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SPECIAL: वीरान पड़ा मिनी नियाग्रा, पुजारियों और छोटे व्यवसायियों के सामने बड़ा संकट

कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में इस देशव्यापी लॉकडाउन से बस्तर के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर खासा असर पड़ा है.

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सूने पड़े पर्यटन स्थल
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Published : May 3, 2020, 1:53 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: कोरोना वायरस के कहर से पूरा विश्व खौफजदा है. इससे सतर्कता ही एक मात्र उपाय है. इसके लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में इस देशव्यापी लॉकडाउन से बस्तर कैसे अछूता रह सकता था. पिछले डेढ़ महीने से बस्तर के पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं. बस्तर का तीरथगढ़ जलप्रपात हो या मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात दोनों ही पर्यटन स्थल वीरान पड़े हुए हैं.

वीरान पड़ा मिनी नियाग्रा

दरअसल, गर्मी की छुट्टी में बस्तर के इन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लग रहता है. शादियों के सीजन के साथ ही स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी की वजह से सभी अपने परिवार समेत इन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में घूमने आते हैं. सिर्फ प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश और दुनिया से भी बड़ी संख्या में पर्यटक इन प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जलप्रपातों को निहारने आते हैं.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
वीरान पड़ा मिनी नियाग्रा

पढ़ें: SPECIAL: रहस्यमयी गुफा, एक बार जो जाता है अंदर लौटकर नहीं आता वापस !

तीरथगढ़ की खूबसूरती पड़ी वीरान

यह पहला मौका है जब बस्तर के सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के अभाव में सूनसान पड़े हैं. पूरी तरह से यहां वीरानी छाई हुई है. बाकी दिनों में जहां लोगों को तीरथगढ़ की खूबसूरती निहारने के लिए काफी लंबी लाइन लगानी पड़ती है. वहीं इस समय इस जलप्रपात के आस-पास एक भी व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा. यह सिर्फ इस वैश्विक महामारी का ही असर है. सिर्फ तीरथगढ़ ही नहीं बल्कि चित्रकोट जलप्रपात, चित्रधारा जलप्रपात, तामड़ घूमर जैसे सभी खूबसूरत पर्यटन स्थलों में पूरी तरह से वीरानी छाई हुई है.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
तीरथगढ़ जलप्रपात

पढ़ें: SPECIAL: मजदूर हेल्पलाइन नंबर खराब, अब कैसे पहुंचेगी गुहार ?

डेढ़ महीने से फुटकर व्यापारी परेशान
पर्यटन स्थलों को वैश्विक महामारी की वजह से बंद किए जाने से सबसे ज्यादा असर यहां छोटे दुकानदारों और फुटकर व्यापारियों पर पड़ा है. जलप्रपातों के आस-पास रहने वाले गांव के लोग यहां अपनी छोटी-छोटी खाने-पीने की दुकानें लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से इन फुटकर व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद कर दी है, जिस वजह से उनकी हालत काफी दयनीय हो गई है.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
बंद पड़े दुकान

पढ़ें: SPECIAL: टूट गए बुनकर, कहा- 'जिंदगी म पहली बार हमन अतका दुख पाए हन'

लॉकडाउन ने छीनी रोजी-रोटी

तीरथगढ़ जलप्रपात के बाहर अपनी छोटी सी दुकान लगाने वाले लघु व्यापारी लुमन सिंह ठाकुर ने बताया कि गर्मियों की छुट्टी में पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. इस समय उनकी आय का मुख्य सीजन होता है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से उनकी रोजी-रोटी चलती है, लेकिन अभी उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लघु व्यापारियों को अपने दुकानों में रखे खाद्य सामानों की भी चिंता सताने लगी है, जो कि गर्मी के सीजन में पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. लुमन ने बताया कि सीजन के समय उन्हें 5 से 10 हजार की आय होती है, लेकिन अभी आलम यह है कि आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में वह शासन-प्रशासन से रोजगार उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
चित्रकोट जलप्रपात

पढ़ें: SPECIAL: चौतरफा घिरा 'अन्नदाता', जल्द नहीं बदले हालात को खड़ी होगी बड़ी समस्या

मंदिर के पुजारियों पर आर्थिक संकट

वहीं कोरोना वायरस की वजह से सिर्फ यहां के फुटकर व्यापारी ही नहीं बल्कि इन जलप्रपात के आस-पास मौजूद मंदिरों के पुजारी भी प्रभावित हुए हैं, जो पर्यटकों के दान दक्षिणा पर आश्रित रहते हैं. अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. ऐसे में उनके लिए भी यह समय काफी मुश्किलों से भरा है. इधर इन पर्यटन स्थलों को देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए दोबारा कब खोला जा सकेगा इस पर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब तक यह पर्यटन स्थल बंद रहेंगे तब तक इन फुटकर व्यापारियों और मंदिर के पुजारियों पर आर्थिक संकट का खतरा मंडराते रहेगा.

