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बड़ी रोचक होती जा रही है सियासी अखाड़े में उतरी इस मां-बेटी की जोड़ी की जंग - Moongjhar Panchayat

जिले की मूंगझर पंचायत में रहने वाले लोगों के लिए सुशीला बाई और मंजू, ये दो नाम बहुत जाने-पहचाने हैं. पंचायत चुनाव में ये दोनों महिलाएं एक दूसरे के खिलाफ तीसरी बार उतरी हैं. आप ये जानकार हैरान होंगे कि दोनों मां और बेटी हैं.

Moongjhar Panchayat
मूंगझर पंचायत में मां-बेटी की जोड़ी की जंग
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Published : Jan 8, 2020, 3:35 PM IST

गरियाबंद: मूंगझर पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां मां और बेटी तीसरी बार पंचायत चुनाव में आमने-सामने हैं. पिछले दो चुनाव में मां सुशीला बाई कश्यप का पलड़ा भारी रहा है. सुशीला बाई 2010 से गंव की सरपंच हैं और पिछली बार उसने अपनी बेटी मंजू को 6 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी.

मूंगझर पंचायत में मां-बेटी की जोड़ी की जंग

सुशीला ने कहा- 'काम के बल पर जीतेंगे'
एक बार फिर आमने-सामने होने पर मां सुशीला का दावा है कि वे अब घर के साथ-साथ पूरे गांव की मुखिया हैं. सुशीला कहती हैं कि उन्होंने अपने दो कार्यकाल में विकास के बहुत से काम किए हैं इसलिए इस बार भी ग्रामीण उन्हें सरपंच के रूप में देखना चाहते हैं. उनका दावा है कि एक बार फिर वे जीत दर्ज करेंगी.

मंजू ने मां पर लगाए आरोप
बेटी मंजू भी इस बार पूरे दम-खम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. चुनाव जीतने के लिए जहां वे लोगों से घर-घर जाकर मिल रही हैं, वहीं अपनी मां यानी कि सरपंच सुशीला पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

बहनों ने मंजू की जीत का दावा किया
मंजू के लिए इस बार सबसे बड़ी ताकत उसकी 4 अन्य बहने हैं, जिनमें से एक तो उसी गांव में रहती है और रिश्ते में उसकी देवरानी भी लगती है. इस बार ये सभी मंजू का साथ दे रही हैं, जो पिछले चुनाव में मां के साथ थीं. बहनों का दावा है कि इस बार चुनाव में वे मां को हराएंगी.

रिश्तों में आई दरार
मंजू की बहन प्रीति बताती हैं कि मां पर फिर से सरपंच बनने का जुनून ऐसा सवार है कि चारों बहनों ने इस बार बड़ी बहन को अवसर देने मां के पैर तक पकड़े मगर वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. मुंगझर के इस चुनावी दंगल में परिणाम चाहे जो भी आएं लेकिन कुर्सी ने मां-बेटी के रिश्ते में दरार जरूर डाल दी है.

गरियाबंद: मूंगझर पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में है. यहां मां और बेटी तीसरी बार पंचायत चुनाव में आमने-सामने हैं. पिछले दो चुनाव में मां सुशीला बाई कश्यप का पलड़ा भारी रहा है. सुशीला बाई 2010 से गंव की सरपंच हैं और पिछली बार उसने अपनी बेटी मंजू को 6 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी.

मूंगझर पंचायत में मां-बेटी की जोड़ी की जंग

सुशीला ने कहा- 'काम के बल पर जीतेंगे'
एक बार फिर आमने-सामने होने पर मां सुशीला का दावा है कि वे अब घर के साथ-साथ पूरे गांव की मुखिया हैं. सुशीला कहती हैं कि उन्होंने अपने दो कार्यकाल में विकास के बहुत से काम किए हैं इसलिए इस बार भी ग्रामीण उन्हें सरपंच के रूप में देखना चाहते हैं. उनका दावा है कि एक बार फिर वे जीत दर्ज करेंगी.

