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बस्तर में मानसून की लुकाछिपी: किसानों की बढ़ी चिंता, खेतों तक बांध से पानी पहुंचाने की तैयारी

छत्तीसगढ़ में इस साल अपेक्षाकृत कम बारिश हो रही है. दक्षिण बस्तर का भी यही हाल है. ठीक तरह से बारिश नहीं होने से किसान तालाबों से पानी की सिंचाई कर रहे हैं. लेकिन इससे किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. खेतों में पानी लंबे समय तक नहीं रह रहा है. कलेक्टर ने कोसारटेडा डेम से पानी छोड़ने का आदेश दिया है. साथ ही बारिश पर नजर रखी जा रही है. आने वाले दिनों में बारिश नहीं होने पर खेतों का सर्वे किया जाएगा.

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बस्तर में बारिश नहीं होने से किसान परेशान
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Published : Jul 16, 2021, 12:48 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में मानसून पहुंचने के बाद कुछ दिन तो बादल जमकर बरसे लेकिन उसके बाद से बारिश थम गई है. इलाके में हर रोज बारिश की संभावना जताई जा रही है. आसमान में काले बादल भी छा रहे हैं लेकिन बरसात ज्यादा नहीं हो रही है. जिसकी वजह से बस्तर के किसान परेशान हैं. खंड वर्षा की वजह से कई इलाकों में सूखे जैसे हालात अभी से बनते दिखाई दे रहे हैं.

बस्तर में कोरोना की मार के बाद अब कम वर्षा किसानों को सताने लगी है. संभाग के कई जिलों में बारिश नहीं के बराबर हुई है. खंड वर्षा की वजह से कई ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को फसल खराब होने का डर बना हुआ है. जिले में भी पिछले सालों के मुकाबले जुलाई माह में काफी कम बारिश दर्ज की गयी है. खासकर भानपुरी इलाके में कई किसानों के खेत पानी के अभाव में सूखे नजर आ रहे हैं.

बस्तर में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

चक्रवात के कारण दक्षिण छत्तीसगढ़ में कम बारिश

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार औसत बारिश की पहले से ही उम्मीद की गई थी. लेकिन उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के ऊपर चक्रीय चक्रवात घेरा बना हुआ है. जिसकी वजह से दक्षिण छत्तीसगढ़ में अपेक्षाकृत बारिश कम हो रही है. जबकि आंध्र प्रदेश में बारिश के हालात बेहतर है. इधर रुक-रुक कर हो रही बारिश से तापमान बढ़ा हुआ है. हवा में नमी भी ज्यादा बनी हुई है. बीते साल जुलाई में इसी समय तक औसत बारिश से 112.72 प्रतिशत बारिश हुई थी. अब तक साल में 70.49 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है. जो पिछले साल के मुकाबले काफी कम है.

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज बरसेंगे बदरा, गाज गिरने की भी संभावना

मोटर पंप के जरिए हो रही खेती

बारिश नहीं होने से किसानों को फसल खराब होने की भी चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खेतों में धान की रोपाई तो कर दी है लेकिन जितनी पानी धान के लिए होना चाहिए. उतना पानी नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा वे मोटर पंप के जरिए तालाबों से पानी लेकर खेतों में पानी छोड़ रहे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश नहीं हो रही है. जिससे खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पंप से पानी छोड़ने पर वे ज्यादा देर नहीं रह रहे हैं. खेत जल्दी सूख जा रहे हैं. किसानों ने बताया कि जुलाई महीने में कम बारिश की वजह से खेतों में आधा काम भी नहीं हो पाया है. ऐसे में फसल खराब होने की पूरी आशंका बनी हुई है.

कोसारटेडा डेम से छोड़ा जा रहा पानी

कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बस्तर जिले में ही अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश के आंकड़े अलग-अलग है. दरभा ब्लॉक में आज 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बारिश हुई है. जबकि बकावंड ब्लॉक में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. कलेक्टर ने बताया कि फील्ड अधिकारियों से इस मामले में विस्तृत चर्चा की गई है. किसानों की परेशानी और मांग के अनुरूप कोसारटेडा डेम से पानी छोड़ने का आदेश दे दिया गया है. अगर कुछ दिनों में अच्छी बारिश नहीं होती है तो प्रशासन की ओर से किसानों के खेतों का सर्वे कर आंकलन भी किया जाएगा.

