ETV Bharat / state

लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण दिखे जागरूक, कर रहे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन - durg latest news

कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन को देखते हुए दुर्ग ब्लॉक के ग्रामीणों ने अपने गांव की सीमा को बैरिकेड्स से बंद कर दिया है. इसे देखकर लगता है कि शहरी लोगों से ज्यादा जागरूक ग्रामीण हैं. ग्रामीण लॉकडाउन के पालन के साथ ही सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रख रहे हैं.

Barricades planted on the border of the village
गांव की सीमा पर लगाया बैरिकेड्स
author img

By

Published : Apr 7, 2020, 1:14 PM IST

दुर्ग: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को लॉकडाउन का पालन कराते हुए घरों में रहने के लिए कड़े कदम उठा रही है. शहरों में पुलिस जगह-जगह तैनात है, वहीं गांववालों ने भी इस दौरान मिसाल कायम की है. ग्रामीण शहर के पढ़े-लिखे लोगों से कहीं आगे आकर देश में फैली महामारी से लड़ने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं.

Sanitizing those coming from outside
बाहर से आने वालों को कर रहे सैनिटाइज

ग्रामीणों को गांव से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा, वहीं गांव में किसी बाहरी व्यक्ति का आना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, फिर चाहे वो मेहमान ही क्यों ना हो. गांव में सिर्फ सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं और पुलिस की एंट्री पर रोक नहीं है. वहीं अतिआवश्यक कारण होने पर जाने वालों को पंच और सरपंच के आदेश के बाद ही आने-जाने की छूट दी जा रही है. दुर्ग, धमधा और पाटन ब्लॉक में ग्राम पंचायतों ने सरकार के लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही ग्रामीणों की सहमति से अपना खुद का नियम बना लिया.

बैरिकेड्स लगाकर आने-जाने पर लगाया रोक

दुर्ग ब्लॉक का यह ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी है, जहां लॉकडाउन के बाद से ही गांव के मुख्य मार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिया गया है. वहीं सड़क किनारे आने-जाने के लिए छोड़े गए हिस्से में टेंट लगा दिया गया है, जिसमें 24 घंटे ग्रामीण अपने अनुसार 4 से 5 लोगों की बारी-बारी से ड्यूटी निर्धारित कर चार-चार घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं. गांव से जरूरी काम के लिए आने-जाने की छूट दी जा रही है. ग्रामीणों ने टेंट में एक रजिस्टर भी रखा है, जिसमें आने-जाने वालों की एंट्री की जाती है.

सोशल डिस्टेंसिंग का कर रहे हैं पालन

कृषि, मजदूरी और खाद्य सामग्रियों के दुकानदारों के लिए छूट दी गई है. गांव में आने वाले व्यक्तियों के हाथों को सैनिटाइजर से साफ करवाकर अंदर जाने दिया जाता है. वहीं सभी को मास्क लगाकर आने-जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ग्रामीणों ने चंदा इकठ्ठा करके सैनिटाइजर का इंतजाम किया है. ग्रामीणों ने जगह-जगह कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए निर्देश लिखे हैं. वहीं गाव में सभी को घर पर रहने के लिए लगातार कोटवार के जरिए मुनादी करवाई जा रही है. लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं का भी ध्यान रखा जा रहा है. सरपंच सहित पंच ग्रामीणों के घरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूछताछ करने जाते हैं.

ग्रामीण हैं जागरूक

इसे देखकर लगता है कि पीपरछेड़ी गांव के ग्रामीणों को नियमों का पालन करना बखूबी आता है. कोरोना वायरस से जंग में सिर्फ घरों पर रहकर ही इससे बचा और लड़ा जा सकता है, इस बात को ग्रामीणों ने भली-भांति समझ लिया है. अब शहर के भी उन लोगों को भी इस बात को जल्द समझने की जरूरत है, जो बेवजह इधर-उधर घूमकर अपनी और अपने परिवार वालों के साथ समाज की जान को खतरे में डाल रहे हैं.

दुर्ग: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को लॉकडाउन का पालन कराते हुए घरों में रहने के लिए कड़े कदम उठा रही है. शहरों में पुलिस जगह-जगह तैनात है, वहीं गांववालों ने भी इस दौरान मिसाल कायम की है. ग्रामीण शहर के पढ़े-लिखे लोगों से कहीं आगे आकर देश में फैली महामारी से लड़ने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं.

Sanitizing those coming from outside
बाहर से आने वालों को कर रहे सैनिटाइज

ग्रामीणों को गांव से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा, वहीं गांव में किसी बाहरी व्यक्ति का आना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, फिर चाहे वो मेहमान ही क्यों ना हो. गांव में सिर्फ सरकारी अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं और पुलिस की एंट्री पर रोक नहीं है. वहीं अतिआवश्यक कारण होने पर जाने वालों को पंच और सरपंच के आदेश के बाद ही आने-जाने की छूट दी जा रही है. दुर्ग, धमधा और पाटन ब्लॉक में ग्राम पंचायतों ने सरकार के लॉकडाउन के आदेश के बाद से ही ग्रामीणों की सहमति से अपना खुद का नियम बना लिया.

बैरिकेड्स लगाकर आने-जाने पर लगाया रोक

दुर्ग ब्लॉक का यह ग्राम पंचायत पीपरछेड़ी है, जहां लॉकडाउन के बाद से ही गांव के मुख्य मार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिया गया है. वहीं सड़क किनारे आने-जाने के लिए छोड़े गए हिस्से में टेंट लगा दिया गया है, जिसमें 24 घंटे ग्रामीण अपने अनुसार 4 से 5 लोगों की बारी-बारी से ड्यूटी निर्धारित कर चार-चार घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं. गांव से जरूरी काम के लिए आने-जाने की छूट दी जा रही है. ग्रामीणों ने टेंट में एक रजिस्टर भी रखा है, जिसमें आने-जाने वालों की एंट्री की जाती है.

सोशल डिस्टेंसिंग का कर रहे हैं पालन

कृषि, मजदूरी और खाद्य सामग्रियों के दुकानदारों के लिए छूट दी गई है. गांव में आने वाले व्यक्तियों के हाथों को सैनिटाइजर से साफ करवाकर अंदर जाने दिया जाता है. वहीं सभी को मास्क लगाकर आने-जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ग्रामीणों ने चंदा इकठ्ठा करके सैनिटाइजर का इंतजाम किया है. ग्रामीणों ने जगह-जगह कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए निर्देश लिखे हैं. वहीं गाव में सभी को घर पर रहने के लिए लगातार कोटवार के जरिए मुनादी करवाई जा रही है. लॉकडाउन के दौरान लोगों की समस्याओं का भी ध्यान रखा जा रहा है. सरपंच सहित पंच ग्रामीणों के घरों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूछताछ करने जाते हैं.

ग्रामीण हैं जागरूक

इसे देखकर लगता है कि पीपरछेड़ी गांव के ग्रामीणों को नियमों का पालन करना बखूबी आता है. कोरोना वायरस से जंग में सिर्फ घरों पर रहकर ही इससे बचा और लड़ा जा सकता है, इस बात को ग्रामीणों ने भली-भांति समझ लिया है. अब शहर के भी उन लोगों को भी इस बात को जल्द समझने की जरूरत है, जो बेवजह इधर-उधर घूमकर अपनी और अपने परिवार वालों के साथ समाज की जान को खतरे में डाल रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.