गरियाबंद : प्रकृति की गोद में बसा गरियांबद सिर्फ नेचर के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक स्थल के लिए भी जाना जाता है. यहां के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और वादियां गरियाबंद की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं. यहां कल-कल कर बह रही नदियां धार्मिक स्थल को शीतल कर किसानों के जीवन को भी हरा-भरा कर रही हैं. यहां के झरने विश्व प्रसिध्द हैं, जिसे देखने के लिए विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं.
जी हां, प्रकृति की गोद में बसा गरियाबंद जिला रायपुर से 90 किलोमीटर दूर स्थित है. राजधानी से बेहद नजदीक होने के कारण यहां सैलानियों की भीड़ लगी रहती है. आप यहां 1 दिन में 10 से अधिक पर्यटन स्थल का भ्रमण कर सकते हैं.
गरियांबद की ये पर्यटन स्थल जो अपनी हरियाली की तरह आपकी जिदंगी को भी तरोताजा कर देंगे.
- गरियांबद जिले में प्रवेश करते ही सबसे पहले राजीव लोचन मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.
- इसके बाद यहां से कुछ दूर चंपारण स्थित महाप्रभु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली के दर्शन कर मनोरम जगह का आनंद ले सकते हैं.
- यहां से महज 10 किलोमीटर दूर त्रिवेणी संगम स्थित है, जहां भूतेश्वरनाथ महादेव की विशाल शिवलिंग है. इसके दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
- आप यहां प्रकृति का लुत्फ उठ सकते हैं. पैरी नदी के जल से तरोताजा होकर जतमई मां के दर्शन कर सकते हैं.
- यहां से घने जंगलों के बीच से होते हुए 45 किलोमीटर का सफर तय कर सिकासेर बांध पहुंचा जा सकता है. पानी के दूर-दूर तक फैले होने के कारण यह नजारा समुद्र सा प्रतीत होता है. अगर आप बरसात में आ रहे हैं और बांध का गेट खुला हुआ हो, तो नजारा ऐसा होता है, जो सालों तक भुलाया नहीं जा सकता.
- सिकासेर बांध से लगभग 60 किलोमीटर दूर उदंती सीतानदी अभयारण्य है. यह पर्यटन वन्यजीवों के भरपूर तादाद के लिए जाना जाता है.
अगर शासन-प्रशासन गरियाबंद जिले को पर्यटन के नजरिए से बढ़ावा दें, तो यह जिला छत्तीसगढ़ में आने वाले पर्यटकों की सबसे मनपसंद जगहों में से एक हो सकता है. इसके लिए जरूरत है, तो सिर्फ कुछ छोटी-बड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराने की, जिससे पर्यटन की दृष्टि से गरियाबंद उभरकर सामने आ सके.