ETV Bharat / state

बस्तर से माउंट एवरेस्ट तक का सफर, सुनिए नैना की कहानी उनकी मां की जुबानी - with vimala Singh Dhakad

बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने अद्भुत कारनामा कर दिखाया है. पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ ने विश्व के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट और विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर तिरंगा फहराया है. यह बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली नैना छत्तीसगढ़ की पहली महिला हैं.

etv-bharat-exclusive-interview-with-vimala-singh-dhakad-mother-of-mountaineer-neha-singh-dhakad-in-bastar
नैना सिंह धाकड़ की मां विमला सिंह धाकड़
author img

By

Published : Jun 3, 2021, 9:17 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ (Mountaineer Naina Singh dhakad) ने एक बार फिर से बस्तर (Naina Singh Mountain Girl of Bastar )और छत्तीसगढ़ (Naina Singh Mountain Girl of chattisgarh) का नाम गौरवान्वित किया है. पर्वतारोही नैना ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) और माउंट ल्होत्से (mount lhotse) पर तिरंगा फहराया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली नैना सिंह छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही बन चुकी हैं. उनकी इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पूरे प्रदेशवासियों ने नैना को बधाई दी है. दरअसल, विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है. वहीं विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर है. बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने इस ऊंचाई में चढ़ तिरंगा झंडा लहराकर फतेह हासिल की है. नैना के इस बड़ी उपलब्धि के लिए ETV भारत ने नैना सिंह धाकड़ की मां विमला सिंह धाकड़ से खास बातचीत की.

पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ की मां विमला सिंह धाकड़ ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

माउंटेन गर्ल नैना का जीवन रहा संघर्षों से भरा

बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ बस्तर ब्लॉक के टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं. 26 साल पहले सर से पिता का साया उठने के बाद नैना की मां ने पालन पोषण कर नैना को पढ़ाया लिखाया. नैना की माता विमला धाकड़ बताती हैं कि नैना का सपना कुछ और था. खेलों में महारथ हासिल करने के बाद नैना सिंह धाकड़ को टाटा स्टील कंपनी से जॉब के लिए ऑफर आया. जिसके बाद नैना को पहली बार टाटा की ओर से शिखर में चढ़ने के लिए भूटान भेजा गया. 1 महीने तक भूटान में रहकर शिखर की चढ़ाई करने के बाद नैना की जमकर तारीफ हुई. उसे तब से पर्वतारोही नैना कहा जाने लगा. जिसके बाद धीरे-धीरे उसने बस्तर की माउंटेन गर्ल के तौर पर सभी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और उपलब्धि हासिल करते चले गई.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

एवरेस्ट फतह के लिए 11 साल से तैयारी

नैना की मां ने बताया कि हिमालय माउंट एवरेस्ट में चढ़ने के लिए वह पिछले 11 साल से तैयारी कर रही है. इस दौरान नैना को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी. बावजूद इसके उसने हिम्मत नहीं हारी. नैना ने अपनी मां को बताया था कि उसकी ख्वाहिश है कि वह माउंट एवरेस्ट के सबसे बड़े शिखर लहोत्से में तिरंगा फैराकर बस्तर के साथ अपने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करना चाहती है. आखिरकार नैना ने माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में तिरंगा लहरा कर बस्तर समेत पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

'बेटी पर गर्व'

नैना की मां ने बताया कि नैना कि, बस्तर से निकलते ही कोरोनाकाल की वजह से लॉकडाउन लग गया. इस दौरान उन्हें नैना की चिंता सताने लगी थी, जिसके बाद काठमांडू पहुंचकर नैना ने अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ होना बताया. नैना ने अपने प्रतिभागियों के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की. नैना की मां ने बताया कि वे काफी गर्व महसूस कर रही हैं. नैना ने जो सोचा था वह कर दिखाया. इससे केवल बस्तर ही नहीं पूरी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हुआ है. उन्होंने कहा कि नैना केवल उनकी बेटी नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटी है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

'बेटियां आएं आगे'

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नैना सिंह धाकड़ की तरह बस्तर की बेटियों को आगे आना चाहिए. एक मुकाम हासिल कर बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि नैना के इस उपलब्धि के लिए बस्तर जिला प्रशासन ने और एनएमडीसी ने पूरा सहयोग किया. फतेह हासिल करने के बाद नैना ने उनसे फोन में बातचीत की, उन्हें जानकारी मिल रही थी कि नैना का स्वास्थ्य खराब है, लेकिन नैना ने इन सब बात से इनकार किया. उसने कहा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है और उसने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर फतेह हासिल कर तिरंगा लहराया है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

नेपाल, भूटान में भी फतह हासिल की

माउंट एवरेस्ट के सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में चढ़ाई करने से पहले नैना सिंह धाकड़ नेपाल, भूटान और हिमाचल प्रदेश के भागीरथी में भी फतह हासिल कर चुकी हैं. इस उपलब्धि के लिए बस्तर पुलिस ने नैना सिंह धाकड़ को बस्तर पुलिस का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. उसके बाद से ही लगातार नैना सिंह धाकड़ हिमालय के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने की तैयारी कर रही थीं. आखिरकार कुछ महीने पहले वह इस फतेह को हासिल करने के लिए बस्तर से निकलीं और बकायदा हर मौसम को और खासकर कोरोना को मात देते हुए माउंट एवरेस्ट की उचाई 8848 मीटर और विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर पर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया. अपने फेसबुक पोस्ट के अनुसार नैना सिंह धाकड़ ने 1 जून 2021 को सुबह 9 बजे इस ऊंची चोटी में चढ़ाई कर तिरंगा फहराया. देश, अपने राज्य और बस्तर का नाम रोशन किया. नैना सिंह धाकड़ इस फतेह को हासिल कर छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पर्वतारोही महिला बनने की उपलब्धि हासिल की.

