गौरेला पेंड्रा मरवाही : नगर पंचायत पेंड्रा में जल आवर्धन योजना के तहत निर्माण कार्य में सुरक्षा में चूक हुई.जिसमें राजमिस्त्री की करंट से मौत हो गई.लेकिन असली कहानी मौत के बाद शुरु हुई. ठेकेदार ने धोखे से राजमिस्त्री के परिवार से समझौता पेपर पर साइन ले लिए. जिसमें परिवार को नकद और चेक से भुगतान करने की बात लिखी गई थी.लेकिन परिवार को पैसा नहीं दिया गया.जब मामला सामने आया तो पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई.
जानिए कहां का है मामला : पूरा मामला नगर पंचायत पेण्ड्रा में मुक्तिधाम के पास चल रहे जल आवर्धन योजना का है. सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी के कारण राजमिस्त्री संतराम यादव करंट की चपेट में आ गया. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. ठेकेदार ने बिना पुलिस को सूचना दिए शव को घर रवाना करवा दिया. लेकिन पुलिस को सूचना मिलने पर शव वापस गांव से लाया गया और पंचनामा बनाने के बाद पीएम करवाया गया.
ठेकेदार ने राजीनामा बनाकर ले लिए साइन : इसी बीच ठेकेदार ने मिस्त्री की पत्नी से लापरवाही से मौत होने का शपथ पत्र लिखवाया. जिसमें 20 हजार नकद और एक लाख 30 हजार चेक क्रमांक 165469 से देने की बात कही गई. लेकिन हकीकत में मृतक के परिजन को ठेकेदार ने महज 20 हजार रुपए ही दिए थे.चेक से रकम देने का कोई रिकॉर्ड और जानकारी मृतक के परिजनों के पास नहीं थी. लेकिन शपथ पत्र में डेढ़ लाख रुपए प्राप्त करने के साथ किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं करार देने की बात लिखकर उसमें मिस्त्री की पत्नी से साइन करवा लिए गए थे.
यादव समाज ने खोला मोर्चा : इस मामले में यादव समाज ने ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोला है. समाज की मानें तो मृतक घर में अकेला कमाने वाला था.जिसके चार बच्चे हैं. पत्नी मानसिक रुप से कमजोर है. जिसकी शिकायत पुलिस से की गई है. पुलिस अधीक्षक ने मामले में मर्ग कायम कर लिए जाने की बात कही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे संबंधित जवाबदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात पुलिस कह रही है.