ETV Bharat / state

टोल प्लाजा पर टैक्स वसूलने का विरोध, लोगों ने किया चक्काजाम - जगदलपुर न्यूज

जगदलपुर से कोंडागांव तक बने 2 टोल प्लाजा में टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया है. जिसके विरोध में शुक्रवार को बस्तर परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने अपने संघ के सैकड़ो सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर चक्का जाम किया है.

केन्द्र सरकार को दिया उग्र आंदोलन की चेतावनी
author img

By

Published : Aug 24, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुरः बस्तर जिला मुख्यालय से रायपुर के बीच चल रहे 300 किलोमीटर के सड़क चौड़ीकरण का काम लगभग 150 किलोमीटर अधूरा है. इस बीच जगदलपुर से कोंडागांव तक बने 2 टोल प्लाजा में टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया है. जिसके विरोध में शुक्रवार को बस्तर परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने अपने संघ के सैकड़ों सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर चक्का जाम किया है.

बस्तर परिवहन संघ ने टोल प्लाजा के विरोध में किया चक्का जाम

टोल टैक्स नाके के विरोध मे सैकड़ों की संख्या में चक्का जाम करने पहुंचे लोगों को देखते हुए पुलिस ने मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर रखी थी. वहीं चक्काजाम के दौरान संघ के सदस्यों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई. एक घंटे बाद पुलिस ट्रैफिक बहाल करा पाई.

निर्माण एजेंसी पर खड़े हुए सवाल
दरअसल शहर से लगे दहीकोंगा में टोल नाका के खुलने से सभी वर्ग के लोगो का विरोध सामने आ रहा है. शुक्रवार बस्तर परिवहन संघ ने भी इसके विरोध में चक्काजाम किया है. परिवहन संघ के उपाध्यक्ष का कहना है कि नियम मुताबिक दो टोल नाकों के बीच दूरी कम से कम 60 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए. लेकिन जगदलपुर से लगे दहिकोंगा में खुले टोल नाके की दूरी आगे बने टोल नाके से महज 42 किलोमीटर की है. कागजों पर सर्वे कंपनी ने सर्वे कर जो रिपोर्ट बनाई है उसके अनुसार दूरी 57 किलो मीटर दिखाई गई है और वह भी नियम के अनुसार 3 किलोमीटर कम है. जबकि वास्तविक दूरी से लगभग 18 किलोमीटर कम है. ऐसे में सर्वे टीम समेत निर्माण एजेंसी व संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाइवे पर बने टोल नाका को नियमों के परवाह किए बिना ज्यादा वसूली करने के लिए गलत जगह बनाया गया है.

उग्र आंदोलन की है चेतावनी
परिवहन संघ के लोगों का कहा कि बस्तर संभाग पिछड़ा हुआ क्षेत्र है और परिवहन का एक मात्र साधन सड़क मार्ग है. ऐसे में अगर आधे अधूरे काम के बीच टोल नाको में पैसे लिए जाएंगे तो परिवहन भाड़ा बढ़ जाएगा. इससे क्षेत्र की जनता के ऊपर महंगाई का बोझ भी बढ़ जाएगा. बस्तर परिवहन संघ ने मांग की है कि टोल नाका बंद किया जाए या फिर नाकों पर ली जाने वाली रकम में रियायत दिया जाना चाहिए. संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे को केन्द्र सरकार को पूरा नहीं करती है तो आगामी 15 दिनों में बड़ा उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जवाबदारी केंद्र सरकार की होगी.

संबंधित विभाग ने दिया सफाई
इस मामले पर संबंधित विभागीय अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होने बताया कि सभी नियमों को ध्यान में रखा गया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियमों के अनुसार ही इस टोल नाके को बनाया गया है. सर्वे टीम के रिपोर्ट मुताबिक विभाग ने काम किया है.

