बस्तर: नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पार्क के कोलेंग इलाके में लेनटेना कार्य के नाम पर जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्रामीणों के खाते से रुपये डकार लिए हैं. क्षेत्र के ग्रामीण आज भी रोजगार के लिए तरस रहे हैं.
प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि नेशनल पार्क के कोलेंग, काचीररास, मुण्डागढ़ व आसपास के ग्रामीणों के बैंक खाते में नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बिना काम के भुगतान किया. जिसके बाद विभाग के अधिकारी कर्मचारी खुद उनतक पहुंचे और उन्हें अपने गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गए. प्रभावित ग्रामीण के खाते से पैसे निकलवा लिए और ग्रामीणों को चलता किया.
गांव के आसपास 3 साल पहले पौधरोपण का काम करवाया जाता था.आसपास की झाड़ी को साफ कराया जाता था. ताकि पौधे आसानी से बढ़ पाए. लेकिन पिछले 2-3 सालों से कोई काम उस इलाके में नहीं हुआ है. लेकिन खाते में बिना काम के पैसे डाले गए. उन पैसों को लगातार निकालकर विभाग के अधिकारी कर्मचारी खुद डकार रहे हैं. कार्य अधूरा है.- नाराज ग्रामीण
कांगेर वेली नेशनल पार्क प्रशासन नहीं दे रहा रोजगार: ग्रामीणों ने बताया कि पहले नेशनल पार्क में ग्रामीणों को रोजगार मिलता था. लेकिन अब रोजगार नहीं मिल रहा है. क्षेत्र के ग्रामीण रोजगार के लिए तरस रहे हैं. और अन्य राज्यो में पलायन भी कर रहे हैं. अब तो विभाग खुद ग्रामीणों के खाते का इस्तेमाल भ्रष्टाचार को अंजाम देने के लिए कर रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा है कि उन्हें पहले की तरह रोजगार मिलना चाहिए. ताकि वे काम करके अपना जीवन व्यतीत कर सकें.
बिना काम के गरीबों के खाते में डाले पैसे: करीब 50 से ज्यादा ऐसे ग्रामीण हैं जिनके खाते में बिना काम के पैसे डाले गए और उन्हें निकाला गया. सभी ग्रामीण के खाते में 332 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया गया है. किसी ग्रामीण के खाते में 30 दिन, 24 दिन, 22 दिन, 18 दिन, 17 दिन अलग अलग दिनों के हिसाब से पेमेंट डाला गया. जिसे बाद में अधिकारियों, कर्मचारियों ने निकाल लिया. ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में परिक्षेत्र के रेंजर रवानी, डिप्टी रेंजर राजपूत, बीट गार्ड, चौकीदार सभी शामिल हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जो भी अधिकारी कर्मचारी इस मामले में शामिल हैं. उन पर कार्रवाई की जाए.
वन विभाग के अधिकारी ने कही जांच की बात: इस मामले में कांगेर वैली नेशनल पार्क के डीएफओ गणवीर धम्मशील ने कहा कि इस मामले की जानकारी ETV भारत के माध्यम से मिली है. निश्चित रूप से इस मामले को संज्ञान में लिया जाएगा. जांच करवाकर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
बस्तर का कांगेर वेली नेशनल पार्क नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर है. इस पार्क में कई जलप्रपातें, कई गुफाएं, कई जंगली जानवर, विभिन्न प्रकार के पक्षी, विलुप्त प्राय जीव पाए जाते हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना भी इसी कांगेर वेली नेशनल पार्क में पाई जाती है. इस पार्क को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं. जिसे देखते हुए विभाग के द्वारा इसका संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है. लेकिन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही ग्रामीणों के रोजगार पर डाका डालकर विभाग और ग्रामीणों को चुना लगा रहे हैं. अब देखना होगा कि ETV भारत में खबर दिखाने के बाद विभाग दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है.