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ETV भारत की पड़ताल: न जांच किट और न मेडिकल स्टाफ, कैसे लड़ेगा बस्तर ?

कोरोना ने विदेश के साथ ही देश में भी हाहाकार मचा दिया है, बस्तर में इस महामारी से संक्रमित कोई मरीज नहीं मिला है. लेकिन बस्तर का स्वास्थ्य विभाग कोई संसाधन नहीं होने पर भी कोरोना वायरस का इलाज करने का दावा कर रहा है.

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Published : Apr 8, 2020, 9:18 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

etv bharat explores health services in bastar
बस्तर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर ईटीवी भारत की पड़ताल

जगदलपुर: वैश्विक महामारी कोविड 19 ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है. इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हालांकि छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब तक इस महामारी से संक्रमित मरीज नहीं मिला है लेकिन एहतियात के तौर पर जिले के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इसकी जांच शुरू कर दी गई है और लगातार विदेशों और दूसरे राज्यों से आए लोगों के ब्लड सैंपल लेकर जांच भी जारी है. जिला प्रशासन का दावा है कि कोरोना से निपटने के लिए जगदलपुर के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा है, जिससे इस बीमारी से संक्रमित मरीजों का इलाज यहां संभव हो सकता है.

बस्तर में ETV भारत की पड़ताल
स्वास्थ्य विभाग के दावों की हकीकत:
  • बस्तर जिले में 3 अस्पतालों की सुविधा.
  • किसी भी अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच किट मौजूद नहीं.
  • 7 विकासखंडों में 1-1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.
  • जिले में 37 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.
  • डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में 700 बेड की सुविधा.
  • महारानी अस्पताल में 100 बेड की सुविधा.
  • भानपुरी अस्पताल में 30 बेड की सुविधा.
  • डिमरापाल अस्पताल में 10 विशेषज्ञ डॉक्टर, महारानी अस्पताल में 6, भानपुरी अस्पताल में 4 विशेषज्ञ डॉक्टर.
  • महारानी अस्पताल और डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी की सुविधा.
  • तीनों अस्पतालों में 18 वेंटिलेटर की सुविधा.
  • जिले भर में 30 एंबुलेंस दे रही सेवाएं, 12 से ज्यादा खराब पड़े हैं.
  • किसी भी अस्पताल में MRI की सुविधा नहीं.
  • टेलीमेडिसिन मशीन भी बंद.
  • अस्पतालों में 80 से ज्यादा नर्सों के पद खाली.
  • 7 से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भी खाली.
  • अस्पताल में टेक्नीशियन के पद भी खाली.
  • वार्ड ब्वॉय और ऑपरेटरों के 130 से भी ज्यादा पद खाली.
  • अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन व एंटी वेनम की भी कमी.
  • रेड क्रॉस की भी सुविधा नहीं.

    जगदलपुर शहर में स्थित महारानी अस्पताल में 300 मरीजों के लिए ओपीडी की सुविधा है लेकिन मात्र 100 बेड होने की वजह से यहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं डिमरापाल अस्पताल शहर से काफी दूर होने के कारण ज्यादातर लोग महारानी अस्पताल में ही अपना इलाज करने पहुंचते हैं, जिससे यहां के अस्पताल स्टाफ पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है. हालांकि इन सबके बीच एक अच्छी बात ये है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली सभी योजना का लाभ बस्तर वासियों को दिया जा रहा है.

जगदलपुर: वैश्विक महामारी कोविड 19 ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है. इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हालांकि छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब तक इस महामारी से संक्रमित मरीज नहीं मिला है लेकिन एहतियात के तौर पर जिले के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में इसकी जांच शुरू कर दी गई है और लगातार विदेशों और दूसरे राज्यों से आए लोगों के ब्लड सैंपल लेकर जांच भी जारी है. जिला प्रशासन का दावा है कि कोरोना से निपटने के लिए जगदलपुर के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा है, जिससे इस बीमारी से संक्रमित मरीजों का इलाज यहां संभव हो सकता है.

बस्तर में ETV भारत की पड़ताल
स्वास्थ्य विभाग के दावों की हकीकत:
  • बस्तर जिले में 3 अस्पतालों की सुविधा.
  • किसी भी अस्पताल में कोरोना वायरस की जांच किट मौजूद नहीं.
  • 7 विकासखंडों में 1-1 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.
  • जिले में 37 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.
  • डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में 700 बेड की सुविधा.
  • महारानी अस्पताल में 100 बेड की सुविधा.
  • भानपुरी अस्पताल में 30 बेड की सुविधा.
  • डिमरापाल अस्पताल में 10 विशेषज्ञ डॉक्टर, महारानी अस्पताल में 6, भानपुरी अस्पताल में 4 विशेषज्ञ डॉक्टर.
  • महारानी अस्पताल और डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी की सुविधा.
  • तीनों अस्पतालों में 18 वेंटिलेटर की सुविधा.
  • जिले भर में 30 एंबुलेंस दे रही सेवाएं, 12 से ज्यादा खराब पड़े हैं.
  • किसी भी अस्पताल में MRI की सुविधा नहीं.
  • टेलीमेडिसिन मशीन भी बंद.
  • अस्पतालों में 80 से ज्यादा नर्सों के पद खाली.
  • 7 से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद भी खाली.
  • अस्पताल में टेक्नीशियन के पद भी खाली.
  • वार्ड ब्वॉय और ऑपरेटरों के 130 से भी ज्यादा पद खाली.
  • अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन व एंटी वेनम की भी कमी.
  • रेड क्रॉस की भी सुविधा नहीं.

    जगदलपुर शहर में स्थित महारानी अस्पताल में 300 मरीजों के लिए ओपीडी की सुविधा है लेकिन मात्र 100 बेड होने की वजह से यहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं डिमरापाल अस्पताल शहर से काफी दूर होने के कारण ज्यादातर लोग महारानी अस्पताल में ही अपना इलाज करने पहुंचते हैं, जिससे यहां के अस्पताल स्टाफ पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है. हालांकि इन सबके बीच एक अच्छी बात ये है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाली सभी योजना का लाभ बस्तर वासियों को दिया जा रहा है.
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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