जगदलपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने मंगलवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान हड़ताल की वजह से सरकारी दफ्तरों का कामकाज आंशिक तौर पर प्रभावित हुआ. लगभग 3 सालों से की जा रही मांगों के पूरा नहीं होने से नाराज सरकारी कर्मचारियों ने अब अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 3 चरणों में आंदोलन करने की योजना बनाई है. इसी के तहत मंगलवार को पहले चरण के धरना-प्रदर्शन में हर विभाग के 10 कर्मचारी शामिल हुए. अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट में CM भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.
अपनी 14 मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे अधिकारियों ने कहा कि इस प्रदर्शन का सरकारी कामकाज पर कोई असर नहीं होगा. भोजन अवकाश में दोपहर के दौरान ही यह प्रदर्शन किया जाएगा. कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित 14 मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन दिया है. मांग पूरी नहीं होने पर आगे आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है.
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14 सूत्रीय मांगों में प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों को महंगाई भत्ते की लंबित किस्त दिए जाने, सातवें वेतनमान का एरियर्स देने, लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि को पूरा करने, अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने और पटवारियों को पदोन्नति कर उन्हें लैपटॉप दिए जाने की मांग के साथ कोरोना काल के दौरान अपनी सेवा देते हुए आकस्मिक मौत हो जाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख मुआवजा देने और अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग शामिल है. अपने चरणबद्ध आंदोलन के पहले ही चरण में 100 की संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों ने हाथों में तख्त और मशाल लेकर रैली निकाली थी.
तीन चरणों मे होगा धरना-प्रदर्शन
अधिकारी-कर्मचारी संघ की ओर से बताया गया कि हमने शासन से 14 सूत्रीय मांग की है. जिसके पूरा नहीं होने पर लगातार प्रदर्शन में तेजी आएगी. इस कड़ी में 11 दिसंबर को जिला स्तरीय प्रदर्शन होगा. वहीं 19 दिसंबर को प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया जायेगा.