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गरियाबंद के जंगलों में भीषण आग, गिनती के चौकीदारों को दी गई है आग बुझाने की जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ के वनकर्मी पिछले कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. जिसका सीधा असर पर जंगलों में लगी आग पर देखने को मिल रहा है. गरियाबंद में आग नहीं बुझ पाने से लाखों की वनसंपदा राख में तब्दील हो (Massive fire in the forests of Gariaband) रही है.

Massive fire in the forests of Gariaband
गरियाबंद के जंगलों में भीषण आग
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Published : Apr 1, 2022, 4:25 PM IST

Updated : Apr 1, 2022, 11:24 PM IST

गरियाबन्द : उंदन्ती सीतानदी अभ्यारण्य और सामान्य वन मण्डल के वन कर्मचारियों की हड़ताल का असर जंगलों में दिखने लगा (Effect of strike of forest workers in Chhattisgarh) है. अभ्यारण्य के इंदागांव, तौरेंगा, उत्तर उंदन्ती के अलावा सामान्य वन मण्डल के फिंगेश्वर, गरियाबंद, धबलपुर, जंगलों में सप्ताह भर में ही कई जगह आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. आग ने कई वनौषधियों को भी अपने चपेट में लिया है.

गरियाबंद के जंगलों में भीषण आग

आपको बता दें कि इस अभ्यारण्य में कई जंगली जानवर रहते हैं. ऐसे में आग पर काबू नहीं पाने से वन्य प्राणियों के जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है. फिलहाल इस आग ने अब तक छोटे पौधे, वनौषधि और जलाऊ लकड़ियों के लट्ठों को अपनी चपेट में लेकर स्वाहा कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ हड़ताल कर रहे वनकर्मी अब भी अपनी मांगों को लेकर अड़े (Forest workers still adamant about their demands) हैं. वनकर्मियों के मुताबिक 12 सूत्रीय मांगों के पूरा होने तक वो धरने से नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ें- वन कर्मचारी हड़ताल पर, बालोद में जल रहे जंगल

गिनती के फायर वॉचर के भरोसे जंगल - आपको बता दें कि साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में फैले जंगलों की सुरक्षा गिनती के फायर वाचर (Fire watchers are responsible for protecting forests) कर रहे हैं. वनकर्मियों की हड़ताल का अब बड़ा असर सीतानदी अभ्यारण्य समेत दूसरे जिलों के जंगलों में देखने को मिल रहा है.फायर वॉचर जंगल की भयानक आग को बुझा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. वहीं जंगलों की आग से वनविभाग के अफसर भी बेचैन हैं. सैटेलाइट की मदद से जंगलों में लगे आग की मॉनिटरिंग की जा रही है. लेकिन जितने भी संसाधन वनविभाग फायर वॉचर को उपलब्ध करवा रहा है उतने से आग पर काबू पाना मुश्किल है.

गरियाबन्द : उंदन्ती सीतानदी अभ्यारण्य और सामान्य वन मण्डल के वन कर्मचारियों की हड़ताल का असर जंगलों में दिखने लगा (Effect of strike of forest workers in Chhattisgarh) है. अभ्यारण्य के इंदागांव, तौरेंगा, उत्तर उंदन्ती के अलावा सामान्य वन मण्डल के फिंगेश्वर, गरियाबंद, धबलपुर, जंगलों में सप्ताह भर में ही कई जगह आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. आग ने कई वनौषधियों को भी अपने चपेट में लिया है.

गरियाबंद के जंगलों में भीषण आग

आपको बता दें कि इस अभ्यारण्य में कई जंगली जानवर रहते हैं. ऐसे में आग पर काबू नहीं पाने से वन्य प्राणियों के जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है. फिलहाल इस आग ने अब तक छोटे पौधे, वनौषधि और जलाऊ लकड़ियों के लट्ठों को अपनी चपेट में लेकर स्वाहा कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ हड़ताल कर रहे वनकर्मी अब भी अपनी मांगों को लेकर अड़े (Forest workers still adamant about their demands) हैं. वनकर्मियों के मुताबिक 12 सूत्रीय मांगों के पूरा होने तक वो धरने से नहीं हटेंगे.

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गिनती के फायर वॉचर के भरोसे जंगल - आपको बता दें कि साढ़े 3 लाख हेक्टेयर में फैले जंगलों की सुरक्षा गिनती के फायर वाचर (Fire watchers are responsible for protecting forests) कर रहे हैं. वनकर्मियों की हड़ताल का अब बड़ा असर सीतानदी अभ्यारण्य समेत दूसरे जिलों के जंगलों में देखने को मिल रहा है.फायर वॉचर जंगल की भयानक आग को बुझा पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. वहीं जंगलों की आग से वनविभाग के अफसर भी बेचैन हैं. सैटेलाइट की मदद से जंगलों में लगे आग की मॉनिटरिंग की जा रही है. लेकिन जितने भी संसाधन वनविभाग फायर वॉचर को उपलब्ध करवा रहा है उतने से आग पर काबू पाना मुश्किल है.

Last Updated : Apr 1, 2022, 11:24 PM IST
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