जगदलपुर: राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बस्तर प्रवास के दूसरे दिन शहर के सर्किट हाउस में विभिन्न सामाजिक संगठनों से मुलाकात की. राज्यपाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बस्तर के ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ऐसे कई गांव हैं जहां ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
कई गांव विकास के अभाव में हैं
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बताया कि इस तरह के कई गांव के आवेदन उनके पास आए हैं. इसके लिए उन्होंने बस्तर के कमिश्नर को इन गांवों को दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने बताया कि मंगनार, कोसलवाडा और तुमनार जैसे 6 से अधिक गांव हैं, जो किसी भी जिले में शामिल नहीं हैं, जिसके चलते वहां विकास नहीं हो पा रहा है. राज्यपाल ने इन सभी गांवों को दंतेवाड़ा जिले में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, बीजापुर क्षेत्र के भी कुछ गांव को बीजापुर जिले में शामिल किया जा रहा है. साथ ही इन सभी ग्रामीण अंचलों में शासन की योजनाओं का लाभ पंहुचाने के दिशा-निर्देश भी दिए हैं.
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'बस्तर में धर्मांतरण काफी गंभीर समस्या'
इसके अलावा धर्मांतरण को लेकर राज्यपाल ने कहा कि बस्तर में धर्मांतरण काफी गंभीर समस्या है. उन्होंने बताया कि लगातार आदिवासियों को धर्मांतरण कर उनकी जमीन की खरीदी-ब्रिकी की जा रही है. राज्यपाल ने कहा कि आदिवासी बहनों को बहला-फुसलाकर उनसे शादी कर उनकी जमीन हड़प रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने बस्तर में जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं.