जगदलपुर: बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की आज दूसरी और महत्वपूर्ण जोगी बिठाई की रस्म (Jogi bithai ) अदा की गई. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में इस बार भी नियमों को ध्यान में रखते हुए 600 साल पुरानी इस परंपरा को शहर के सीरासार भवन में निभाया गया. इस वर्ष बस्तर दशहरा में जोगी की भूमिका को बड़े आमाबाल गांव के लोकनाथ निभा रहे हैं. विधि विधान से मावली माता की पूजा (Mavli Mata Worship) अर्चना के बाद जोगी सीरासार भवन पहुंचे और यहां अब जोगी 9 दिन तक निर्जल तप करते हुए भवन के अंदर बनाए गए गड्ढे में बैठेंगे. इस रस्म अदायगी के दौरान माझी -चालाकी, पुजारी, बस्तर दशरथ समिति के अध्यक्ष दीपक बैज, स्थानीय जनप्रतिनिधि व श्रद्धालु उपस्थित रहे.
बस्तर दशहरा पर्व में जोगी बिठाई की रस्म हुई पूरी, 9 दिनों के तप में बैठे लोकनाथ
बस्तर दशहरा पर्व (Bastar Dussehra festival) में जोगी बिठाई की रस्म पूरी हुई. 9 दिनों के तप में लोकनाथ बैठे है. इस रस्म अदायगी के दौरान माझी -चालाकी, पुजारी, बस्तर दशरथ समिति के अध्यक्ष दीपक बैज, स्थानीय जनप्रतिनिधि व श्रद्धालु उपस्थित रहे.
जगदलपुर: बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की आज दूसरी और महत्वपूर्ण जोगी बिठाई की रस्म (Jogi bithai ) अदा की गई. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में इस बार भी नियमों को ध्यान में रखते हुए 600 साल पुरानी इस परंपरा को शहर के सीरासार भवन में निभाया गया. इस वर्ष बस्तर दशहरा में जोगी की भूमिका को बड़े आमाबाल गांव के लोकनाथ निभा रहे हैं. विधि विधान से मावली माता की पूजा (Mavli Mata Worship) अर्चना के बाद जोगी सीरासार भवन पहुंचे और यहां अब जोगी 9 दिन तक निर्जल तप करते हुए भवन के अंदर बनाए गए गड्ढे में बैठेंगे. इस रस्म अदायगी के दौरान माझी -चालाकी, पुजारी, बस्तर दशरथ समिति के अध्यक्ष दीपक बैज, स्थानीय जनप्रतिनिधि व श्रद्धालु उपस्थित रहे.