बस्तर मानसून अपडेट

छत्तीसगढ़ में मानसून आने के बाद से ही इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है. प्रदेश में अब तक 396.6 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है. बात करें बस्तर की तो यहां 301.7 मिमी बारिश अब तक हुई है.

जगदलपुर: बस्तर में मानसून पहुंचने के बाद कुछ दिन तो बादल जमकर बरसे लेकिन उसके बाद से बारिश थम गई है. इलाके में हर रोज बारिश की संभावना जताई जा रही है. आसमान में काले बादल भी छा रहे हैं लेकिन बरसात ज्यादा नहीं हो रही है. जिसकी वजह से बस्तर के किसान परेशान हैं. खंड वर्षा की वजह से कई इलाकों में सूखे जैसे हालात अभी से बनते दिखाई दे रहे हैं.

बस्तर में कोरोना की मार के बाद अब कम वर्षा किसानों को सताने लगी है. संभाग के कई जिलों में बारिश नहीं के बराबर हुई है. खंड वर्षा की वजह से कई ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को फसल खराब होने का डर बना हुआ है. जिले में भी पिछले सालों के मुकाबले जुलाई माह में काफी कम बारिश दर्ज की गयी है. खासकर भानपुरी इलाके में कई किसानों के खेत पानी के अभाव में सूखे नजर आ रहे हैं.

बस्तर में बारिश नहीं होने से किसान परेशान

चक्रवात के कारण दक्षिण छत्तीसगढ़ में कम बारिश

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार औसत बारिश की पहले से ही उम्मीद की गई थी. लेकिन उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के ऊपर चक्रीय चक्रवात घेरा बना हुआ है. जिसकी वजह से दक्षिण छत्तीसगढ़ में अपेक्षाकृत बारिश कम हो रही है. जबकि आंध्र प्रदेश में बारिश के हालात बेहतर है. इधर रुक-रुक कर हो रही बारिश से तापमान बढ़ा हुआ है. हवा में नमी भी ज्यादा बनी हुई है. बीते साल जुलाई में इसी समय तक औसत बारिश से 112.72 प्रतिशत बारिश हुई थी. अब तक साल में 70.49 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है. जो पिछले साल के मुकाबले काफी कम है.

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज बरसेंगे बदरा, गाज गिरने की भी संभावना

मोटर पंप के जरिए हो रही खेती

बारिश नहीं होने से किसानों को फसल खराब होने की भी चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने खेतों में धान की रोपाई तो कर दी है लेकिन जितनी पानी धान के लिए होना चाहिए. उतना पानी नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा वे मोटर पंप के जरिए तालाबों से पानी लेकर खेतों में पानी छोड़ रहे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश नहीं हो रही है. जिससे खेतों को पानी नहीं मिल पा रहा है. पंप से पानी छोड़ने पर वे ज्यादा देर नहीं रह रहे हैं. खेत जल्दी सूख जा रहे हैं. किसानों ने बताया कि जुलाई महीने में कम बारिश की वजह से खेतों में आधा काम भी नहीं हो पाया है. ऐसे में फसल खराब होने की पूरी आशंका बनी हुई है.

कोसारटेडा डेम से छोड़ा जा रहा पानी

कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बस्तर जिले में ही अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश के आंकड़े अलग-अलग है. दरभा ब्लॉक में आज 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बारिश हुई है. जबकि बकावंड ब्लॉक में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. कलेक्टर ने बताया कि फील्ड अधिकारियों से इस मामले में विस्तृत चर्चा की गई है. किसानों की परेशानी और मांग के अनुरूप कोसारटेडा डेम से पानी छोड़ने का आदेश दे दिया गया है. अगर कुछ दिनों में अच्छी बारिश नहीं होती है तो प्रशासन की ओर से किसानों के खेतों का सर्वे कर आंकलन भी किया जाएगा.

बस्तर मानसून अपडेट

छत्तीसगढ़ में मानसून आने के बाद से ही इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ गई है. प्रदेश में अब तक 396.6 मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है. बात करें बस्तर की तो यहां 301.7 मिमी बारिश अब तक हुई है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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