गरियाबंदः गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम माघी पुन्नी मेला आयोजन के नए स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए. मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि मेला इस बार होगा या नहीं फिलहाल ये तय नहीं है. उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा.
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने नए राजिम माघी पुन्नी मेला स्थल के मास्टर प्लान का अवलोकन भी किया. उन्होंने मौके पर मौजूद जिला अधिकारियों को जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए. इस दौरान कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर, एसपी भोजराम पटेल, राजिम एसडीएम जीडी वाहिले, तहसीलदार ओपी वर्मा सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.
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54 एकड़ भूमि पर बनेगा सर्व सुविधा युक्त राजिम मेला मैदान
राज्य शासन ने राजिम माघी पुन्नी मेला आयोजन के लिए शहर से बाहर 54 एकड़ भूमि को चयनित किया है. सरकार की भविष्य में इसी स्थान पर मेला आयोजन करने की मंशा है. इसको लेकर राज्य सरकार पूरी तैयारियों में जुटी है. साधु संतों और श्रद्धालुओं के रुकने के लिए निवास भी इसी स्थल पर बनाये जाने है.
मेला को लेकर अभी फैसला होना बाकी है
मेला के आयोजन को लेकर मंत्री ने कोई स्पष्ट बयान जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण फिलहाल राजिम माघी पुन्नी मेला आयोजन पर संशय बना हुआ है. साथ ही हालात को देखते हुए आने वाले दिनों में जल्द ही इस पर कोई फैसला लेने की बात कही है.
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माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि 15 दिन का होता है मेला
राजिम माघी पुन्नी मेला सदियों से हर साल माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होता है. हर वर्ष की तरह इस बार भी मेला इसी तिथि को होना प्रस्तावित है. वहीं कोरोना महामारी के चलते इस बार आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है.
मेला स्थल का होगा स्थाई निर्माण, पैसों को लेकर भी होगी बातचीत
राजिम माघी पुन्नी मेला प्रदेश के साथ देश-विदेश में भी अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण प्रसिद्ध है. 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में श्रद्धालु दूर दूर से पहुंचते हैं. राज्य सरकार ने महानदी पैरी और सोंढुर नदी के संगम पर हर साल मेले में करोड़ों रुपए अस्थाई निर्माण को लेकर होने वाले खर्च को देखते हुए राजीम शहर से लगी हुई 54 एकड़ भूमि पर स्थाई रूप से मेले को विस्तार और भव्यता देने के लिए नये स्थल का चयन किया है.