जगदलपुर: बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ (Mountaineer Naina Singh dhakad) ने एक बार फिर से बस्तर (Naina Singh Mountain Girl of Bastar )और छत्तीसगढ़ (Naina Singh Mountain Girl of chattisgarh) का नाम गौरवान्वित किया है. पर्वतारोही नैना ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) और माउंट ल्होत्से (mount lhotse) पर तिरंगा फहराया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाली नैना सिंह छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही बन चुकी हैं. उनकी इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत पूरे प्रदेशवासियों ने नैना को बधाई दी है. दरअसल, विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848.86 मीटर है. वहीं विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर है. बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने इस ऊंचाई में चढ़ तिरंगा झंडा लहराकर फतेह हासिल की है. नैना के इस बड़ी उपलब्धि के लिए ETV भारत ने नैना सिंह धाकड़ की मां विमला सिंह धाकड़ से खास बातचीत की.

पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ की मां विमला सिंह धाकड़ ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत

माउंटेन गर्ल नैना का जीवन रहा संघर्षों से भरा

बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ बस्तर ब्लॉक के टाकरागुड़ा की रहने वाली हैं. 26 साल पहले सर से पिता का साया उठने के बाद नैना की मां ने पालन पोषण कर नैना को पढ़ाया लिखाया. नैना की माता विमला धाकड़ बताती हैं कि नैना का सपना कुछ और था. खेलों में महारथ हासिल करने के बाद नैना सिंह धाकड़ को टाटा स्टील कंपनी से जॉब के लिए ऑफर आया. जिसके बाद नैना को पहली बार टाटा की ओर से शिखर में चढ़ने के लिए भूटान भेजा गया. 1 महीने तक भूटान में रहकर शिखर की चढ़ाई करने के बाद नैना की जमकर तारीफ हुई. उसे तब से पर्वतारोही नैना कहा जाने लगा. जिसके बाद धीरे-धीरे उसने बस्तर की माउंटेन गर्ल के तौर पर सभी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और उपलब्धि हासिल करते चले गई.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

एवरेस्ट फतह के लिए 11 साल से तैयारी

नैना की मां ने बताया कि हिमालय माउंट एवरेस्ट में चढ़ने के लिए वह पिछले 11 साल से तैयारी कर रही है. इस दौरान नैना को काफी परेशानी भी उठानी पड़ी. बावजूद इसके उसने हिम्मत नहीं हारी. नैना ने अपनी मां को बताया था कि उसकी ख्वाहिश है कि वह माउंट एवरेस्ट के सबसे बड़े शिखर लहोत्से में तिरंगा फैराकर बस्तर के साथ अपने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करना चाहती है. आखिरकार नैना ने माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में तिरंगा लहरा कर बस्तर समेत पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

'बेटी पर गर्व'

नैना की मां ने बताया कि नैना कि, बस्तर से निकलते ही कोरोनाकाल की वजह से लॉकडाउन लग गया. इस दौरान उन्हें नैना की चिंता सताने लगी थी, जिसके बाद काठमांडू पहुंचकर नैना ने अपने आप को पूरी तरह से स्वस्थ होना बताया. नैना ने अपने प्रतिभागियों के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की. नैना की मां ने बताया कि वे काफी गर्व महसूस कर रही हैं. नैना ने जो सोचा था वह कर दिखाया. इससे केवल बस्तर ही नहीं पूरी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हुआ है. उन्होंने कहा कि नैना केवल उनकी बेटी नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटी है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

'बेटियां आएं आगे'

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नैना सिंह धाकड़ की तरह बस्तर की बेटियों को आगे आना चाहिए. एक मुकाम हासिल कर बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि नैना के इस उपलब्धि के लिए बस्तर जिला प्रशासन ने और एनएमडीसी ने पूरा सहयोग किया. फतेह हासिल करने के बाद नैना ने उनसे फोन में बातचीत की, उन्हें जानकारी मिल रही थी कि नैना का स्वास्थ्य खराब है, लेकिन नैना ने इन सब बात से इनकार किया. उसने कहा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है और उसने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर फतेह हासिल कर तिरंगा लहराया है.

Naina Singh Mountain Girl of Bastar
बस्तर की माउंटेन गर्ल नैना

नेपाल, भूटान में भी फतह हासिल की

माउंट एवरेस्ट के सबसे ऊंची चोटी लहोत्से में चढ़ाई करने से पहले नैना सिंह धाकड़ नेपाल, भूटान और हिमाचल प्रदेश के भागीरथी में भी फतह हासिल कर चुकी हैं. इस उपलब्धि के लिए बस्तर पुलिस ने नैना सिंह धाकड़ को बस्तर पुलिस का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. उसके बाद से ही लगातार नैना सिंह धाकड़ हिमालय के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने की तैयारी कर रही थीं. आखिरकार कुछ महीने पहले वह इस फतेह को हासिल करने के लिए बस्तर से निकलीं और बकायदा हर मौसम को और खासकर कोरोना को मात देते हुए माउंट एवरेस्ट की उचाई 8848 मीटर और विश्व के चौथे नंबर का पर्वत शिखर माउंट ल्होत्से की ऊंचाई 8516 मीटर पर चढ़ाई कर तिरंगा लहराया. अपने फेसबुक पोस्ट के अनुसार नैना सिंह धाकड़ ने 1 जून 2021 को सुबह 9 बजे इस ऊंची चोटी में चढ़ाई कर तिरंगा फहराया. देश, अपने राज्य और बस्तर का नाम रोशन किया. नैना सिंह धाकड़ इस फतेह को हासिल कर छत्तीसगढ़ राज्य की पहली पर्वतारोही महिला बनने की उपलब्धि हासिल की.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.