जगदलपुर: शहर के कलेक्ट्रेट में बस्तर विकास प्राधिकरण की पहली बैठक संपन्न हो चुकी है. लगभग दो घंटे तक चली इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो बड़ी घोषणा की है, जिसमें मुख्य रुप से स्थानीय लोगों को बस्तर में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड और इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती प्राधिकरण का गठन किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है.
मुख्यमंत्री के अगुवाई में हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें मुख्य रूप से स्थानीय लोगों को बस्तर में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड की स्थापना करने के साथ ही बस्तर में गहराते जल संकट को देखते हुए और प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती प्राधिकरण का गठन किए जाने की घोषणा की गई. उन्होंने कहा कि जल्द ही ओडिशा सरकार से इंद्रावती को लेकर बातचीत की जाएगी और किसी भी कीमत पर नगरनार स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा. वहीं एनएमडीसी मुख्यालय को जगदलपुर में खोलने की मांग को लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा. प्लांट में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता मिले, इसकी व्यवस्था की जाएगी.
लिए गए अहम फैसले
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि बस्तर में आदिवासियों के लिए जल्द ही आदिवासी संग्रहालय स्थापित किया जाएगा और आउटसोर्सिंग को पूरी तरह से बंदकर स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, इसकी व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा जाति प्रमाण पत्र बनाने में सरलीकरण करने के साथ ही पिता के पास जाति प्रमाण पत्र होने पर बच्चे के जन्म के साथ ही जाति प्रमाण पत्र दिए जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही. वहीं हाल ही में बस्तर के किसानों के साथ कर्ज के मामले में हुई धोखाधड़ी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है. इस मामले को गंभीरता से लेने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
7 बजे होगी सातों जिलों के एसपी और कलेक्टर की कॉन्फ्रेंस
2 घंटे की इस बैठक में बस्तर में विकास को लेकर अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गई. हालांकि समय कम होने से संभाग के सातों जिलों के एसपी और कलेक्टर की प्रेस कॉन्फ्रेंस संभव नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि इस कॉन्फ्रेंस के समय में परिवर्तन किया गया है और यह बैठक शाम 7 बजे होगी. प्राधिकरण की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कृषि महाविद्यालय स्थित ऑडिटोरियम हॉल में वन अधिकार पट्टा कार्यशाला में शिरकत करेंगे और यहां वन अधिकार नियम से जुड़े मामले पर चर्चा करेंगे. इसके बाद देर शाम मुख्यमंत्री स्वर्गीय महेंद्र कर्मा की प्रतिमा का अनावरण करेंगे.