजेपी नेता केदार कश्यप ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर आरक्षण शून्य अभी भी है. अब अगर एक मां के बेटे हैं. असली बाप के बेटे हैं तो कवासी लखमा तत्काल इस्तीफा दें. Minister Kawasi Lakhma
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दो दिसंबर को विधानसभा से आरक्षण विधेयक हुआ था पारित: राज्य में आदिवासी आरक्षण पर कटौती का मुद्दा अब विधानसभा के सदन से सुलझ गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा से नया आरक्षण विधेयक दो दिसंबर को सर्व सम्मति से पास हो गया. इस विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe), अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान किया गया. छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. अब यह विधेयक राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए लंबित है. राज्यपाल से हस्ताक्षर के बाद इस बिल से जुड़ी आगे की प्रक्रिया पूरी होगी.