गरियाबंद: 4 दिन से खरहरी गांव जारी तेंदुए का खौफ खत्म हो गया है. वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उसे पकड़ने में सफलता पाई है. शनिवार को नंदनवन से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टर ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया फिर पिंजरे में कैद किया. 96 घंटे से आतंक मचाने वाले तेंदुआ बीते तीन दिनों से भूखा था और गंभीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो गया था. तेंदुए के पकड़े जाने के बाद इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है.
वन्य जीव विशेषज्ञों की मदद से पकड़ा गया तेंदुआ
शुक्रवार की दोपहर से पिंजरा लगाने के बाद जब देर शाम तक तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया तब वन विभाग ने रायपुर के विशेषज्ञों से सलाह ली. इसके बाद उच्च अधिकारियों ने नंदनवन से वन्य जीव विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश वर्मा को ट्रेंकुलाइजर गन के साथ इलाके में भेजा. राकेश वर्मा ने शनिवार को सुबह से तेंदुए को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया.
ट्रैंकुलाइजर गन की मदद से पकड़ा गया तेंदुआ
तेंदुआ जिन झाड़ियों में छिपा था वहां ट्रेंकुलाइज करना संभव नहीं दिख रहा था. कुछ देर बाद तेंदुआ निकलकर घरों के आस-पास मंडराने लगा तब उसे ट्रेंकुलाइज गन के जरिए बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया. जिसके बाद तेंदुआ बेहोश हो गया और उसे पिंजरे में कैद किया जा सका.
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डॉक्टरों की निगरानी में तेंदुआ
तेंदुए की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे उच्च चिकित्सा के लिए नंदनवन रायपुर ले जाया गया है, जहां अगले 3 दिनों तक विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उसे रखा जाएगा. इन सबके बीच खरहरि गांव के लोगों ने अब राहत की सांस ली है.