गरियाबंद: जिले के वन मंडल ने अवैध लकड़ी के कारोबार (Illegal timber business in forest division) में संलिप्त लोगों पर छापामार कार्रवाई की है. विभाग ने हरदी गांव में एक साथ 8 घरों में छापा मारा. SDO मनोज चंद्राकर के नेतृत्व की गई इस कार्रवाई के दौरान ढाई लाख की अवैध चिरान लकड़ियां जब्त की गईं.
जानिए कैसे मिला सुराग
दरअसल शुक्रवार रात गश्त पर निकले वन विभाग (forest department) के दल को पांच साइकिल में कुछ लोग अवैध रूप से चिरान लकड़ी (illegal trade of chiran wood) ले जाते नजर आए. जिसमें से दो लोगों को पकड़ लिया गया, लेकिन तीन लोग फरार हो गए. पकड़े गए आरोपियों से कड़ी पूछताछ की गई. जिसमें उन्होंने हरदी गांव के नवापारा से अवैध लकड़ी खरीदने की बात स्वीकार की.
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चार रेंजर और 50 वन कर्मचारी तलाशते रहे अवैध लकड़ी
वन विभाग ने पकड़े गए आरोपियों से लकड़ी के अवैध कारोबार (illegal timber trade) का सुराग मिलने के बाद मूल तस्करों का पता लगाने के लिए एक टीम बनाई गई. जिसमें SDO मनोज चंद्राकर (SDO Manoj Chandrakar) के नेतृत्व में चार वन परिक्षेत्र के 50 से अधिक स्टाफ और चार रेंजर (forest ranger) ने मिलकर कार्रवाई करते हुए, एक के बाद एक ऐसे आठ घरों में छापा मारा. जहां सभी घरों से लकड़ियां जब्त की गई. इस छापामार कार्रवाई के दौरान गरियाबंद के रेंजर गुलशन साहू, शूली के रेंजर अशोक कुमार भट्ट, छूरा के रेंजर सुयश कुमार दीवान और पांडुका क्षेत्र के रेंजर गंडेचा मौजूद रहे.
पैरा के ढेर के नीचे छिपाई गई थी लकड़ियां
छापे के दौरान कई घरों के छज्जे में ऊपर लकड़ियां छिपाई गई थी. तो कहीं पैरों के ढेर के बीच में लकड़ियों को रखा गया था. हालांकि वन विभाग की टीम ने सभी 8 घरों से ढाई लाख की अवैध लकड़ियां (illegal timber worth rupees 2.5 lakh confiscated) जब्त की गई.
लकड़ियों के खरीदारों का पता लगाने में जुटी टीम
SDO मनोज चंद्राकर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि लॉकडाउन के दौरान लकड़ियां इकट्ठी की जा रही हैं. जिसके बाद छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. उनका कहना है कि फिलहाल वन विभाग की टीम इन लकड़ियों के खरीदारों के बारे में पता लगा रही है.
लगातार कार्रवाई से तस्करों के हौसले पस्त
SDO मनोज चंद्राकर ने कहा कि ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि DFO मयंक अग्रवाल लगातार स्टाफ को कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करते हैं. जिसका नतीजा है कि गरियाबंद में पिछले एक सालों में अवैध लकड़ी कटाई में भारी कमी आई है. अगर कहीं कटाई हो भी रही है, तो उस पर कड़ाई से छापेमार कार्रवाई की जा रही है. इससे लकड़ी तस्करों (illegal timber traders) के हौसले पस्त हुए हैं.