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कारगर साबित हो रही बस्तर में सुपोषण योजना, कुपोषित बच्चों को मिल रहा लाभ

बस्तर में कुपोषण के आंकड़े को कम करने के लिए राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे हैं. सुपोषण योजना के तहत जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों और परिजनों का खास ख्याल रखा जा रहा है. इलाज के बाद कुपोषित बच्चों में सुधार देखने को मिल रहा है.

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Published : Oct 31, 2019, 4:09 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

कारगर साबित हो रही बस्तर में सुपोषण योजना

जगदलपुर: बस्तर में नौनिहालों में बढ़ रहे कुपोषण के आंकड़े को कम करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही सुपोषण योजना के तहत जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों और परिजनों का खास ख्याल रखने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को हफ्ते में तीन दिन अंडा और तीन दिन मूंगफल्ली और गुड के लड्डू दिए जा रहे हैं.

दरअसल बस्तर में बच्चों को उचित न्यूट्रीशियन युक्त खाना नहीं मिलने के कारण उनमें कुपोषण के लक्षण पाए गए थे, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की सुपोषण योजना की शुरुआत की, जिसके तहत आंगनबाडी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों के लिए तीन दिन अंडा और तीन दिन मूंगफली, गुड़ के लड्डू दिए जाने के साथ ही जिले के चार पोषण पुनर्वास केन्द्रों में इन बच्चों के इलाज के लिए बेहतर सुविधा के और इनके खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है.

परिजन कर रहे पहल की सराहना

वहीं बच्चों के परिजन भी सरकार के इस पहल की काफी सराहना कर रहे हैं. कुपोषित बच्चे की मां संगीता कश्यप ने बताया कि 'उनका बच्चा कुपोषण से गंभीर रूप से पीड़ित था जिसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केंन्द्र में लाया गया. उसने बताया कि यहां लाने और इलाज के बाद काफी हद तक सुधार आया है'. उन्होंने यह भी बताया कि 'उनके बच्चों को समय से न्यूट्रीशियन युक्त भोजन भी दिया जा रहा है. वहीं बच्चों के परिजनों को भी प्रतिदिन 150 रूपये के हिसाब से 15 दिनों तक आर्थिक सहयोग राशि भी दिया जा रहा है'.

परियोजना अधिकारी ने दी जानकारी

परियोजना अधिकारी ने बताया कि 'अभी बस्तर जिले के 82 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को चयनित किया गया है, जहां बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 45 से अधिक है. जहां पहले चरण में इस योजना से लगभग 1800 बच्चे लाभान्वित होंगे. वहीं दूसरा चरण भी जल्द ही शुरू किया जाएगा'. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि 'बस्तर जिले के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो, लगभग 70 हजार में से 24 हजार बच्चे कुपोषित और 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित हैं'. वहीं उन्होने बताया कि 'कुपोषण से लड़ने के लिए प्रशासन की ओर से 10 से अधिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. वहीं राज्य सरकार की सुपोषण योजना के तहत भी बच्चों को पुनर्वास केंन्द्र में पोषण आहार दिया जा रहा है'.

पढ़े: जगदलपुर : DRG जवान ने की खुदकुशी, 3 साल पहले छोड़ा था 'लाल आतंक' का दामन

अब देखना यह होगा कि बस्तर मे कुपोषण से लड़ने के लिए इतनी योजनाएं चलायी तो जा रही है लेकिन कुपोषण के प्रतिशत को कम करने मे यह योजनाएं कारगर साबित हो पाती है या नहीं.

जगदलपुर: बस्तर में नौनिहालों में बढ़ रहे कुपोषण के आंकड़े को कम करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही सुपोषण योजना के तहत जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों और परिजनों का खास ख्याल रखने के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को हफ्ते में तीन दिन अंडा और तीन दिन मूंगफल्ली और गुड के लड्डू दिए जा रहे हैं.

दरअसल बस्तर में बच्चों को उचित न्यूट्रीशियन युक्त खाना नहीं मिलने के कारण उनमें कुपोषण के लक्षण पाए गए थे, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की सुपोषण योजना की शुरुआत की, जिसके तहत आंगनबाडी केन्द्रों में कुपोषित बच्चों के लिए तीन दिन अंडा और तीन दिन मूंगफली, गुड़ के लड्डू दिए जाने के साथ ही जिले के चार पोषण पुनर्वास केन्द्रों में इन बच्चों के इलाज के लिए बेहतर सुविधा के और इनके खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है.

परिजन कर रहे पहल की सराहना

वहीं बच्चों के परिजन भी सरकार के इस पहल की काफी सराहना कर रहे हैं. कुपोषित बच्चे की मां संगीता कश्यप ने बताया कि 'उनका बच्चा कुपोषण से गंभीर रूप से पीड़ित था जिसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केंन्द्र में लाया गया. उसने बताया कि यहां लाने और इलाज के बाद काफी हद तक सुधार आया है'. उन्होंने यह भी बताया कि 'उनके बच्चों को समय से न्यूट्रीशियन युक्त भोजन भी दिया जा रहा है. वहीं बच्चों के परिजनों को भी प्रतिदिन 150 रूपये के हिसाब से 15 दिनों तक आर्थिक सहयोग राशि भी दिया जा रहा है'.

