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इस महिला ने भरी सभा में राज्यपाल अनुसुइया से मांगी इच्छामृत्यु

महिला ने खुद के साथ अपने बच्चो को भी मार देने की बात कहकर गांव की विधवाओं की ओर राज्यपाल का ध्यान खींचा.

इस विधवा महिला ने बीच मंच में राज्यपाल के सामने जाहिर कर दी आत्महत्या की इच्छा
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Published : Oct 25, 2019, 2:21 PM IST

गरियाबंद : सुपेबेड़ा में किडनी पीडितों का दर्द जानने पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके उस वक्त स्तब्ध रह गई जब एक महिला ने अपने दुख की कहानी सुनाकर इच्छा मृत्यु की मांग की. महिला ने खुद के साथ अपने बच्चो को भी मार देने की बात कहकर गांव की विधवाओं की ओर राज्यपाल का ध्यान खींचा.

महिला ने भरी सभा में राज्यपाल अनुसुइया से मांगी इच्छामृत्यु

दरअसल, गांव में लगभग 45 से 50 विधवा महिलाएं हैं, जो बड़ी विषम परिस्थितियों में जिन्दगी बिता रही हैं. विगत वर्षों में जिन लोगों ने किड़नी की बीमारी से अपनी जान गंवाई है. उनमें पुरूषों की संख्या ज्यादा है. पुरुषों की मौत के बाद इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. रोजगार के साधन भी नहीं है.

महिला की कहानी
जिस महिला ने मंच पर इच्छामृत्यु की बात कही, उसका नाम वैदेही छत्रपाल है. महिला के पति प्रदीप छत्रपाल शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में पदस्थ थे. इनके तीन बच्चे भी हैं. प्रदीप छत्रपाल ने घर बनाने के लिए ग्रामीण बैंक से 4 लाख का लोन लिया था. पुराना मिट्टी का घर तोड़कर कुछ दिन के लिए परिवार पड़ोसी के घर शिफ्ट हो गया. इसके बाद अचानक किडनी की बीमारी के चलते प्रदीप की हालत बिगड़ने लगी. उसे इलाज के लिए रायपुर, ओडिशा और विशाखापट्टनम तक ले जाना पड़ा. घर बनाने लिए गए लोन के 4 लाख रुपए प्रदीप के इलाज में खर्च हो गए. प्रदीप की मौत के बाद न तो घर बचा था न ही आय का कोई दूसरा जरिया. ऊपर से ग्रामीण बैंक का 4 लाख का कर्जा चढ़ चुका था. विधवा वैदेही किसी तरह यहां वहां बच्चों को रखकर गुजारा कर रही है.

पढ़ें : स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने लगाई मिट्टी की कलाकृति की प्रदर्शनी

इसी बीच बैंक ने प्रदीप की पत्नी पर लोन चुकाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद जब महिला कर्ज नहीं पटा पाई, तो मृतक के लोन में गांव के जिस व्यक्ति के गारेंटर के रूप में फार्म पर साइन किया था. बैंक उसके खाते से पैसा काट रहा है. अब वह व्यक्ति आए दिन विधवा और बच्चों को धमका रहा है. विधवा मां के साथ बच्चों की भी हालत दिन-ब -दिन खराब होती जा रही है.

राज्यपाल ने आश्वासन दिया
राज्यपाल ने महिला का दर्द सुन कलेक्टर को महिला की नौकरी की व्यवस्था के लिए कहा. महिलाओं की शैक्षणिक योग्यता कम होने के कारण उन्हें डेली वेजेस पर कार्य देने के निर्देश देते हुए काम उपलब्ध कराकर सूचित करने की बात कही है.

गरियाबंद : सुपेबेड़ा में किडनी पीडितों का दर्द जानने पहुंची राज्यपाल अनुसुइया उइके उस वक्त स्तब्ध रह गई जब एक महिला ने अपने दुख की कहानी सुनाकर इच्छा मृत्यु की मांग की. महिला ने खुद के साथ अपने बच्चो को भी मार देने की बात कहकर गांव की विधवाओं की ओर राज्यपाल का ध्यान खींचा.

महिला ने भरी सभा में राज्यपाल अनुसुइया से मांगी इच्छामृत्यु

दरअसल, गांव में लगभग 45 से 50 विधवा महिलाएं हैं, जो बड़ी विषम परिस्थितियों में जिन्दगी बिता रही हैं. विगत वर्षों में जिन लोगों ने किड़नी की बीमारी से अपनी जान गंवाई है. उनमें पुरूषों की संख्या ज्यादा है. पुरुषों की मौत के बाद इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. रोजगार के साधन भी नहीं है.

महिला की कहानी
जिस महिला ने मंच पर इच्छामृत्यु की बात कही, उसका नाम वैदेही छत्रपाल है. महिला के पति प्रदीप छत्रपाल शिक्षाकर्मी वर्ग 3 में पदस्थ थे. इनके तीन बच्चे भी हैं. प्रदीप छत्रपाल ने घर बनाने के लिए ग्रामीण बैंक से 4 लाख का लोन लिया था. पुराना मिट्टी का घर तोड़कर कुछ दिन के लिए परिवार पड़ोसी के घर शिफ्ट हो गया. इसके बाद अचानक किडनी की बीमारी के चलते प्रदीप की हालत बिगड़ने लगी. उसे इलाज के लिए रायपुर, ओडिशा और विशाखापट्टनम तक ले जाना पड़ा. घर बनाने लिए गए लोन के 4 लाख रुपए प्रदीप के इलाज में खर्च हो गए. प्रदीप की मौत के बाद न तो घर बचा था न ही आय का कोई दूसरा जरिया. ऊपर से ग्रामीण बैंक का 4 लाख का कर्जा चढ़ चुका था. विधवा वैदेही किसी तरह यहां वहां बच्चों को रखकर गुजारा कर रही है.

