जगदलपुर: ऐसे ही डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप नहीं कहा जाता. मेकॉज के डॉक्टरों ने एक बार फिर से चमत्कार कर दिखाया है. डॉक्टरों की टीम ने एक मासूम बच्चे की जान को मौत के मुंह से वापस लाने में सफलता हासिल की है.
बच्चे ने पी लिया था कीटनाशक: मामले की जानकारी देते हुए अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अनुरूप साहू ने बताया कि "बीते 31 मई को लोहंडीगुड़ा क्षेत्र के उसरीबेड़ा में रहने वाले एक ग्रामीण दम्पति का 1 वर्षीय बेटा इसहाक घर में ही खेल रहा था. खेलने के दौरान बच्चे के हाथ अचानक कीटनाशक दवा लग गया. खेलते खेलते अनजाने में बच्चे ने वह कीटनाशक दवा पी ली. जिसके बाद बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी. बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. बच्चे की तबियत बिगड़ते देख परिजनों ने तत्काल ही देर रात करीबन 3:55 बजे बच्चे को बेहोशी की हालत में मेकॉज में भर्ती कराया. मामले को गम्भीरता से लेते हुए डॉक्टरों ने बच्चे का आधी रात इलाज करना शुरू किया."
डॉक्टरों ने कर दिखाया करिश्मा: डॉ. अनुरूप साहू ने बताया कि "जिस वक्त बच्चे को मेकॉज लाया गया था, उस समय बच्चे की सांस फूल रही थी. जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि बच्चे के फेफड़े भी काम नहीं कर रहे थे. बच्चे को कोमा स्थिति में अस्पताल लाया गया था. परिजनों ने डॉक्टरों को बताया कि बच्चे ने अनजाने में किसी जहरीले कीटनाशक का सेवन कर लिया है. इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का शिशु रोग विभाग में गहन ईलाज शुरू किया. डॉक्टरों ने बच्चे को दो दिनों तक वेंटिलेटर में रखकर उसकी पूरी तरह से देखरेख की. डॉक्टरों की दो दिनों की मेहनत के बाद अब बच्चे की हालत में काफी सुधार आ चुका है. फिलहाल उन्होंने बच्चे की स्थिति खतरे से बाहर बताया है. बच्चे का ईलाज मेकॉज में अभी भी जारी है."
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बच्चे की जान बचाने में डॉ. अनुरूप साहू के साथ डॉ. मंडावी, डॉ. पुष्पराज प्रधान, डॉ. नधुराधा राठौर, जूनियर डॉक्टरों, अस्पताल स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा.