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जगदलपुर: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग चलाएगा मिशन इंद्रधनुष अभियान

बस्तर में बच्चों और महिलाओं की डायरिया और निमोनिया से हो रही मौत को कम करने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंद्रधनुष योजना प्रारंभ की जाएगी.

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Published : Nov 30, 2019, 12:45 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

Health Department will run Mission Indradhanush campaign
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंद्रधनुष अभियान

जगदलपुर: बस्तर में 2 साल से कम उम्र के बच्चों की टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसी बीमीरियों से हुई मौत के आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत अभियान की शुरुआत कर रहा है.

नक्सलप्रभावित क्षेत्रों में इंद्रधनुष योजना प्रारंभ

इस अभियान के तहत बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में टिकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने का कार्य किया जाएगा. इसकी शुरुआत 2 दिसंबर से की जाएगी जो 2 मार्च तक चलेगी.

बस्तर के बच्चे हो रहे आंशिक टिकाकरण से वंचित
जिले के टीकाकरण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 'बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगभग 314 बच्चे आंशिक टिकाकरण से वंचित हो गए हैं. साथ ही 136 गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीका नहीं लग पाया है. इसकी वजह जागरूकता की कमी और अशिक्षित क्षेत्र होने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से छूट गए हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम 4 महीनों का अभियान चलाकर इन छूटे हुए सभी बच्चों और महिलाओं को टीकाकरण करेगी.

इंद्रधनुष मिशन से कम हुआ मौत का आंकड़ा
टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि 'बस्तर में नवजात बच्चों की टीकाकरण के अभाव मौत हो जाती थी. टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसे गंभीर बीमारियों का शिकार होकर बच्चों की मौत हो जाती थी. लेकिन बीते 5 सालों में मिशन इंद्रधनुष चलाए जाने से जिले में बच्चों के मौतों के आंकड़ों में काफी कमी आई है. स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर उन्हें टीका लगाएं'.

पढ़ें- महासमुंद: कुपोषण को दूर करने जिले में मिशन 2.0 इंद्रधनुष योजना की शुरुआत

वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीणों को टिकाकरण के लिए जागरूक नहीं कर पाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि 'नक्सली भय के वजह से भी स्वास्थ विभाग की टीम इन क्षेत्रों में जाने से कतराती हैं. लेकिन नक्सलियों ने अब तक स्वास्थ विभाग की टीम को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है . ऐसे में इस बार टीम की ओर से पूरी कोशिश की जाएगी कि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में टीम एक अभियान चलाकर इंद्रधनुष योजना से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करेंगी'.

जगदलपुर: बस्तर में 2 साल से कम उम्र के बच्चों की टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसी बीमीरियों से हुई मौत के आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत अभियान की शुरुआत कर रहा है.

नक्सलप्रभावित क्षेत्रों में इंद्रधनुष योजना प्रारंभ

इस अभियान के तहत बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में टिकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने का कार्य किया जाएगा. इसकी शुरुआत 2 दिसंबर से की जाएगी जो 2 मार्च तक चलेगी.

बस्तर के बच्चे हो रहे आंशिक टिकाकरण से वंचित
जिले के टीकाकरण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 'बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगभग 314 बच्चे आंशिक टिकाकरण से वंचित हो गए हैं. साथ ही 136 गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीका नहीं लग पाया है. इसकी वजह जागरूकता की कमी और अशिक्षित क्षेत्र होने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से छूट गए हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम 4 महीनों का अभियान चलाकर इन छूटे हुए सभी बच्चों और महिलाओं को टीकाकरण करेगी.

इंद्रधनुष मिशन से कम हुआ मौत का आंकड़ा
टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि 'बस्तर में नवजात बच्चों की टीकाकरण के अभाव मौत हो जाती थी. टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसे गंभीर बीमारियों का शिकार होकर बच्चों की मौत हो जाती थी. लेकिन बीते 5 सालों में मिशन इंद्रधनुष चलाए जाने से जिले में बच्चों के मौतों के आंकड़ों में काफी कमी आई है. स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर उन्हें टीका लगाएं'.

पढ़ें- महासमुंद: कुपोषण को दूर करने जिले में मिशन 2.0 इंद्रधनुष योजना की शुरुआत

वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीणों को टिकाकरण के लिए जागरूक नहीं कर पाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि 'नक्सली भय के वजह से भी स्वास्थ विभाग की टीम इन क्षेत्रों में जाने से कतराती हैं. लेकिन नक्सलियों ने अब तक स्वास्थ विभाग की टीम को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है . ऐसे में इस बार टीम की ओर से पूरी कोशिश की जाएगी कि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में टीम एक अभियान चलाकर इंद्रधनुष योजना से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करेंगी'.

Intro:जगदलपुर। बस्तर में 2 साल के कम उम्र के बच्चों की टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों से हुई मौत के आंकड़ों को देखते हुए स्वास्थ विभाग मिशन इंद्रधनुष के तहत अभियान की शुरुआत कर रही है। इस अभियान के तहत बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में टिकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने का कार्य किया जाएगा। और इसकी शुरुआत 2 दिसंबर से की जाएगी जो 2 मार्च तक चलेगी।


Body: जिले के टीकाकरण अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगभग 314 बच्चे आंशिक टिकाकरण से वंचित हो गए हैं। साथ ही 136 गर्भवती महिलाओ को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीका नहीं लग पाया है । और इसकी वजह अधिकारी ने बताया कि जागरूकता की कमी और अशिक्षित क्षेत्र होने की वजह से इतनी बड़ी संख्या में बच्चे और गर्भवती महिलाएं टीकाकरण से छूट गए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम 4 महीनों का अभियान चलाकर इन छूटे हुए सभी बच्चों और महिलाओं को टीकाकरण करेगी।


Conclusion: टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि बस्तर में नवजात बच्चों की टीकाकरण के अभाव मौत हो जाती थी। टीकाकरण के अभाव में डायरिया और निमोनिया जैसे गंभीर बीमारियों का शिकार होकर बच्चो की मृत्यु हो जाती थीं। लेकिन बीते 5 सालों में मिशन इंद्रधनुष चलाए जाने से जिले में बच्चों के मौतों के आंकड़ों में काफी कमी आई है। और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर उन्हें टीका लगाएं। वही स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों को टिकाकरण के लिए जागरूक नहीं कर पाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि नक्सली भय के वजह से भी स्वास्थ विभाग की टीम इन क्षेत्रों में जाने से कतराती है । लेकिन नक्सली अब तक स्वास्थ विभाग की टीम को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाये है। ऐसे में इस बार टीम द्वारा पूरी कोशिश की जाएगी कि बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में टीम एक अभियान चलाकर इंद्रधनुष योजना से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण करेगी।

बाईट1-डॉ नारायण मैत्री, जिला टिकाकरण अधिकारी
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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