जगदलपुर: कोरोना वायरस के कहर से पूरा विश्व खौफजदा है. इससे सतर्कता ही एक मात्र उपाय है. इसके लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में इस देशव्यापी लॉकडाउन से बस्तर कैसे अछूता रह सकता था. पिछले डेढ़ महीने से बस्तर के पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं. बस्तर का तीरथगढ़ जलप्रपात हो या मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात दोनों ही पर्यटन स्थल वीरान पड़े हुए हैं.

वीरान पड़ा मिनी नियाग्रा

दरअसल, गर्मी की छुट्टी में बस्तर के इन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों का जमावड़ा लग रहता है. शादियों के सीजन के साथ ही स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी की वजह से सभी अपने परिवार समेत इन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में घूमने आते हैं. सिर्फ प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश और दुनिया से भी बड़ी संख्या में पर्यटक इन प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जलप्रपातों को निहारने आते हैं.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
वीरान पड़ा मिनी नियाग्रा

पढ़ें: SPECIAL: रहस्यमयी गुफा, एक बार जो जाता है अंदर लौटकर नहीं आता वापस !

तीरथगढ़ की खूबसूरती पड़ी वीरान

यह पहला मौका है जब बस्तर के सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के अभाव में सूनसान पड़े हैं. पूरी तरह से यहां वीरानी छाई हुई है. बाकी दिनों में जहां लोगों को तीरथगढ़ की खूबसूरती निहारने के लिए काफी लंबी लाइन लगानी पड़ती है. वहीं इस समय इस जलप्रपात के आस-पास एक भी व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा. यह सिर्फ इस वैश्विक महामारी का ही असर है. सिर्फ तीरथगढ़ ही नहीं बल्कि चित्रकोट जलप्रपात, चित्रधारा जलप्रपात, तामड़ घूमर जैसे सभी खूबसूरत पर्यटन स्थलों में पूरी तरह से वीरानी छाई हुई है.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
तीरथगढ़ जलप्रपात

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डेढ़ महीने से फुटकर व्यापारी परेशान
पर्यटन स्थलों को वैश्विक महामारी की वजह से बंद किए जाने से सबसे ज्यादा असर यहां छोटे दुकानदारों और फुटकर व्यापारियों पर पड़ा है. जलप्रपातों के आस-पास रहने वाले गांव के लोग यहां अपनी छोटी-छोटी खाने-पीने की दुकानें लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं, लेकिन पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से इन फुटकर व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद कर दी है, जिस वजह से उनकी हालत काफी दयनीय हो गई है.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
बंद पड़े दुकान

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लॉकडाउन ने छीनी रोजी-रोटी

तीरथगढ़ जलप्रपात के बाहर अपनी छोटी सी दुकान लगाने वाले लघु व्यापारी लुमन सिंह ठाकुर ने बताया कि गर्मियों की छुट्टी में पर्यटन स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. इस समय उनकी आय का मुख्य सीजन होता है. यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से उनकी रोजी-रोटी चलती है, लेकिन अभी उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लघु व्यापारियों को अपने दुकानों में रखे खाद्य सामानों की भी चिंता सताने लगी है, जो कि गर्मी के सीजन में पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. लुमन ने बताया कि सीजन के समय उन्हें 5 से 10 हजार की आय होती है, लेकिन अभी आलम यह है कि आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में वह शासन-प्रशासन से रोजगार उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.

Bastar tourist destinations are deserted due to lockdown
चित्रकोट जलप्रपात

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मंदिर के पुजारियों पर आर्थिक संकट

वहीं कोरोना वायरस की वजह से सिर्फ यहां के फुटकर व्यापारी ही नहीं बल्कि इन जलप्रपात के आस-पास मौजूद मंदिरों के पुजारी भी प्रभावित हुए हैं, जो पर्यटकों के दान दक्षिणा पर आश्रित रहते हैं. अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. ऐसे में उनके लिए भी यह समय काफी मुश्किलों से भरा है. इधर इन पर्यटन स्थलों को देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए दोबारा कब खोला जा सकेगा इस पर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब तक यह पर्यटन स्थल बंद रहेंगे तब तक इन फुटकर व्यापारियों और मंदिर के पुजारियों पर आर्थिक संकट का खतरा मंडराते रहेगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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