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मैत्रीबाग जू में सफेद बाघिन की मौत, कैंसर से थी पीड़ित

मैत्रीबाग की सफेद बाघिन गंगा की शुक्रवार को मौत हो गई, बताया जा रहा है कि गंगा को कैंसर हो गया था. गंगा के दो शावक अभी मैत्रीबाग में हैं.

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Published : Mar 14, 2020, 1:30 PM IST

Updated : Mar 14, 2020, 6:20 PM IST

White tiger of Maitribagh took last breath
मैत्रीबाग की सफ़ेद बाधिन ने ली अंतिम सांसे,

दुर्ग: मैत्रीबाग में मौजूद सफेद बाघिन गंगा ने शुक्रवार को अंतिम सांसें ली. बताया जा रहा है कि गंगा कैंसर की बीमारी से पीड़ित थी. गंगा अपने उम्र से अधिक हो चुकी थी, जू प्रबंधन के मुताबिक सफेद बाघिन की उम्र 12 से 14 वर्ष तक होती है. लेकिन गंगा की उम्र 15 वर्ष से अधिक हो चुकी थी.

मैत्रीबाग की सफेद बाघिन ने ली अंतिम सांसें

बता दें सफेद बाघिन गंगा के शरीर में फोड़ा हो गया था, जिसका अक्टूबर 2019 में ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद से उसके दोनों बच्चों को अलग स्थान पर रखा गया था. अधिक उम्र के साथ-साथ बीमारी ने गंगा को घेर लिया था. जिसके बाद जू प्रबंधन ने अंजोरा के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट से डॉक्टर को बुलाकर उसका इलाज भी करवाया था, लेकिन गंगा ने दम तोड़ दिया. मैत्रीबाग प्रबंधन और वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में गंगा का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया.

कैंसर से ही हुई थी रॉयल बंगाल टाइगर की मौत

इससे पहले भी अगस्त 2019 में सतपुड़ा के रॉयल बंगाल टाइगर की कैंसर की वजह से मौत हुई थी. 1997 में ओडिशा के नंदन कानन जू से तापसी और सुंदर को मैत्रीबाग लाया गया था. जहां तापसी और सुंदर ने गंगा को जन्म दिया था. वर्तमान में गंगा के दो शावक मैत्रीबाग में हैं.

दुर्ग: मैत्रीबाग में मौजूद सफेद बाघिन गंगा ने शुक्रवार को अंतिम सांसें ली. बताया जा रहा है कि गंगा कैंसर की बीमारी से पीड़ित थी. गंगा अपने उम्र से अधिक हो चुकी थी, जू प्रबंधन के मुताबिक सफेद बाघिन की उम्र 12 से 14 वर्ष तक होती है. लेकिन गंगा की उम्र 15 वर्ष से अधिक हो चुकी थी.

मैत्रीबाग की सफेद बाघिन ने ली अंतिम सांसें

बता दें सफेद बाघिन गंगा के शरीर में फोड़ा हो गया था, जिसका अक्टूबर 2019 में ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद से उसके दोनों बच्चों को अलग स्थान पर रखा गया था. अधिक उम्र के साथ-साथ बीमारी ने गंगा को घेर लिया था. जिसके बाद जू प्रबंधन ने अंजोरा के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट से डॉक्टर को बुलाकर उसका इलाज भी करवाया था, लेकिन गंगा ने दम तोड़ दिया. मैत्रीबाग प्रबंधन और वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में गंगा का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया.

कैंसर से ही हुई थी रॉयल बंगाल टाइगर की मौत

इससे पहले भी अगस्त 2019 में सतपुड़ा के रॉयल बंगाल टाइगर की कैंसर की वजह से मौत हुई थी. 1997 में ओडिशा के नंदन कानन जू से तापसी और सुंदर को मैत्रीबाग लाया गया था. जहां तापसी और सुंदर ने गंगा को जन्म दिया था. वर्तमान में गंगा के दो शावक मैत्रीबाग में हैं.

Last Updated : Mar 14, 2020, 6:20 PM IST
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