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भिलाई में हाइटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मौत के बाद हंगामा, आयुष्मान से इलाज के बाद भी लूट - भिलाई में हाइटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

भिलाई में हाइटेक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर मरीज की मौत के साथ ही आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद भी 4 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया. परिजनों ने पूरे मामले की जांच की मांग की है.

Hitech Super Specialty Hospital bhilai
हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हंगामा
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Published : Dec 3, 2022, 2:10 PM IST

Updated : Dec 3, 2022, 2:27 PM IST

दुर्ग: भिलाई स्थित हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गुरुवार की रात मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि "उनके मरीज को 22 दिन तक अस्पताल में इलाज के लिए रखा गया. इस दौरान उन्हें मिलने भी नहीं दिया गया. हर समय मरीज की स्थिति सामान्य बताई गई और फिर 1 दिसंबर को कह दिया गया कि उनकी मौत हो गई. आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद भी 4 लाख रुपये लूट लिए."

हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हंगामा

अस्पताल के न्यूरो डिपार्टमेंट में चल रहा था इलाज: परिजनों ने बताया "मरोदा निवासी द्वारिका दास मानिकपुरी (60 साल) को गर्दन के पीछे गांठ की समस्या थी. उन्हें हाइटेक में न्यूरो सर्जन को दिखाया गया. डॉक्टर ने बताया कि गांठ में पानी भरा है. छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ेगा, जो आयुस्मान कार्ड से हो जाएगा. परिजन राजी हो गए और उन्होंने बीते 8 नवंबर को स्मृति नगर स्थित हाइटेक अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया. वहां कुछ दिन इलाज के बाद ऑपरेशन के लिए 19 नवंबर की डेट दी गई. ऑपरेशन न्यूरो सर्जन डॉ. निचिकेत दीक्षित और दीपक बंसल ने किया. "

सर्जरी के बाद चली गई आवाज: मृतक के भाई ने बताया "द्वारिका दास की सर्जरी के बाद आवाज चली गई. सर्जरी से पहले यह नहीं बताया गया था कि सर्जरी कराने से आवाज चली जाएगी लेकिन सर्जरी के बाद बता रहे हैं कि इसमें ये रिस्क रहता है. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कुछ दिन और रखना पड़ेगा जिसके बाद वो ठीक हो जाएगा. इसके बाद 1 दिसंबर को बोला गया कि मरीज की मौत हो गई. "

छत्तीसगढ़ में सरकार लाएगी स्वास्थ्य न्याय योजना, फ्री में होगा मरीजों का इलाज

आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद भी लिए 4 लाख रुपये: परिजनों ने आरोप लगाया कि " आयुष्मान कार्ड से मरीज का इलाज हुआ और उससे 50 हजार रुपए काटे गए हैं. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से 4 लाख रुपये जमा कराए हैं. पूछने पर कहा कि आयुष्मान कार्ड से पूरा इलाज नहीं होता है."

बिल में मरीज के नाम पर परचेज डेट नहीं: परिजनों का कहना है कि "अस्पताल से जितनी भी दवा खरीदी गई वह किस दिन और किस मरीज के लिए दी गई. कितने समय दी गई उसका कोई जिक्र नहीं है. केवल दवा का बिल दिया गया. पूछने पर अस्पताल का स्टॉफ कहता है यहां ऐसा ही होता है."


परिजनों ने अधिकारियों से की शिकायत: परिजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही के चलते उनके मरीज की मौत हुई है. इसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर दुर्ग, सीएसपी भिलाई नगर और सीएमएचओ दुर्ग से की है." परिजनों ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है.

दुर्ग: भिलाई स्थित हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गुरुवार की रात मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि "उनके मरीज को 22 दिन तक अस्पताल में इलाज के लिए रखा गया. इस दौरान उन्हें मिलने भी नहीं दिया गया. हर समय मरीज की स्थिति सामान्य बताई गई और फिर 1 दिसंबर को कह दिया गया कि उनकी मौत हो गई. आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद भी 4 लाख रुपये लूट लिए."

हाइटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हंगामा

अस्पताल के न्यूरो डिपार्टमेंट में चल रहा था इलाज: परिजनों ने बताया "मरोदा निवासी द्वारिका दास मानिकपुरी (60 साल) को गर्दन के पीछे गांठ की समस्या थी. उन्हें हाइटेक में न्यूरो सर्जन को दिखाया गया. डॉक्टर ने बताया कि गांठ में पानी भरा है. छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ेगा, जो आयुस्मान कार्ड से हो जाएगा. परिजन राजी हो गए और उन्होंने बीते 8 नवंबर को स्मृति नगर स्थित हाइटेक अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया. वहां कुछ दिन इलाज के बाद ऑपरेशन के लिए 19 नवंबर की डेट दी गई. ऑपरेशन न्यूरो सर्जन डॉ. निचिकेत दीक्षित और दीपक बंसल ने किया. "

सर्जरी के बाद चली गई आवाज: मृतक के भाई ने बताया "द्वारिका दास की सर्जरी के बाद आवाज चली गई. सर्जरी से पहले यह नहीं बताया गया था कि सर्जरी कराने से आवाज चली जाएगी लेकिन सर्जरी के बाद बता रहे हैं कि इसमें ये रिस्क रहता है. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को कुछ दिन और रखना पड़ेगा जिसके बाद वो ठीक हो जाएगा. इसके बाद 1 दिसंबर को बोला गया कि मरीज की मौत हो गई. "

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आयुष्मान कार्ड में इलाज के बाद भी लिए 4 लाख रुपये: परिजनों ने आरोप लगाया कि " आयुष्मान कार्ड से मरीज का इलाज हुआ और उससे 50 हजार रुपए काटे गए हैं. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से 4 लाख रुपये जमा कराए हैं. पूछने पर कहा कि आयुष्मान कार्ड से पूरा इलाज नहीं होता है."

बिल में मरीज के नाम पर परचेज डेट नहीं: परिजनों का कहना है कि "अस्पताल से जितनी भी दवा खरीदी गई वह किस दिन और किस मरीज के लिए दी गई. कितने समय दी गई उसका कोई जिक्र नहीं है. केवल दवा का बिल दिया गया. पूछने पर अस्पताल का स्टॉफ कहता है यहां ऐसा ही होता है."


परिजनों ने अधिकारियों से की शिकायत: परिजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही के चलते उनके मरीज की मौत हुई है. इसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर दुर्ग, सीएसपी भिलाई नगर और सीएमएचओ दुर्ग से की है." परिजनों ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है.

Last Updated : Dec 3, 2022, 2:27 PM IST

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