गरियाबंद: जिले से महज 12 किलोमीटर दूर चिंगरापगार झरने के करीब 21 हाथियों का दल पहुंच गया है. बीती रात इस हाथी दल ने 25 किलोमीटर का सफर किया और तौरंगा से होते हुए तूयामोड़ा के जंगल पहुंचे. हाथियों ने कई किसानों के खेतों को भी नुकसान पहुंचाय. फिलहाल हाथी चिंगरापगार झरने के पास से होते हुए गहंदर के ऊपर की पहाड़ी पर मौजूद है. ऐसी आशंका है कि ये हाथी का दल रविवार की शाम को नेशनल हाईवे और पैरी नदी पार कर धमतरी जिले में जा सकता है. वैसे दोबारा पहुंचे चंदा हाथी के दल पर बारूका के सरपंच और हाथी मित्र लगातार नजर बनाए हुए हैं.
खेतों को पहुंचाया नुकसान
वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने और सतर्क रहने का निर्देश दिया है. वन अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को नुकसान का जायजा लेने भेजा दिया गया है. अभी खेतों में नुकसान की ही सूचना मिली है. ग्रामीणों ने बताया कि है किसानों के खेतों को रौंदने के अलावा जंगली हाथियों के दल ने नरेश भूरिया और राम कुमारी कमार के खेतों में बने लारी को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. वहां रखे पैरा को बिखेर दिया.
पढ़ें- बलरामपुर: माकड में हाथियों ने मचाया उत्पात, कई घर हुए क्षतिग्रस्त, हमले में मवेशी घायल
तीन महीने में तीसरे बार पहुंचा हाथी दल
बारूका के सरपंच छत्रपाल कुंजाम का कहना है कि यह हाथियों का पारंपरिक क्षेत्र नहीं है. यहां के लोग हाथियों के व्यवहार को नहीं समझते. इसलिए अचानक आमना-सामना होने पर अप्रिय स्थिति बन सकती है. पिछले 3 महीने में हाथी तीसरी बार बारूका के जंगल पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को इस बात कि चिंता है कि कहीं हाथी इस इलाके को अपना निवास ना बना लें.
8 गांव में मुनादी कराई गई
SDOP और वन परीक्षेत्र अधिकारी मनोज चंद्राकर का कहना है कि शनिवार की शाम को 6 गांवों में मुनादी करा दी गई थी की हाथी दल तौरंगा बांध के पास मौजूद है. उन्होंने सभी ग्रामीणों को सतर्क कर दिया था. अधिकारी चंद्राकर ने बताया कि बड़ी संख्या में मशाल बनाकर रख ली गई है, लेकिन इसका उपयोग तभी होगा जब हाथी किसी गांव में घुसने का प्रयास करेंगे, अन्यथा जंगल में हाथियों को जरा भी डिस्टर्ब नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अलग-अलग क्षेत्र में 1 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिससे सभी हाथियों पर नजर बनाए हुए हैं. इसके अलावा सेटेलाइट से भी हाथी दल पर नजर रखा जा रहा है.