जगदलपुर : बस्तर में जिला प्रशासन ने टीम गठित कर धान की खड़ी फसल पर अदृश्य मकड़ी के प्रकोप पर नियंत्रण पाने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं. कृषि विभाग के अलग-अलग अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों के खेतों में अदृश्य मकड़ी के प्रकोप का आकलन करने में लगे हैं. सामान्य आंखों से मकड़ी दिखाई नहीं देती. इसलिए इसे अदृश्य मकड़ी नाम दिया गया(Farmer upset due to invisible spider in Bastar) है.
कैसे पहुंचाती है फसल को नुकसान : धान की बालियां बनने से पहले ही ये मकड़ी उसके पोषक तत्वों को चूसकर खराब कर देती हैं. यह शुष्क भूमि में काफी तेजी से फैलती है. इस अदृश्य मकड़ी का वैज्ञानिक नाम इस्टेनोटास्नेमस इसपंकी (istenotasnemus ispunki) है. इस मकड़ी के प्रकोप से धान की पत्तियों पर हल्के भूरे रंग का निशान बन जाता है.खास बात यह कि यह दृश्य मकड़ी शुष्क भूमि, कृषि उपकरण और खेतों में लंबे समय तक रह सकती है. Bastar latest news