जगदलपुरः बस्तर जिला मुख्यालय से रायपुर के बीच चल रहे 300 किलोमीटर के सड़क चौड़ीकरण का काम लगभग 150 किलोमीटर अधूरा है. इस बीच जगदलपुर से कोंडागांव तक बने 2 टोल प्लाजा में टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया है. जिसके विरोध में शुक्रवार को बस्तर परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने अपने संघ के सैकड़ों सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर चक्का जाम किया है.

बस्तर परिवहन संघ ने टोल प्लाजा के विरोध में किया चक्का जाम

टोल टैक्स नाके के विरोध मे सैकड़ों की संख्या में चक्का जाम करने पहुंचे लोगों को देखते हुए पुलिस ने मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती कर रखी थी. वहीं चक्काजाम के दौरान संघ के सदस्यों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई. एक घंटे बाद पुलिस ट्रैफिक बहाल करा पाई.

निर्माण एजेंसी पर खड़े हुए सवाल
दरअसल शहर से लगे दहीकोंगा में टोल नाका के खुलने से सभी वर्ग के लोगो का विरोध सामने आ रहा है. शुक्रवार बस्तर परिवहन संघ ने भी इसके विरोध में चक्काजाम किया है. परिवहन संघ के उपाध्यक्ष का कहना है कि नियम मुताबिक दो टोल नाकों के बीच दूरी कम से कम 60 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए. लेकिन जगदलपुर से लगे दहिकोंगा में खुले टोल नाके की दूरी आगे बने टोल नाके से महज 42 किलोमीटर की है. कागजों पर सर्वे कंपनी ने सर्वे कर जो रिपोर्ट बनाई है उसके अनुसार दूरी 57 किलो मीटर दिखाई गई है और वह भी नियम के अनुसार 3 किलोमीटर कम है. जबकि वास्तविक दूरी से लगभग 18 किलोमीटर कम है. ऐसे में सर्वे टीम समेत निर्माण एजेंसी व संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाइवे पर बने टोल नाका को नियमों के परवाह किए बिना ज्यादा वसूली करने के लिए गलत जगह बनाया गया है.

उग्र आंदोलन की है चेतावनी
परिवहन संघ के लोगों का कहा कि बस्तर संभाग पिछड़ा हुआ क्षेत्र है और परिवहन का एक मात्र साधन सड़क मार्ग है. ऐसे में अगर आधे अधूरे काम के बीच टोल नाको में पैसे लिए जाएंगे तो परिवहन भाड़ा बढ़ जाएगा. इससे क्षेत्र की जनता के ऊपर महंगाई का बोझ भी बढ़ जाएगा. बस्तर परिवहन संघ ने मांग की है कि टोल नाका बंद किया जाए या फिर नाकों पर ली जाने वाली रकम में रियायत दिया जाना चाहिए. संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे को केन्द्र सरकार को पूरा नहीं करती है तो आगामी 15 दिनों में बड़ा उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जवाबदारी केंद्र सरकार की होगी.

संबंधित विभाग ने दिया सफाई
इस मामले पर संबंधित विभागीय अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होने बताया कि सभी नियमों को ध्यान में रखा गया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियमों के अनुसार ही इस टोल नाके को बनाया गया है. सर्वे टीम के रिपोर्ट मुताबिक विभाग ने काम किया है.

Intro:जगदलपुर। जगदलपुर से रायपुर के बीच चल रहे300किलोमीटर के सड़क चौड़ीकरण का काम  लगभग 150 किलोमीटर अभी अधूरा है और इस बीच जगदलपुर से कोण्डागांव तक बने 2 टोल प्लाजा में टेक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया गया है,और इसेदेखते हुए अब विरोध  भी शुरू हो गया है। और आज एशिया के सबसे बडे ट्रक युनियन बस्तर परिवहन संघ के पदाधिकारियों ने अपने संघ के सैकडो सदस्यों के साथ टोल नाके पर टैक्स वसूलने को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चक्का जाम किया, और लगभग 1 घंटे तक नेशनल हाईवे को जाम कर रखा जिससे हाईवे पर गाडियो की लंबी कतार लग गयी ।


