जगदलपुर: बस्तर संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल महारानी अस्पताल का हाल बेहाल है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपना पहला दौरा जगलपुर में किया था. जहां उन्होंने मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर लोगों को संबोधित किया था. सभा में सीएम ने महारानी अस्पताल को 6 महीने के भीतर फिर से शुरू करने का वादा किया था.
मुख्यमंत्री के वादे का आज 6 महीना भी पूरा हो गया है. अस्पताल शुरू होना तो दूर स्थानीय बताते हैं अगर ऐसे ही काम चलता रहा तो अभी एक साल और लग जाएंगे. हालांकि, अस्पताल में नया ओपीडी का निर्माण कार्य जारी है. दरअसल, रमन सरकार में महारानी अस्पताल को शहर से 12 किलोमीटर दूर डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया था. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय प्रशासन पर आरोप
मामले में युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और लंब समय से अस्पताल के लिए लड़ाई लड़ रहे सुशील मौर्य का कहना है कि, स्थानीय प्रशासन सरकार को सही सूचना न देकर उन्हें गुमराह कर रही है. मौर्य का आरोप है कि जिले में बड़े पदों पर आरएसएस विचारधारा के अधिकारी बैठे हैं, जो न तो सरकार को ठीक से काम करने दे रहे हैं और न ही उन्हें सही सूचना दे रहे हैं. जिसके कारण महारानी अस्पताल को फिर से शुरू करने में देरी हो रही है.
लोगों के साथ छलावा
इधर, बीजेपी के स्थानीय नेता संग्राम सिंह राणा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कभी भी महारानी अस्पताल को बंद करने की घोषणा नहीं की थी. राणा ने कहा कि कांग्रेस बेवजह इस मुद्दे को हवा दे रही है. नये मुख्यमंत्री के घोषणा के 6 महीने बीत गए हैं, लेकिन आज तक अस्पताल में निर्माण कार्य पूरे नहीं हुए हैं.