जगदलपुर: बस्तर की राहों से गुजरते हुए अगर अब आपको सड़क के किनारे पर्चे दिखें, या पेड़ों पर, होर्डिग्स पर बैनर चपका दिखें तो जरूरी नहीं कि यह नक्सली बैनर-पोस्टर ही हों. नक्सलियों को उन्ही की भाषा में जवाब देने के लिए अब बस्तर पुलिस ने भी नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर वार छेड़ने की तैयारी कर ली है. पुलिस अब बैनर-पोस्टर का उपयोग कर सरकार की नीतियों को ग्रामीणों तक पहुंचाएगी.
बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि इस रणनीति से पुलिस को काफी सफलता मिल रही है, पुलिस विभाग बकायदा मोस्ट वांटेड नक्सली लीडरों और स्थानीय नक्सली लीडरों के ऊपर रखे गये इनाम की राशि पोस्टर में लिख कर लगा रही है. तो अब से आपको सड़क किनारे जो बैनर या पोस्टर लगे मिले शायद उनमें सरकार की नक्सल समर्पण नीति का गुणगान हो या फिर नक्सलियों की मदद न करने की ग्रामीणों से की गई अपील.
नक्ललियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश
सिन्हा ने बताया कि इन नक्सलियों के बारे में पुलिस को सूचना देने वाले ग्रामीणों के नाम और पहचान गोपनिय रखे जाएंगे, साथ ही उन्हे इनाम स्वरूप राशि भी दी जा रही है. इन पर्चों के साथ सरकार की आकर्षक समर्पण नीति की जानकारी भी जनता तक पहुंचाई जा रही है. ताकि मुख्यधारा से भटककर नक्सलधारा में पहुंचे ग्रामीण वापस मुख्यधारा में लौट सकें. इसके अलावा कई बार नक्सली स्थान परिवर्तन करते हैं. इसे देखते हुए इन नक्सलियों की पहचान उजागर होने के साथ ग्रामीण इन्हें तुंरत पहचान सके और पुलिस को जानकारी दे सकें इसके लिए पूरे बस्तर संभाग में इस रणनीति को अपनाया जा रहा है.
नक्सलियों के तर्रज पर सरकार लगाएगी बैनर-पोस्टरों
अब तक सिर्फ नक्सली अपने बैनर पोस्टरों के जरिए पुलिस और सरकार की नीतियों का विरोध करते दिखते थे और नक्सल विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लंबे-चौड़े पर्चे चिपका दिया करते थे. उसी तरह अब पुलिस विभाग भी बैनर-पोस्टरों का उपयोग सरकार की नीतियों और नक्सलियों के असली चेहरे को जनता के सामने लाने की कोशिश कर रही है.