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गरियाबंदः बढ़ी ठंड ने बदली लोगों की दिनचर्या, कोहरे ने धीमी की गाड़ियों की रफ्तार - winter news in Gariaband

गरियाबंद में कड़ाके की ठंड पड़ने से लोगों की दिनचर्या में बदलने लगी है. साथ ही नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की रफ्तार भी धीमी हो गई है.

बढ़ी ठंड ने बदली लोगो की दिनचर्या
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Published : Nov 15, 2019, 7:11 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 8:10 AM IST

गरियाबंदः नवंबर के दूसरे सप्ताह में गुलाबी ठंड कड़ाके की सर्दी में तब्दील होने लगी है. बढ़ती ठंड ने लोगों की दिनचर्या को बदलना शुरू कर दिया है. लोग घर से सुबह धूप खिलने के बाद घर से निकलते हैं और शाम को ठंड बढ़ने के पहले वापस लौटने की कोशिश करते हैं. लोग कई जगहों पर अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं.

बढ़ी ठंड ने बदली लोगों की दिनचर्या

जिले में बढ़ती ठंड के साथ कोहरे की भी परेशानी बढ़ने लगी है और ऐसे में सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी होने लगी है. साथ ही मॉर्निंग वॉक करने वाले और एक्सरसाइज करने वालों की संख्या बढ़ गई है.

'कोहरा बना मुसीबत'
वन क्षेत्र होने की वजह से जिले में रात में 11 बजे के बाद कोहरा छा जाता है. इस कारण कुछ मीटर आगे देख पाना मुमकिन नहीं हो है. ऐसे में सड़क पर चलने वाले वाहनों के चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेशनल हाईवे पर वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई है. वहीं मैदानी इलाकों में कोहरा सुबह तीन बजे से सात बजे तक छाया रहता है.

'जर्सी, स्वेटर के बिना बाहर निकलना मुम्कीन नहीं'
जिले में पड़ रही कडाके की ठंड को लेकर स्थानीय निवासियों ने बताया कि 'वो स्वेटर या जैकेट पहनने के बाद ही घर से निकलते हैं'. साथ ही ये लोग ठंड से बचने के लिए अब सड़कों के किनारों के साथ ही घरों और होटल के आग तापते नजर आ रहे हैं.

गरियाबंदः नवंबर के दूसरे सप्ताह में गुलाबी ठंड कड़ाके की सर्दी में तब्दील होने लगी है. बढ़ती ठंड ने लोगों की दिनचर्या को बदलना शुरू कर दिया है. लोग घर से सुबह धूप खिलने के बाद घर से निकलते हैं और शाम को ठंड बढ़ने के पहले वापस लौटने की कोशिश करते हैं. लोग कई जगहों पर अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं.

बढ़ी ठंड ने बदली लोगों की दिनचर्या

जिले में बढ़ती ठंड के साथ कोहरे की भी परेशानी बढ़ने लगी है और ऐसे में सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी होने लगी है. साथ ही मॉर्निंग वॉक करने वाले और एक्सरसाइज करने वालों की संख्या बढ़ गई है.

'कोहरा बना मुसीबत'
वन क्षेत्र होने की वजह से जिले में रात में 11 बजे के बाद कोहरा छा जाता है. इस कारण कुछ मीटर आगे देख पाना मुमकिन नहीं हो है. ऐसे में सड़क पर चलने वाले वाहनों के चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेशनल हाईवे पर वाहनों की रफ्तार भी धीमी हो गई है. वहीं मैदानी इलाकों में कोहरा सुबह तीन बजे से सात बजे तक छाया रहता है.

'जर्सी, स्वेटर के बिना बाहर निकलना मुम्कीन नहीं'
जिले में पड़ रही कडाके की ठंड को लेकर स्थानीय निवासियों ने बताया कि 'वो स्वेटर या जैकेट पहनने के बाद ही घर से निकलते हैं'. साथ ही ये लोग ठंड से बचने के लिए अब सड़कों के किनारों के साथ ही घरों और होटल के आग तापते नजर आ रहे हैं.

Intro:
गरियाबन्द--नवंबर के दूसरे सप्ताह में अब ठंड ने अपना रूप दिखाना प्रारंभ कर दिया है अब तक गुलाबी ठंड के बाद अब धीरे धीरे कड़ाके की ठंड पडना प्रारंभ हो रही है ठंड ने अब जनजीवन को प्रभावित करना प्रारंभ कर दिया है ठंड के चलते लोगों की दिनचर्या बदल गई है लोग घर से सुबह देर से यानी धूप होने के बाद निकलते हैं और शाम को ठंड बढ़ने के पहले वापस घर पहुंचने का प्रयास करने लगे हैं ऐसे में जगह-जगह अलाव का सहारा लेकर लोग भी नजर आ रहे हैं सबसे अधिक परेशानी कोहरे को लेकर हो रही है वही इन सबके बीच सुबह मॉर्निंग वॉक करने वाले और एक्सरसाइज करने वालों की संख्या बढ़ गई है


Body:
*कोहरा बना मुसीबत--*
ठड में दूसरी ओर वाहन चलाना भी काफी परेशानी भरा हो गया है रात 11:00 बजे के बाद गरियाबंद के आस-पास जंगल क्षेत्र में कोहरा सड़कों पर ऐसा छा जाता है कि कुछ मीटर दूर की चीजें भी दिखाई नहीं देती ऐसे में नेशनल हाईवे पर वाहनों की गति स्वयं धीमी हो जाती है वहीं मैदानी इलाकों में कोहरा सुबह 3:00 बजे से 7:00 बजे तक छाया रहता है पिछले साल अत्यधिक कोहरे के चलते दो वाहन आमने-सामने टकराए भी थे जिसका डर इस बार भी बना हुआ है इस संबंध में गरियाबंद निवासी अनिल सिन्हा का कहना है कि। ठंड बहुत बढ़ गई है कोहरा बहुत ज्यादा है, रात में तो गाड़ी चलाते नहीं बन रहा, 5 मीटर दूर भी साफ नहीं दिख रहा इसके कारण एक्सीडेंट हो सकता है इसीलिए बहुत धीरे धीरे गाड़ी चला रहे हैं

बाइट- अनिल सिन्हा वाहन चालक

Conclusion:
वीओ--2---ठंड के साथ साथ मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग बहुत बढ़ गए हैं लोग सेहत को लेकर सड़क किनारे ही एक्सरसाइज करते नजर आ रहे हैं वैसे अब ठंड अधिक होने के चलते अलाव जलाना पड़ रहा है नहीं तो सुबह और शाम को होटल के बाहर जल रही आग में हाथ तापते नजर आ रहे हैं... जर्सी स्वेटर के बिना बाहर नहीं निकल सकते... ऐसी स्थिति बन गई है...

बाइट-- परस देवांगन स्थानीय निवासी
Last Updated : Nov 15, 2019, 8:10 AM IST
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