 



Body:दरअसल शहर से लगे दहीकोंगा मे टोल नाका के खुलने से सभी वर्ग के लोगो का विरोध सामने आ रहा है। और आज बस्तर परिवहन संघ ने भी इसके विरोध मे चक्काजाम किया। परिवहन संघ के उपाध्यक्ष का कहना है कि जगदलपुर से  रायपुर तक पूरी सड़क अब तक नही बन पायी है, 300 कि.मी के सफर मे आधी अधूरी सडक के बीच राहगीरों को काफी दिक्कतो का सामना कर सफर करना पडता है तो ऐसी स्थिति में टोल टैक्स लेना सरासर गलत है। इसके साथ ही जो टोल नाका खोला गया है वो भी नियमो को ताक में रख कर ज्यादा वसूली हो सके इसलिए गलत जगह खोला गया है। जबकि नियम  अनुसार दो टोल नाको की दूरी कम से कम  60 किलोमीटर से अधिक होनी चाहिए पर जगदलपुर से लगे दहिकोंगा में खुले टोल नाके की दूरी आगे खुले टोल नाके से महज 42 किलोमीटर की है। पर कागजो में जो सर्वे रिपोर्ट सर्वे कंपनी ने बनाई है उसके अनुसार दूरी 57 किलो मीटर दिखाई गई है। वो भी नियम के अनुसार 3 किलोमीटर कम है और वास्तविक दूरी लगभग 18 किलोमीटर कम है, ऐसे में सर्वे टीम समेत निर्माण एजेंसी व संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे है।


Conclusion:परिवहन संघ के लोगो का कहना है कि चूंकि बस्तर पिछड़ा हुआ क्षेत्र है और परिवहन का एक मात्र साधन सड़क मार्ग है और ऐसे में अगर आधे अधूरे काम के बीच टोल नाको में पैसे लिए जाएंगे तो परिवहन भाड़ा और बढ़ जाएगा जिससे बस्तर की जनता के ऊपर मंगाई का बोझ भी बढ़ेगा , जिसे ध्यान मे रखते हुए बस्तर परिवहन संघ ने मांग है कि टोल नाका बंद किया जाए या नाको में लेने वाले रकम में रियायत दी जाए और अगर केन्द्र सरकार उनकी मांगे पूरी नही करती है तो आगामी 15 दिनों में बड़ा उग्र आंदोलन किया जाएगा।जिसकी जवाबदारी केंद्र सरकार की होगी।
इस मामले को लेकर जब संबंधित विभागीय अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होने बताया कि  सभी नियमो को ध्यान में रखा गया है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियमो के अनुसार ही इस टोल को बनाया गया है वही जो रिपोर्ट सर्वे टीम ने दी है उसके अनुसार विभाग ने काम किया है, जबकि सर्वे टीम की रिपोर्ट गलत है ये विभाग या संबंधित अधिकारियों को जानकारी ही नही है।
 इधर टोल टैक्स नाके के विरोध मे सैकडो की संख्या मे चक्का जाम करने पंहुचे लोगो को देखते हुए पुलिस ने मौके पर बडी संख्या मे सुरक्षाबलो की तैनाती कर रखी थी, वही चक्काजाम के दौरान संघ के सदस्यो और पुलिस के बीच हल्की झडप भी हुई लेकिन 1 घंटे तक नेशनल हाईवे जाम करने के बाद पुलिस ने मार्ग को बहाल कराया ।   

बाईट1- शक्ति सिंह चौहान, उपाध्यक्ष बस्तर परिवहन संघ  
बाईट2-राजीव शर्मा, सचिव, बस्तर परिवहन संघ
बाईट3- जीवन नेताम, सब इंजीनियर एनएच विभाग
 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.