परियोजना अधिकारी ने दी जानकारी

परियोजना अधिकारी ने बताया कि 'अभी बस्तर जिले के 82 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को चयनित किया गया है, जहां बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 45 से अधिक है. जहां पहले चरण में इस योजना से लगभग 1800 बच्चे लाभान्वित होंगे. वहीं दूसरा चरण भी जल्द ही शुरू किया जाएगा'. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि 'बस्तर जिले के आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो, लगभग 70 हजार में से 24 हजार बच्चे कुपोषित और 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित हैं'. वहीं उन्होने बताया कि 'कुपोषण से लड़ने के लिए प्रशासन की ओर से 10 से अधिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. वहीं राज्य सरकार की सुपोषण योजना के तहत भी बच्चों को पुनर्वास केंन्द्र में पोषण आहार दिया जा रहा है'.

पढ़े: जगदलपुर : DRG जवान ने की खुदकुशी, 3 साल पहले छोड़ा था 'लाल आतंक' का दामन

अब देखना यह होगा कि बस्तर मे कुपोषण से लड़ने के लिए इतनी योजनाएं चलायी तो जा रही है लेकिन कुपोषण के प्रतिशत को कम करने मे यह योजनाएं कारगर साबित हो पाती है या नहीं.

Intro:जगदलपुर। बस्तर में नौनिहालों में बढ़ रहे कुपोषण के आंकड़े को कम करने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सुपोषण योजना के तहत जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रो मे कुपोषित बच्चो और परिजनो का खास ख्याल रखने के साथ ही  आंगनबाडी केन्द्रो मे बच्चो को सप्ताह मे तीन दिन अण्डा और व तीन दिन मूंगफल्ली गुड के लड्डू दिये जा रहे है।


Body:दरअसल बस्तर में बच्चों को उचित न्यूट्रीशियन युक्त भोजन न मिल पाने की वजह से उनमे कुपोषण देखा जा रहा था, जिसके बाद राज्य सरकार की सुपोषण योजना की बस्तर मे मुख्यमंत्री ने शूरुआत की, जिसके तहत आंगनबाडी केन्द्रो मे कुपोषित बच्चो के लिए तीन दिन अण्डा व तीन दिन मुंगफल्ली गुड के लड्डू दिये जाने के साथ ही जिले के चार पोषण पुनर्वास केन्द्रो मे इन बच्चो के ईलाज के लिए बेहतर सुविधा के साथ इनके खानपान का खास ख्याल रखा जा रहा है,इधर बच्चो के परिजन भी सरकार के इस पहल की काफी सराहना कर रहे है, कुपोषित बच्चे की मां संगीता कश्यप बताती है कि उनका बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित से पीडित था जिसके बाद उसे पोषण पुनर्वास केन्द्र मे लाया गया और यहाँ लाने के बाद काफी हद तक उसमे सुधार आया है, और समय से न्यूट्रीशियन युक्त भोजन भी दिया जा रहा है। वही बच्चो के परिजनों को भी प्रतिदिन 150 रू. के हिसाब से 15 दिनो तक आर्थिक सहयोग भी किया जा रहा है।


Conclusion:इस सम्बन्ध में परियोजना अधिकारी ने बताया कि अभी बस्तर जिले के 82 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रो को चयनित किया गया है जहाँ बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 45 से अधिक है। प्रथम चरण में इस योजना से लगभग 1800 बच्चे लाभान्वित होंगे वहीँ दूसरा चरण भी जल्द ही प्रारम्भ किया जायेगा। वहीँ केवल बस्तर जिले के आंकड़ों पर नजर डाला जाये तो लगभग70 हजार बच्चों में 24 हजार बच्चे कुपोषित और 7 हजार बच्चे गंभीर कुपोषित हैं।  वही उन्होने बताया कि कुपोषण से लड़ने के लिए प्रसाशन द्वारा 10 से अधिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। वही राज्य सरकार की  सुपोषण योजना के तहत भी बच्चो को पोषण पुनर्वास केन्द्र मे पोषण आहार दिया जा रहा है। अब देखना होगा कि बस्तर मे कुपोषण से लडने इतनी योजनाएं चलायी तो जा रही है लेकिन  कुपोषण के प्रतिशत को कम करने मे यह योजनाएं कारगर साबित हो पाती है या नही, और क्या वाकई बस्तर के नौनिहालों का बचपन इस योजना से खुशहाल हो पाता है।
 
बाईट1 - एल.आर कच्छप, जिला परियोजना अधिकारी
 
बाईट2 - संगीता कश्यप, परिजन  
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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