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'खुशी' ने वन विभाग को दी खुशियां, उदंती अभ्यारण में नन्हे 'आनंद' का हुआ जन्म - दिल्ली से पहुंचे थे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम

छत्तीसगढ़ में एक वन भैंसे ने नए मेहमान को जन्म दिया है, जिससे प्रदेश के वन विभाग में खुशी का माहौल है. वन विभाग ने नन्हे मेहमान का नाम आनंद रखा है.

उदंती अभ्यारण में नन्हे 'आनंद' का हुआ जन्म
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Published : Aug 7, 2019, 6:22 PM IST

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी है. राजकीय पशु वन भैंसे का कुनबा बढ़ा है. उदंती अभयारण्य में एक नया मेहमान आया है. जिले के तहत आने वाले टाइगर प्रोजेक्ट को 'खुशी' ने खुशियां दी हैं. राजकीय पशु वन भैंसे ने पड़वा को जन्म दिया है. इससे प्रदेश के वन विभाग में उल्लास का माहौल है.

उदंती अभ्यारण में नन्हे 'आनंद' का हुआ जन्म

बता दें कि प्रदेश में वन भैंसा विलुप्त होने के कगार पर है, जिनकी संख्या अब घटकर एक दर्जन से भी कम बची है. इससे वन विभाग में भारी चिंता थी, जिसके बाद काफी लंबे समय के इंतजार के बाद उदंती अभयारण्य में वन भैंस 'खुशी' ने पड़वे को जन्म दिया है.

11 हुई वन भैसों की संख्या
माधव वन भैंस 'खुशी' पहली बार गर्भवती हुई थी, जिससे वन विभाग काफी चिंतित था, लेकिन अब उदंती अभयारण्य में वन भैसों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. बीती रात 2 बजे खुशी ने पड़वे को जन्म दिया. इसके लिए पहले से ही तैयारियां थी और वन अधिकारी- कर्मचारी रात को रेस्क्यू सेंटर में ही उपस्थित थे. जहां दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उदंती अभयारण्य के सघन वनों के बीच स्थित वन भैंसा प्रजनन केंद्र में इसका सुरक्षित प्रसव करवाया.

पढ़ें : 'भगवान' बने ये स्वास्थ्यकर्मी, 32 किमी पैदल व 10 किमी पहाड़ की खड़ी चढ़ाई कर निभाया फर्ज

नए मेहमान का नाम रखा गया 'आनंद'
उदंती अभयारण्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश के वन विभाग को 'खुशी' द्वारा प्राप्त हुए इस नए मेहमान का नाम 'आनंद' रखने का फैसला किया है. इस दौरान वरिष्ठ वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में एक-एक वन भैंसा प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा माना जा रहा है कि संरक्षण में अगर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश का राजकीय पशु विलुप्त हो जाएगा.

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी है. राजकीय पशु वन भैंसे का कुनबा बढ़ा है. उदंती अभयारण्य में एक नया मेहमान आया है. जिले के तहत आने वाले टाइगर प्रोजेक्ट को 'खुशी' ने खुशियां दी हैं. राजकीय पशु वन भैंसे ने पड़वा को जन्म दिया है. इससे प्रदेश के वन विभाग में उल्लास का माहौल है.

उदंती अभ्यारण में नन्हे 'आनंद' का हुआ जन्म

बता दें कि प्रदेश में वन भैंसा विलुप्त होने के कगार पर है, जिनकी संख्या अब घटकर एक दर्जन से भी कम बची है. इससे वन विभाग में भारी चिंता थी, जिसके बाद काफी लंबे समय के इंतजार के बाद उदंती अभयारण्य में वन भैंस 'खुशी' ने पड़वे को जन्म दिया है.

11 हुई वन भैसों की संख्या
माधव वन भैंस 'खुशी' पहली बार गर्भवती हुई थी, जिससे वन विभाग काफी चिंतित था, लेकिन अब उदंती अभयारण्य में वन भैसों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. बीती रात 2 बजे खुशी ने पड़वे को जन्म दिया. इसके लिए पहले से ही तैयारियां थी और वन अधिकारी- कर्मचारी रात को रेस्क्यू सेंटर में ही उपस्थित थे. जहां दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उदंती अभयारण्य के सघन वनों के बीच स्थित वन भैंसा प्रजनन केंद्र में इसका सुरक्षित प्रसव करवाया.

पढ़ें : 'भगवान' बने ये स्वास्थ्यकर्मी, 32 किमी पैदल व 10 किमी पहाड़ की खड़ी चढ़ाई कर निभाया फर्ज

नए मेहमान का नाम रखा गया 'आनंद'
उदंती अभयारण्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश के वन विभाग को 'खुशी' द्वारा प्राप्त हुए इस नए मेहमान का नाम 'आनंद' रखने का फैसला किया है. इस दौरान वरिष्ठ वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में एक-एक वन भैंसा प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा माना जा रहा है कि संरक्षण में अगर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश का राजकीय पशु विलुप्त हो जाएगा.

Intro:अधिकारी के अभी अभयारण्य से लौटते ही वाइट लेकर भेजा हूं

एंकर-- प्रदेश के राजकीय पशु से जुड़ी खुशखबरी सामने आई है उदंती में नया मेहमान आया हैं गरियाबंद जिले के तहत आने वाले टाईगर प्रोजेक्ट को " खुशी" ने खुशियां दी हैं। राजकीय पशु वन भैसे ने नर बछड़े को जन्म दिया हैं पूरे प्रदेश के वन विभाग में इससे उल्लास का माहौल है हालांकि वन विभाग को नर नहीं बल्कि मादा बछड़े के जन्म का लंबे समय से इंतजार था वन विभाग इसलिए भी इसे लेकर काफी चिंतित था कि माधव वन भैंसा खुशी पहली बार गर्भवती हुई थी अब उदंती अभ्यारण में वन भैसों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है बीती रात 2:00 बजे खुशी ने नर बछड़े को जन्म दिया। इसके लिए पहले से तैयारियां जारी थी और वन अधिकारी कर्मचारी रात को रेस्क्यू सेंटर में ही उपस्थित थे
दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उदंती अभयारण्य के सघन वनों के बीच स्थित वन भैंसा प्रजनन केंद्र में इसका सुरक्षित प्रसव करवाया। अभयारण्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे प्रदेश के वन विभाग को खुशी द्वारा प्राप्त हुए इस नए मेहमान का नाम आनंद रखने का फैसला किया है। विलुप्त के कगार पर होने के चलते पूरे प्रदेश के वन विभाग को इसे लेकर अधिक चिंता थी और वरिष्ठ वन अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में एक-एक वन भैंसा प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि संरक्षण में अगर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश का राजकीय पशु विलुप्त हो जाएगा

बाइट--आरके रायस्त... प्रभारी उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर प्रोजेक्टBody:।Conclusion:
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