केशकाल: बस्तर सांसद दीपक बैज अपनी सादगी और सरल व्यक्तित्व के लिए पूरे प्रदेश में जाने जाते हैं. लोकसभा सांसद जैसे महत्वपूर्ण पद पर होने के बाद भी जमीन से जुड़े नेता के रूप में उन्हें पहचाना जाता है. बस्तर में उनके कई कार्यों की सराहना होती है. सांसद दीपक बैज का ऐसा ही सेवाभाव केशकाल में देखने को मिला. केशकाल घाट में लगे जाम में सांसद के काफिले समेत दर्जनों वाहनों की कतार लगी हुई थी. जिसके बाद सांसद दीपक बैज स्वयं ही सड़क पर उतर आए और कुछ देर तक जाम में फंसे वाहनों को दिशा-निर्देश देते हुए जाम खुलवाया. जिसके बाद उनका काफिला जगदलपुर के लिए रवाना हुआ.
मंगलवार शाम कांकेर से अपना प्रवास खत्म कर जगदलपुर की ओर लौट रहे बस्तर सांसद दीपक बैज केशकाल घाट में लगी लंबी गाड़ियों के जाम मे फंस गए थे. दीपक बैज गाड़ी में बैठकर इंतजार करने की बजाय सड़क पर उतर गए. अपने निजी अंगरक्षकों कि मदद से स्वयं यातायात दुरुस्त करने का कार्य प्रारंभ कर दिया. कुछ ही देर में यातायात सुचारू रूप से चालु हुआ. लोगो ने अपनी गाड़ियों से सांसद से दिशा-निर्देश का पालन किया. लोगों ने सांसद दीपक बैज का अभिवादन किया और उनके कार्य की सराहना की है.
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बस्तर की मांगों को प्रमुखता से उठाते हैं सांसद
बस्तर सांसद दीपक बैज बस्तर के मुद्दों को लगातार उठाते रहते हैं. उन्होंने संसद में भी बस्तर के लिए आवाज उठाई थी. लोकसभा सांसद दीपक बैज ने शुद्ध पेयजल का मुद्दा उठाया था. उन्होंने सरकार से बस्तर में साफ पानी की व्यवस्था करने की मांग की थी. सांसद ने कहा था कि बस्तर के अंतर्गत ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के दो ब्लॉक आते हैं. बस्तर के बेसोली, बाकेर, बकावाद, चिंगांव, गरेंगा, सतोसा जैसे 15 से 20 गांव हैं, जहां के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं.