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जगदलपुर में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भूख हड़ताल, अब विधानसभा का करेंगे घेराव

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Published : Dec 14, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भूख हड़ताल (Daily Wage Workers Strike) जारी है. नियमितीकरण की मांग को लेकर कर्मचारी 16 दिसंबर को रायपुर पहुंचकर विधानसभा का घेराव करेंगे.

hunger strike
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भूख हड़ताल

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नियमितीकरण की मांग को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हड़ताल (Daily Wage Workers Strike) जारी है. पिछले 13 दिनों से समूचे बस्तर संभाग के लगभग एक हजार से अधिक की संख्या में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन में डटे हुए हैं और 2 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं.

यह भी पढ़ें: इंजीनियर-सीएमओ पर लापरवाही का आरोप, पीएम आवास योजना से वंचित लोगों ने घेरा लोरमी नगर पंचायत कार्यालय

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा अधूरा

कर्मचारियों का कहना है कि, चुनाव के वक्त कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं और अब तक अपने वादे को सरकार भूल गई है? ऐसे में कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इससे पहले कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी अब तक उनकी मांग पर अमल नहीं किया गया है और ना ही कोई जवाब मिला है. सभी कर्मचारी अब हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक वे हड़ताल पर हैं. जिसके बाद 16 दिसंबर को राजधानी रायपुर पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे.

'हमारी मांगों को अनसुना किया गया'

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष विपिन कुमार तिवारी ने बताया कि साल 1998 से बस्तर में और पूरे प्रदेश में लगभग 40 हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवा दे रहे हैं. उनसे न्यूनतम दर पर अधिक काम लिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी 40 हजार वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वादा किया था, लेकिन आज कांग्रेस सरकार को 3 साल बीत गए हैं लेकिन इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नियमितीकरण की मांग को लेकर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हड़ताल (Daily Wage Workers Strike) जारी है. पिछले 13 दिनों से समूचे बस्तर संभाग के लगभग एक हजार से अधिक की संख्या में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आंदोलन में डटे हुए हैं और 2 दिनों से क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं.

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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा अधूरा

कर्मचारियों का कहना है कि, चुनाव के वक्त कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के 3 साल पूरे होने जा रहे हैं और अब तक अपने वादे को सरकार भूल गई है? ऐसे में कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इससे पहले कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी अब तक उनकी मांग पर अमल नहीं किया गया है और ना ही कोई जवाब मिला है. सभी कर्मचारी अब हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक वे हड़ताल पर हैं. जिसके बाद 16 दिसंबर को राजधानी रायपुर पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे.

'हमारी मांगों को अनसुना किया गया'

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष विपिन कुमार तिवारी ने बताया कि साल 1998 से बस्तर में और पूरे प्रदेश में लगभग 40 हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवा दे रहे हैं. उनसे न्यूनतम दर पर अधिक काम लिया जा रहा है. विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सभी 40 हजार वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वादा किया था, लेकिन आज कांग्रेस सरकार को 3 साल बीत गए हैं लेकिन इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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