पढ़ें : स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने लगाई मिट्टी की कलाकृति की प्रदर्शनी

इसी बीच बैंक ने प्रदीप की पत्नी पर लोन चुकाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद जब महिला कर्ज नहीं पटा पाई, तो मृतक के लोन में गांव के जिस व्यक्ति के गारेंटर के रूप में फार्म पर साइन किया था. बैंक उसके खाते से पैसा काट रहा है. अब वह व्यक्ति आए दिन विधवा और बच्चों को धमका रहा है. विधवा मां के साथ बच्चों की भी हालत दिन-ब -दिन खराब होती जा रही है.

राज्यपाल ने आश्वासन दिया
राज्यपाल ने महिला का दर्द सुन कलेक्टर को महिला की नौकरी की व्यवस्था के लिए कहा. महिलाओं की शैक्षणिक योग्यता कम होने के कारण उन्हें डेली वेजेस पर कार्य देने के निर्देश देते हुए काम उपलब्ध कराकर सूचित करने की बात कही है.

Intro:इस समाचार के महत्वपूर्ण विजुअल अर्थात राज्यपाल और महिला के बीच में मंच पर हुआ संवाद रिपोर्टर ऐप से भेज रहा हूं


गरियाबंद--- सुपेबेड़ा पहुंची राज्यपाल से मंच पर ही इच्छा मृत्यु मांगने वाली महिला की दर्द भरी कहानी सुनकर आप का दिल भी पसीज जाएगा इस महिला की दर्द भरी कहानी सुनिए ईटीवी भारत पर


Body:किडनी की बीमारी वाला गांव सुपेबेड़ा अब विधवाओं का गांव भी बन चुका है दरअसल मरने वालों में पुरुषों की संख्या कहीं अधिक है यही कारण है कि उनकी पत्नियां विधवा के रूप में अब गुजर-बसर करने काफी परेशान है

राज्यपाल सुश्री अनसूया उईके जब सुपेबेड़ा पहुंची तो यहां की विधवा महिलाओं का भी दर्द छलक पड़ा मंच पर ही एक विधवा महिला ने राज्यपाल से अपने तीन बच्चों को जहर देकर खुद भी आत्महत्या करने की बात कह डाली इसे सुनकर राज्यपाल समेत सभी लोग आश्चर्यचकित रह गए..... इस महिला ने जब अपनी दर्द भरी कहानी बताई तो सभी भावुक हो गए खुद राज्यपाल का दिल भी पसीज गया और उन्होंने तत्काल नौकरी की व्यवस्था के लिए कहा फिर महिलाओं की शैक्षणिक योग्यता कम होने के कारण उन्हें डेली वेजेस अर्थात कलेक्टर दर पर कार्य उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कलेक्टर से कहा कि इन्हें काम उपलब्ध करा कर मुझे सूचित जरूर करें


Conclusion:जानिए आखिर क्या है उस महिला की दर्द भरी कहानी----

शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के रूप में पदस्थ प्रदीप क्षेत्रपाल का हंसता खेलता परिवार था पत्नी वैदेही छत्रपाल और 3 हंसते खेलते बच्चे लेकिन फिर इस परिवार पर भी किडनी की बीमारी का जानलेवा ग्रहण लग गया सरकारी कर्मचारी प्रदीप ने घर बनाने ₹400000 ग्रामीण बैंक से लोन लिया और पुराना मिट्टी का घर तोड़ कर कुछ दिन के लिए पड़ोसी के घर शिफ्ट हो गया जिसके बाद किडनी की बीमारी के चलते उसकी हालत बिगड़ने लगी तेजी से हालत बिगड़ते बिगड़ते उसे इलाज के लिए रायपुर के बाद उड़ीसा तथा विशाखापट्टनम तक ले जाना पड़ा घर बनाने लिया गया लोन का ₹400000 रुपया प्रदीप के इलाज में खर्च हो गया मगर प्रदीप की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही थी अंततः एक दिन प्रदीप को भी इस बीमारी ने लील लिया प्रदीप की मौत के बाद ना तो घर बचा था ना ही आए का कोई जरिया ऊपर से ग्रामीण बैंक का चार लाख का कर्जा और चढ़ चुका था विधवा वैदेही किसी तरह यहां वहां बच्चों को रखकर गुजारा अपने रिश्तेदारों से मांग कर कर रही थी इसी बीच बैंक ने मर चुके प्रदीप के कर्जे के लिए दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया इसके बाद जब महिला कर्ज नहीं पटा पाई तो प्रदीप के लोन में जो गांव का व्यक्ति गारंटर के रूप में 10 कट किया था बैंक ने उसके खाते से पैसा काटना प्रारंभ कर दिया अब वह व्यक्ति आए दिन प्रदीप की विधवा और बच्चों को धमका रहा है आय का कोई जरिया नहीं है विधवा मां के साथ बच्चों की भी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है...... यही कारण है कि किडनी की बीमारी से मर चुके शिक्षाकर्मी प्रदीप की विधवा वैदेही ने अपने तथा अपने 3 बच्चों के लिए राज्यपाल से इच्छा मृत्यु भरे मंच में मांग ली
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