मंजू ने मां पर लगाए आरोप
बेटी मंजू भी इस बार पूरे दम-खम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. चुनाव जीतने के लिए जहां वे लोगों से घर-घर जाकर मिल रही हैं, वहीं अपनी मां यानी कि सरपंच सुशीला पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

बहनों ने मंजू की जीत का दावा किया
मंजू के लिए इस बार सबसे बड़ी ताकत उसकी 4 अन्य बहने हैं, जिनमें से एक तो उसी गांव में रहती है और रिश्ते में उसकी देवरानी भी लगती है. इस बार ये सभी मंजू का साथ दे रही हैं, जो पिछले चुनाव में मां के साथ थीं. बहनों का दावा है कि इस बार चुनाव में वे मां को हराएंगी.

रिश्तों में आई दरार
मंजू की बहन प्रीति बताती हैं कि मां पर फिर से सरपंच बनने का जुनून ऐसा सवार है कि चारों बहनों ने इस बार बड़ी बहन को अवसर देने मां के पैर तक पकड़े मगर वह पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. मुंगझर के इस चुनावी दंगल में परिणाम चाहे जो भी आएं लेकिन कुर्सी ने मां-बेटी के रिश्ते में दरार जरूर डाल दी है.

Intro:स्लग---रिस्तों का दंगल

एंकर--क्या बेटी माँ को इस बार दे पाएंगी पटखनी..... या फिर माँ की बादशाहत रहेगी कायम,..... गरियाबंद में पंचायत चुनाव में एक बार फिर देखने को मिलेगा माँ बेटी का दंगल,..... आखिर क्या है पूरा माजरा देखिए इस रिपोर्ट में


Body:वीओ 1---गरियाबंद की मुंगझर पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में आ गयी है, यहां माँ और बेटी तीसरी बार पंचायत चुनाव में आमने सामने है, हालांकि पिछले दो चुनाव में माँ सुशीला बाई कश्यप का पलड़ा भारी रहा है, सुशीला बाई 2010 से गॉव की सरपंच है और पिछली बार उसने अपनी बेटी मंजू को 6 वोटो से हराकर जीत दर्ज की थी, इस बार चुनाव में मॉ बेटी फिर आमने सामने है, मॉ सुशीला का दावा है कि वह अब घर के साथ साथ पुरे गॉव की मुखिया हो गयी है, उसने अपने दो कार्यकाल में विकास के बहुत से काम किये है, ग्रामीण इस बार फिर उन्हें सरपंच के रुप में देखना चाहते है, इसलिए वह चुनाव मैदान में है, उन्होने इस बार भी जीत का दावा किया है,
बाईट 1---सुशीला बाई कश्यप--माँ
वीओ 2--वही बेटी मंजू भी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है, चुनाव जीतने के लिए वह अपनी माँ को घेरने की पूरी कौशिश कर रहीं है यहां तक कि अपनी माँ पर कई गंभीर आरोप लगाने से भी पीछे नही हट रही है,
बाईट 2--मंजू, बेटी---

वीओ--3--मंजू के लिए इस बार सबसे बड़ी ताकत उसकी 4 अन्य बहने है जिनमे से एक तो उसी गांव में रहती है और रिस्ते में उसकी देवरानी लगती है इस बार ये सभी मंजू का साथ दे रही है जो पिछले चुनाव में माँ के साथ थी, मंजू का दावा है कि इस बार चुनाव में वे माँ को पटखनी जरूर देंगी।
बाईट 3--प्रीति, बहन---

वीओ--4-- बहन प्रीति बताती है कि मां पर फिर से सरपंच बनने का जुनून ऐसा सवार है कि चारों बहनों ने इस बार बड़ी बहन को अवसर देने मां के पैर तक पकड़े मगर वह पीछे हटने को तैयार नहीं है वहीं अब मैं तो यहां तक कह रही है कि मेरे लिए मेरी सभी बेटियां आज से मर गई मैं अब यही मानूंगी......

बाईट 3--प्रीति, बहन---


Conclusion:फाइनल वीओ ---मुंगझर के इस चुनावी दंगल में परिणाम चाहे जो भी आये मगर चुनाव के कारण परिवारिक रिश्तों का तार तार होना निश्चित है, ऐसे में यहां के परिणाम को लेकर भले ही लोग उतने उत्सुक ना हो मगर रिस्तो की कितनी बखिया उखडेंगी अंत तक इस पर सबकी नजरें जरूर टिकी रहेंगी।
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टिप--- यह स्टोरी 2 दिन पहले केवल फोटो के साथ लगा चुके हैं वीडियो के साथ प्रॉपर स्क्रिप्ट आज भेज रहा हूं
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