गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान का एक-एक दाना खरीदने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस पर अब वादा खिलाफी का आरोप लग रहा है. राज्य ये पहली सरकार थी जिसको इतनी सीटें किसानों ने नाम और मुद्दों मिली थी, लेकिन अब किसान का कहना है कि वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. मंडी में किसानों की फसल व्यापारी ओने-पौने दाम पर खरीद रहे हैं और हालात की मजबूरी में किसान भी कम दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं.
नहीं मिल रही धान की वाजिब कीमत
जिले की मंडियों में सबसे ज्यादा धान राजिम मंडी में आता है. समर्थन मूल्य से भी आधी कीमत में धान खरीदी जा रही है. किसानों की समस्या को देखते हुए बीते दिनों स्थानीय विधायक अमितेष शुक्ल ने मंडी पहुंचकर व्यापारियों से वाजिब दाम पर धान खरीदने की बात कही थी, लेकिन व्यापारी विधायक की बात को दरकिनार करते हुए अपनी मनमानी कीमत पर ही धान खरीद रहे हैं.
कम दामों पर दलाल को धान बेचने को मजबूर
दरअसल, राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीफ सीजन में उगना वाली धान की खरीदी की है. जिससे रबी सीजन में उपजे धान को बेचने में किसनों को परेशानी हो रही है. जिससे किसान व्यापारी या दलाल को कम दाम पर धान बेच रहे हैं. सरकार राज्य में धान पर 2 हजार 500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दे रही है, लेकिन राजिम की मंडी में रबी सीजन का धान 1250 से 1350 रुपये में ही व्यापारी खरीद रहे हैं.